छोटे-बड़े लोगों की आंखें किन्हीं कारणवश दुःखने लगती हैं। यदि शुरुआती दौर में ही इन पर ध्यान दिया जाए तो घातक परिणाम नहीं होता। इसके अलावा नियमित रूप से आंखों को दिन में कई बार धोने अथवा उन पर पानी के छोटे मारने चाहिए।
इससे भी आंखों का रोग होने की संभावना नहीं रहती। कारण-ठंड लगने, आंखों में चोट लग जाने, धूल-धुआं पड़ जाने,संक्रमण, तेज धूप में रहने, ठंडी हवा लगने तथा चेचक, सूजाक आदि के कारण। आंखें दुःखने लगती हैं।
लाल-लाल आंखें देखकर हर कोई आ गई हैं। कह देता है कि आंखें। पहचान- आंखें लाल हो जाती हैं। पलकों पर सूजन आ जाती है। आंखों में जलन, लपकन, पीड़ा आदि होती है। पानी बहने के कारण आंखें खुल नहीं पाती।
आंखें खोलकर देखना कठिन हो जाता है। रोशनी में आंखों के भीतर चमक सी भर जाती है। कभी-कभी आंखों में मैल कीचड़ के रूप में दिखाई देता है। सुबह आंखें चिपक जाती हैं। लौकी का छिलका छीलकर सुखा लें। अब उनको जलाकर राख कर लें।
फिर खरल में पीसकर बारीक करें। सुबह-शाम इस अंजन को सलाई से आंखों में लगाएं। दुःखती आंख बड़ी जल्दी ठीक हो जाएगी। त्रिफला का आधा चम्मच चूर्ण रात को सोते समय शहद के साथ सेवन करें। इससे आंखों की बहुत-सी बीमारियां दूर हो जाती हैं।
कालीमिर्च के चूर्ण को नियमित रूप से मक्खन के साथ खाने से आंखों की ज्योति बढ़ती है तथा पलकों की सूजन चली जाती है। आंखों में शहद डालने से आंखों की लाली कम हो जाती है। दुःखती आंखों में गुलाबजल में फिटकिरी मिलाकर सुबह शाम डालें।
पानी में थोड़ी-सी फिटकिरी घोलकर आंखों में सलाई से लगाएं। तुलसी का अर्क तैयार करके आंखों में डालें। हरे धनिए को पानी में अच्छी तरह धोकर उसे गुलाबजल में मसल लें। इस पानी को छानकर आंखों में बूंद-बूंद डालें। काजल में थोड़ा-सा कपूर मिलाकर आंखों में लगाएं।
अफीम, फिटकिरी तथा रसौत- सभी 3-3 ग्राम की मात्रा में लेकर पीस डालें। आंखों में दर्द यानी तेज दर्द, जलन, थकान या लाल होना और बार-बार ऐसा लगना कि जैसे आंखों में कुछ है. वैसे तो कभी-कभी आंखों का दर्द अपने आप ठीक हो जाता है लेकिन कभी-कभी मामला गंभीर भी होता है.
इस दर्द को तो ठीक करने के लिए कई उपाय या प्राथमिक उपचार दिए जा सकते हैं, लेकिन आंख के अंदर होने वाले दर्द में डॉक्टर की मदद लेनी होती है. अगर महसूस हो कि आंख में ज्यादा परेशानी है तो इसे नजरअंदाज न करें और डॉक्टर के पास जाएं.
आँखों की असुविधा का एक और बहुत ही आम कारण आँखों में सूखापन है। आमतौर पर आँख में सूखेपन की असुविधा किसी विजातीय तत्व या घर्षण से आँखों के दर्द की तुलना में अधिक धीरे और क्रमिक रूप से शुरू होती है।
कभी-कभी आँखों में सूखापन कॉर्नियल घर्षण का कारण बन सकता है, क्योंकि कॉर्निया को नम और फिसलनदार रखने के लिए आँखों की सतह पर पर्याप्त आंसू नहीं होते हैं।
आँखों में दर्द का एक बहुत ही गंभीर कारण एंडॉफ्थाल्माइटिस नामक एक स्थिति है, जो आँख के अंदरूनी हिस्से की सूजन होती है जो अक्सर बैक्टीरियल संक्रमण के कारण होती है। यह मोतियाबिंद सर्जरी की एक दुर्लभ जटिलता के रूप में भी हो सकती है।
आलू के स्लाइस भी आंखों के लिए अच्छे होते हैं। ये ताज़ा कटे हुए स्लाइस आंखों पर इस्तेमाल किए जा सकते हैं। वैकल्पिक रूप से, आलू का रस भी आंखों पर लगाया जा सकता है।
इन सब घरेलू उपचारो से आपको आँखो की समस्या जैसे जलन, दर्द आदि से तुरंत राहत मिलेगी। आँखों की असुविधा का एक और बहुत ही आम कारण आँखों में सूखापन है