शरीर को शक्तिशाली बनाने के लिए मेवों में बादाम को सर्वोपरि माना जाता है। यह स्वास्थ्यवर्द्धक, शक्तिदायक मेवा है। यह दिमाग व नेत्रों को ताकत देने में सर्वाधिक फायदेमंद है। बादाम सूखा और भिगोया हुआ दोनों ही रूपों में लाभदायक और बलवर्द्धक होता है।
इसे खूब चबा-चबाकर खाना चाहिए। बादाम का हलुआ पुष्टिकारक होता है। बादाम, छोटी इलायची, मुनक्का व सौंफ सभी को पानी में घोटकर व रस निकालकर उसमें मिश्री मिलाकर दिन में 3 बार पीने से जिगर की सूजन दूर होती है।
5 बादाम रात को पानी में भिगोकर प्रातः पत्थर पर घिसकर दूध में मिलाकर नियमित रूप से पीने से दिमागी कमजोरी दूर होती है।बादाम, सौंफ व मिश्री पीसकर रात को एक गिलास गरम दूध के साथ 40 दिन तक खाने से नेत्र ज्योति बढ़कर, दिमागी थकान मिटती है।
8 बादाम, 5 छोटी इलायची व 2 केसर रात को मिट्टी के बरतन में भिगोकर प्रातः घोटकर उसमें 70 ग्राम मिश्री व इतना ही गाय का मक्खन मिलाकर 8-10 दिन सेवन करने से लाभ होता है। बादाम, दालचीनी, केसर, चांदी के वर्क, लौंग पिस्ता को पीसकर शहद मे मिलाकर कांच की शीशी में भर लें।
सुबह-शाम इसकी 2 ग्राम की मात्रा दूध के साथ एक माह तक सेवन करने से तुतलाना दूर होता है।एक बादाम की गिरो जलाकर पत्थर पर पीसकर इसमें देशी घी मिलाकर साफ डिब्बी में भर लें। प्रतिदिन इस काजल को लगाने से नेत्रज्योति बढ़ती है तथा नेत्रों के सभी विकार दूर होते हैं
रात को बादाम की गिरियां भिगोकर प्रात: छीलकर दूध के साथ खाने से आंख आना, पानी गिरना, नेत्रपीड़ा तथा आंखों की कमजोरी दूर होती है। बादाम गिरी, मिश्री व चंदन का बुरादा पानी में पीसकर दिन में 3 बार खाने से सुजाक रोग शांत पड़ता है।
चेहरे की कांतिः रात को बादाम पानी में भिगोकर प्रातः पीसकर दूध में मिलाकर पीने से चेहरे पर रौनक आती है। 4 माशा बादाम की गिरी को शहद में पीसकर खिलाने से पागल कुत्ते का जहर नष्ट होता है।
बादाम की 5 गिरियां रात को गरम पानी में भिगोकर प्रातः छिलका हटा दें।
उन्हें पीसकर 20 ग्राम गुलकन्द, ग्राम असगन्ध तथा । ग्राम शतावरी का चूर्ण मिलाकर खाएं। ऊपर से एक कप दूध पीने से शरीर पुष्ट होता है तथा कद भी बढ़ता है। रात को भिगोई हुई बादाम की गिरी प्रात: छीलकर खाने तथा ऊपर से दूध पीने से आंख से पानी गिरना, आंख आना, कमजोरी, आंखों का थकना आदि सभी प्रकार के नेत्र रोग दूर होते हैं।
। किलो बादाम के छिलके, 2 ग्राम पिप्पली, 2 ग्राम श्वेत चंदन, 5 ग्राम फिटकरी, 5 ग्राम सेंधा नमक, 10 ग्राम अकरकरा, 2 ग्राम मुश्क कपूर को महीन पीसकर कपड़छन कर प्रतिदिन मंजन करने से एक मास में पायरिया रोग दूर हो जाता है।
बादाम के छिलके, फिटकरी, सेंधा नमक, अकरकरा, पिप्पली, सफेद चंदन व मुश्क कपूर को महीन पीसकर चूर्ण बना लें। सुबह-शाम सेवन करने से लाभ होता है। बादाम के तेल की मालिश कमर पर करने से कमर का दर्द जल्दी ठीक हो जाता है।
7 बादाम की गिरी व 7 छोटी इलायची पीसकर उसमें 500 ‘मिली. पानी मिलाकर छान लें। इसमें मिश्री मिलाकर प्रतिदिन दिन में 3 बार से मूत्र करते समय होने वाली जलन मिट जाती है। सफेद दागों पर बादाम का तेल मलने से शरीर पर उभर आए सफेद दाग मिट जाते हैं।