हल्दी के पौधे छोटे, कोमल और वर्षजीवी होते हैं। इसके पत्ते बहुत बड़े-बड़े होते हैं। इस वृक्ष की जड़ों में जमीन के अन्दर हल्दी की गठान लगती हैं। ये गठानें पीले रंग की होती हैं। हल्दी मसाले के तौर पर सारे भारतवर्ष में उपयोग में ली जाती है हल्दी स्वाद में चरपरी, कड़वी और स्वभाव से गरम होती है।
यह ऊष्ण, रूखी, शोधक व सौन्दर्यवर्धक है। यह कफ, वात, रुधिर, दोष, कोढ़, खुजली, प्रमेह, त्वचा के दोष, घाव, सूजन, पाण्डुरोग, कृमि, अरुचि, पित्त और अपचन को दूर करती है। यह यकृत को सुधारकर पीलिया रोग में भी लाभ पहुंचाती है।
जिस प्रकार हरड़ सर्वगुण सम्पन्न है, उसी प्रकार हल्दी भी लगभग सभी रोगों में फायदेमंद है। सर्दी लग जाने पर हल्दी की धूनी दी जाती है। तथा हल्दी को दूध में औंटाकर, गुड़ मिलाकर पिलाने से नाक के द्वारा सर्दी बहकर मस्तक का भार हल्का कर देती है।
हल्दी व आंवले का काढ़ा देने से सुजाक रोग में वेदनायुक्त, गाढ़ा व थोड़ा-थोड़ा पेशाब आना ठीक हो जाता है। प्रदर रोग में हल्दी को गूगल या रसौत के साथ देने से फायदा होता है। आंखों के दुखने या आने पर डेढ तोला हल्दी को 10 औंस पानी में औंटाकर, कपड़े में छानकर आंखों में टपकाते हैं और उसमें कपड़े को तर करके आंखों पर रखते हैं।
इससे आंखों में ठण्डाई पैदा होती है, वेदना शान्त होती है और आंखों से कीचड़ का बहना कम हो जाता है। हल्दी और फिटकरी को मिलाकर कान में टपकाने से कान का बहना व दर्द रुक जाता है। सर्दी से होने वाली अंगों की वेदना, दस्तों की वजह से होने वाले जोड़े के दर्द व मस्तक शूल में हल्दी खाने व लगाने से अच्छा लाभ होता है।
बवासीर के सूजे हुए मस्सों पर हल्दी घीकुंवार के गूदे में मिलाकर लगाने से फायदा होता है। चर्मरोगों में हल्दी बहुत ही उपयोगी वस्तु है। हल्दी को मक्खन में मिलाकर त्वचा पर लगाने से त्वचा मुलायम होती है और बहुत से चर्मरोग नष्ट हो जाते हैं।
हल्दी के उबटन से देह का सौन्दर्य भी निखर जाता है, इसलिए विवाह के समय भारतवर्ष में दूल्हा-दुल्हन को हल्दी का उबटन लगाना शास्त्रसम्मत माना गया है। शरीर के अन्दर भीतरी चोट पहुंची हो अथवा रक्त का जमाव हो गया हो, तो हल्दी को दानेदार शक्कर के साथ देने से खून का जमाव बिखर जाता है और रक्त संचालन क्रिया ठीक हो जाती है।
बच्चा जब छोटा हो, तब प्रसूता को हल्दी देना उत्तम होता है। इससे दूध की शुद्धि होती है और गर्भाशय को उत्तेजना मिलती है। हल्दी बाहरी तथा भीतरी दोनों ही दृष्टियों से उत्तेजक और सर्वगुण सम्पन्न होती है।
खून में ब्लड शुगर बढ़ने पर हल्दी वाले दूध का सेवन फायदेमंद रहता है.
दूध में हल्दी मिलाकर पीने से शुगर लेवल कम होता है. प्रतिदिन एक गिलास दूध में आधा चम्मच हल्दी मिलाकर पीने से शरीर स्वस्थ रहता है. सोने से आधे घंटे पहले हल्दी वाला दूध पीने से नींद अच्छी आती है।
लेकिन याद रहे हल्दी का ज्यादा सेवन ब्लड शुगर की निर्धारित मात्रा को भी कम कर सकता हैं.
दो चम्मच खीरे के रस में एक चौथाई हल्दी मिलाकर चेहरे पर लगाने से चेहरे की रंगत निखरती है।आग या गरम चीज़ से जलने पर हल्दी और एलोवेरा का लेप लगाएं, निशान हल्के हो जाएंग