अंटार्कटिका में 2 साल पहले केवल 4 महीने के अंतराल में 85 हजार भूकंप आए थे। अगस्त 2020 से शुरू हुए इन भूकंपों की बाढ़ आना शुरू हुई जो करीब 4 महीने तक जारी रही। नए अध्ययन ने इसके कारणों का खुलासा किया है। अब तक की सबसे शक्तिशाली भूकंपीय गतिविधियों की वजह एक ज्वालामुखी है जो लंबे समय से सुसुप्त पड़ा हुआ था और अब जाकर साल 2020 में वह ऐसा फूटा था कि भूकंपों की बाढ़ आ गई थी।
अंटार्कटिका में ऐसा पहली बार देखने को मिला
भूकंप के इन विशाल झटकों की बाढ़ पृथ्वी के क्रोड़ से गर्म मैग्मा को मिल रहे धक्के का नतीजा थी। इस अध्ययन के नतीजे कम्यूनिकेशन्स अर्थ एंड एनवायर्नमेंट जर्नल मे प्रकाशित हुए हैं। इस अध्ययन के प्रमुख लेखक और पोस्डम के जीएफजेड जर्मन रिसर्च सेंटर फॉर जियोसाइंसेस डॉ. समोन चेस्का ने लाइव साइंस को बताया कि पृथ्वी पर इस तरह अतिक्रमण दूसरी जगहों पर ही होते रहे हैं। लेकिन यह पहली बार है कि इस तरह की गतिविधि अंटार्कटिका में देखने को मिली है।
भूगर्भीय समय के पैमाने पर दिखाई देती हैं ऐसी प्रक्रियाएं
चेस्का ने बताया कि इस तरह की प्रक्रियाएं सामान्यतः भूगर्भीय समय के पैमाने पर दिखाई देती हैं और मानवजीवन काल में देखने को मुश्किल से मिलते हैं। इस लिहाज से उन्होंने कहा कि हम बहुत भाग्यशाली हैं जो इसे देख सके। यह गतिविधि ब्रैंसफील्ड जलसंधि में ओर्का सामाउंट नाम के निष्क्रिय ज्वालामुखी में देखने को मिली है जो समुद्र तल से 900 मीटर की ऊंचाई तक है। यह जलसंधि दक्षिणी शेथलैंड और अंटार्कटिका को उत्तर-पश्चिमी शीर्ष के बीच का रास्ता है।