सोयाबीन में कई बीमारियों और इंफेक्शन का इलाज छिपा है। सोयाबीन प्रोटीन का एक अच्छा स्रोत माना जाता है। इसमें मिनरल्स के अलावा, विटमिन बी कॉम्प्लेक्स और विटमिन ए की भी भरपूर मात्रा पाई जाती है। आज हम आपके लिए सोयाबीन के सेवन से होने वाले लाभ के बरेमे बताने वाले है, जानने के लिए इस लेख को पुरा पढे।
सोयाबीन हेल्दी वेट गेन और वेट लूज में मदद करता है, अगर उसे सीमित मात्रा में खाया जाए तो। सोयाबीन में फाइबर और प्रोटीन अत्यधिक मात्रा में होता है। इसलिए यह उन लोगों के लिए भी फायदेमंद है जो वजन घटाना चाहते हैं और उन लोगों के लिए भी जो बढ़ते वजन को कम करना चाहते हैं।
सोयाबीन हड्डियों की मजबूती के लिए बेहद जरूरी माना जाता है। अकसर महिलाएं घुटनों और कमर के दर्द की शिकायत करती हैं। ऐसा कमजोर हड्डियों या फिर नसों पर दबाव की वजह से होता है। सोयाबीन में विटमिन, मिनरल के अलावा कैल्शियम, मैग्निशियम और कॉपर जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं, इसलिए यह हड्डियों को मजबूत बनाने में मददरूप साबित होता है।
सोयाबीन डायबीटीज और हार्ट डिजीज की रोकथाम करने में भी मदद करता है। इसमें मौजूद अनसैचरेटेड फैट्स बैड कलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद करते हैं। इससे हार्ट संबंधी बीमारियों का खतरा कम होता है। सोयाबीन बर्थ डिफेक्ट्स को भी दूर करता है। इसमें मौजूद विटमिन बी कॉम्प्लेक्स और फॉलिक ऐसिड प्रेगनेंट महिलाओं के लिए बहुत फायदेमंद होता है। साथ ही यह मानसिक विकास में भी मदद करता है।
शुगर युक्त खाद्य पदार्थों के सेवन से मधुमेह की समस्या बढ़ती है। इसे लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स फूड की श्रेणी में गिना जाता है, जिसमें कार्बोहाड्रेट की कम मात्रा हो जाती है। इसलिए, मधुमेह में सोयाबीन का सेवन लाभकारी साबित होता है। इसमें पाया जाने वाला प्रोटीन ग्लूकोज को नियंत्रित करता है और इंसुलिन में आने वाली बाधा को कम करता है। साथ ही सोयाबीन में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा कम होने के कारण इससे बने उत्पादों का सेवन मधुमेह के मरीज के लिए अच्छा होता है।
सोयाबीन में प्रोटीन की मात्रा पाई जाती है। इससे बने सप्लीमेंट्स को लेने से सिस्टोलिक और डायस्टोलिक रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद मिलती है। एक वैज्ञानिक अध्ययन में भी इस बात की पुष्टि की गई है कि उच्च रक्तचाप को नियंत्रण में लाने के लिए सोयाबीन प्रोटीन से बने सप्लीमेंट्स का सेवन करना लाभदायी होता है।
सोयाबीन के बीज में एंटी-इंफ्लेमेटरी व कोलेजन (प्रोटीन का समूह) के गुण पाए जाते हैं। ये सभी मिलकर त्वचा को खिला-खिला और जवां बनाने में मदद करते हैं। इसमें मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट आपकी त्वचा को अल्ट्रा वाइलेट किरणों से भी सुरक्षा दिलाता है। इससे बनी क्रीम के उपयोग से भी त्वचा को लाभ मिलता है।
सोयाबीन में फाइटोएस्ट्रोजन (एक तरह का हार्मोन) गुण होता है, जो रासायनिक संरचना में मानव एस्ट्रोजन से मिलता-जुलता है। एस्ट्रोजन नींद के अवधि में वृद्धि करता है। सोयाबीन का सेवन नींद के लिए लाभकारी हो सकता है। नींद पूरी न होने की समस्या भी दूर हो सकती है। बुजुर्गों में ये समस्या होना आम बात है, ऐसे में सोयाबीन का सेवन उनके लिए लाभकारी साबित होता है।
सोयाबीन के फायदे में से एक फायदा बालों के लिए भी है। सोयाबीन के बीज में फाइबर, विटामिन-बी, विटामिन-सी, और अन्य मिनरल्स पाए जाते हैं। ये बालों के विकास और मजबूती के लिए सहायक साबित होते हैं। इसमें आयरन की भी अच्छी मात्रा होती है, जो बालों को झड़ने से रोकने में सहायता पहुंचता है।
सोयाबीन में उपस्थित फास्फोरस व्यक्तियों को दिमाग़ से सम्बंधित परेशानियां, मिर्गी, याददाश्त कमजोर होना, सूखा रोग, और फेफड़ो से संबंधित बीमारियों से दूर रखने में मदद करता है। इसके लिए सोयाबीन के आटे का उपयोग करना चाहिए। सोयाबीन के आटे में मौजूद लेसिथीन नामक पदार्थ इन सभी बीमारियों को दूर करने में मददरूप साबित होता हैं।
पेट के कीड़ों को मारने के लिए भी सोयाबीन का इस्तेमाल किया जाता है। सोयाबीन की छाछ पीने से पेट के कीड़े मारने में मदद मिलती है। सोयाबीन शरीर के विकास में मदद करता है। यह त्वचा, मांसपेशियां, नाखून, बाल के विकास में मददरूप साबित होता है। इसके अतिरिक्त यह फेफड़ों, हृदय, शरीर के आंतरिक भागो की रचना में भी लाभदायी होता है।