दाद छूत का रोग है। यह रोगी व्यक्ति के कपड़ों तथा वस्तुओं को छूने मात्र से ही हो जाता है। यह शुरू में धीरे-धीरे लेकिन कुछ दिनों बाद बड़ी तेजी से फैलता है। दाद की उत्पत्ति एक तरह की फफूंदी के कारण मानी गई है।
इस रोग के रोगाणु रोमकूपों के भीतर प्रवेश करके चर्म को प्रभावित करते हैं। यह पैरों, हाथों, कुहनी, जांघ तथा दाढ़ी में बड़ी जल्दी फैलता है। शुरू में यह छोटे से चकत्ते के रूप में दिखाई देता है। इसका रंग लाल होता है।
लेकिन धीरे-धीरे यह मटमैला हो जाता है। इसमें खुजली होती है। खुजली के बाद जलन भी पड़ती है।
गुलकंद या गुलाब के फूलों को बताशे में मिलाकर दूध के साथ पी जाएं। कच्चे पपीते का दूध दाद के लिए रामबाण है।
थोड़ा-सा नौसादर पीसकर उसमें नीबू मिला लें। इसके बाद दाद पर कुछ दिनों तक नित्य लगाएं।
गुलाब के फूलों के अर्क में नीबू का रस मिलाकर लगाने से कुछ दिनों में दाद ठीक हो जाता है। सुहागा, जायफल व गंधक-तीनों पीसकर नीबू के रस में मिलाकर लगाये लहसुन के रस को दाद पर लगाने से काफी लाभ होता है।
पुराने दाद पर अनार के पत्तों को पीसकर लगाएं। अमलतास के पत्तों को पीसकर दाद पर लेप करने से कुछ दिनों के भीतर दाद चला जाता है। बबूल के फूलों को सिरके में पीसकर दाद पर लगाएं।
करेले का रस दाद पर लगाने से दाद चला जाता है।
चाय की पत्तियों को दाद पर रगड़ना चाहिए। कालीमिर्च को पीसकर देशी घी में मिलाकर दाद पर लगाएं। मूली के बीज पीसकर गंधक के घोल में मिलाकर दाद पर लगाएं। यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में बड़ी ही आसानी से फैल सकता है।
दाद को चिकित्सकीय भाषा में टिनीया कहते हैं। यह एक परतदार त्वचा पर गोल और लाल चकत्ते के रूप में दिखाई देता है। इसमें खुजली एवं जलन होते हैं। यह बड़ी ही आसानी से संक्रमित व्यक्ति की चीजें या कपड़े उपयोग करने से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल सकता है।
क्या आपको पता है दाद खाज खुजली होने का कारण क्या है, दाद के लक्षणों की पहचान कैसे की जा सकती है। दाद खाज खुजली होने पर आपको क्या घरेलू उपचार करना चाहिए। दाद की आयुर्वेदिक दवा कौन-कौन सी है। यहां खुजली दूर करने के लिए कई घरेलू नुस्खे बताए जा रहे हैं ताकि आप इसका पूरा लाभ ले पाएं।
दाद खाज खुजली त्वचा की एक बीमारी है। यह फंगल संक्रमण के कारण होता है। दाद के कारण रोगग्रस्त व्यक्ति को काफी परेशानी का सामाना करना पड़ता है इसलिए यहां दाद खाज खुजली को दूर करने के लिए घरेलू उपाय बताए जा रहे हैं।
दाद एक तरह का फंगल इंफेक्शन होता है जो एक तरह के फंगस के संक्रमण से होता है, इसमें खुजली एवं जलन होती है तथा यह गोल चकत्तो के रूप में होते है। वहीं एक्जिमा में भी तवचा पर खुजली और लाल चकत्ते हो जाते है परंतु यह फंगल इंफेक्शन नहीं है।
एक्जिमा के पीछे का सही कारण अभी तक पूरी तरह से ज्ञात नहीं है परंतु कुछ ऐसे ट्रिगर है जो एक्जिमा को शुरू या खराब करने में जिम्मेदार होते है जैसे कुछ खाद्य पदार्थों के प्रति एलर्जी जैसे-डेयरी उत्पाद, खट्टे भोजन, मछली, अंडे, मसालेदार भोजन आदि या फिर किन्हीं विशेष पदार्थों के सम्पर्क में आने से जैसे-धूल के कण, पराग, बैक्टिरीया, वायरस रूली आदि।
दूसरी तरफ एक्जिमा अनुवांशिक भी होता है,
नीम का तेल हो या इसकी पत्तियां का पेस्ट, दोनों ही दाद खत्म करने का सटीक इलाज हैं। आधे चम्मच नीम के पत्ते के पाउडर में एक चम्मच गर्म पानी मिलाकर पेस्ट बना लीजिए और इसे दाद पर लगाएं।