लहसुन सब्जियों का स्वाद बढ़ाता है। साथ ही यह सेहत के लिए भी बहुत ही गुणकारी साबित होता है। आयुर्वेद में लहसुन को एक बेहतरीन औषधी माना जाता है। कई आयुर्वेदिक एक्सपर्ट अपने डाइट में नियमित रूप से लहसुन शामिल करने की सलाह देते हैं। अगर आप अपने लिवर को हेल्दी बनाए रखना चाहते हैं, तो लहसुन का सेवन जरूर से करें।
त्रिफला एक बेहतरीन आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी है। त्रिफला के सेवन से शरीर की कई परेशानियों को दूर कर सकते है। त्रिफला तीन जड़ी-बूटियों से मिलकर बना होता है। जिसमें आंवला, हरीतकी, बिभीतकी शामिल है। त्रिफलाके सेवनसे ना सिर्फ मेटाबॉजिल्म बूस्ट होता है, बल्कि इससे लिवर भी स्वस्थ रहता है। आंवला विटामिन सी से भरपूर होता है। यह एक बेहतरीन एंटीऑक्सीडेंट है, जो लिवर में जमा फैट को कम करने में कारगर होता है।
नियमित रूप से आंवले का जूस पीने से फैटी लिवर की परेशानी दूर सकती है। आंवले को किसी भी रूप में खा सकते हैं। कच्चा आंवला सबसे बेहतरीन मन जाता है। मुलेठी का सेवन पेट संबंधित विकार को दूर करने के लिए किया जाता है। आयुर्वेदिक विज्ञान में मुलेठी का सेवन लिवर संबंधित बीमारी को दूर करने के लिए किया जाता है। दरअसल मुलेठी में एंटी-इंफ्लमेटरी प्रॉपर्टीज और ग्लिसराइजिक एसिड की प्रचुर मात्रा इम्यूनीटी सिस्टम को बूस्ट करने में मददगार होती है, जिसका लाभ लिवर के मरीज को मिलता है।
गाजर ओर लौकी में मौजूद विटमिन ए लिवर की बीमारी को रोकता है। इसका जूस लीवर की गर्मी और सूजन को भी कम करता है। लीवर सिरोसिस में पालक व गाजर का मिश्रित रस फायदेमंद साबित होता है। गाजर में इनप्लांट फ्लेवोनॉयड्स और बीटा-कैरोटीन नामक तत्व भी पाए जाते हैं जो लीवर के सुचारू संचालन में सहयोग करते हैं। सेब को संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए ही अच्छा माना जाता है।
लिवर के लिए भी सेब बेहद फायदेमंद है। सेब में पेक्टिन होता है जो शरीर को शुद्ध करने और पाचन तंत्र से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है। अखरोट में एमिनो ऐसिड पाया जाता है जो प्राकृतिक रूप से लिवर को डीटॉक्स करता है इसलिए इसका सेवन करना अनिवार्य है।
हल्दी के गुण किसी से छिपे नहीं हैं। लिवर के लिए भी यह किसी चमत्कार से कम नहीं है, जो लिवर में होने वाले रैडिकल डैमेज की मात्रा को कम करता है। हल्दी पाचन में मदद करती है और पित्त का निर्माण करती है, जो हमारे लिवर के लिए प्राकृतिक डीटॉक्सिफायर का काम करते है। स्वस्थ लिवर के लिए कॉफी पीना बहुत जरूरी है।
कॉफी इन्फ्लेमेशन को कम करती है और एंटीऑक्सीडेंट्स के स्तर को बढ़ाती है जो लिवर को मजबूत बनाता है। अध्ययनों में यह बात सामने आई है कि कॉफी परमानेंट लिवर डैमेज के खतरे को कम सकती है। हरी पत्तेदार सब्जियां खून में मौजूद विषाक्त पदार्थों को शरीर से बाहर निकालने में मदद करती हैं। इसके अलावा वे शरीर में भारी धातुओं के असर को कम करके लिवर की रक्षा करते हैं।
इसलिए जितना हो सके हरी पत्तेदार सब्जियां रोज खाएं। इससे किडनी की हरियाली हमेशा कायम रहेती है। चाय खासकर ग्रीन टी लिवर के लिए बहुत फायदेमंद होती है। एक जापानी अध्ययन में यह पाया गया कि जिन लोगों ने रोजाना पाच-दस कप ग्रीन टी का सेवन किया उनके लिवर पर इसका बहुत अच्छा असर देखने को मिला।
एक और शोध में यह पाया गया कि ग्रीन टी पीने वालों में लीवरके कैंसर का खतरा भी बहुत कम हो सकता है। लिवर रोग का आयुर्वेदिक इलाज करवाने के साथ-साथ योगासन भी करना लाभकारी होता है। इसलिए रोजाना अनुलोम-विलोम प्राणायाम और भस्त्रिका प्राणायाम करने की आदत डालनी चाहिए।
ब्लूबेरीमे लिवर को स्वस्थ बनाए रखने के लिए आवश्यक एंटीऑक्सीडेंट्स पर्याप्त मात्रा में मौजूद होते हैं। ब्लूबेरी में एंथोसायनिंस होता है जो लिवर की खराबी से बचाता है। आहार में नियमित ब्लूबेरी का सेवन करना बेहद जरूरी होता है।