हमारे द्वारा भोजन ग्रहण करने के बाद उसका पाचन संस्थान द्वारा पाचन होता है।मुंह में ग्रास के जमाने के साथ ही पाचन क्रिया की शुरुआत हो जाती है। उसके बाद ग्रास नली द्वारा आमाशय में पहुंचकर भोजन के बचने की क्रिया आरंभ होती है। अगर इस प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की रुकावट होती है। तो फिर भोजन सही ढंग से नहीं पचता तथा अपच होती है और फिर कब्ज होती है। सही ढंग से मल का ना निकलता कब्ज कहेलता है|
कब्ज एक बहुत ही आम पाचन विकार है जो कि सभी उम्र के लोगों को प्रभावित करता है। कब्ज मल को निकालने में बहुत परेशानी करता है और व्यक्ति को मल को निकालने के लिए ज़रूरत से ज्यादा दबाव लगाना पड़ता है। यह रोग अधिक तनाव के कारण भी होता है।शोक, दुख, चिंता के कारण भी कब्ज हो जाता है। इसमें पेट में गैस बनने लगती है।देर रात तक जागने की आदत।भोजन पचे बिना ही दोबारा भोजन करना।
भुना या चिकना भोजन करने से या किसी बीमारी के कारण भी हो सकता है।अधिक मात्रा में चाय, कॉफी, तंबाकू या सिगरेट आदि का सेवन करना। भोजन में रेशेदार आहार की कमी होना।मैदे से बने एवं तले हुए मिर्च-मसालेदार भोजन का सेवन करना। पानी कम पीना या तरल पदार्थों का सेवन कम करना। समय पर भोजन ना करना।रात में देर से भोजन करना।हार्मोन्स का असंतुलन या थायराइड की परेशानी होना।अधिक मात्रा में या लम्बे तक दर्द निवारक दवाइयों का इस्तेमाल करना।
कुंथन करने पर ही मलत्याग होना।पेट में दर्द एवं भारीपन रहना।पेट में गैस बनना।मल का सख्त एवं सूखा होना। सिर में दर्द रहना,बदहजमी,बिना श्रम के ही आलस्य बने रहना,पिण्डिलियों में दर्द रहना,मुंह से दुर्गन्ध आना,कब्ज के कारण मुँह में छाले होना भी एक आम समस्या है।
त्वचा में मुँहासे या फुंसियाँ होना,हवा पास नहीं होती, खट्टी डकार आती है तथा जी मिचलाने लगता है।कब्ज के अन्य लक्षणों में फूला हुआ पेट, असामान्य रूप से छोटा या बड़ा मल, अम्लता, भूख न लगना, साँस की बदबू, सिर दर्द, अवसाद, मुँहासे, और मुँह का अल्सर हैं।
अदरक की चटनी नमक मिलाकर चाटने से गैस पास होने लगती है। अदरक के रस में नींबू और पुदीने का रस मिलाकर पीने से रोग में आराम मिलता है। यदि आवश्यक लगे तो एक दो चम्मच शहद भी मिला सकते हैं। सोंठ, कालीमिर्च, पीपल को बराबर मात्रा में लेकर चूर्ण बना लें सुबह-शाम एक-एक चम्मच लें। कब्ज दूर होगी।
पके हुए बेल का शरबत पीने से या बेल के गूदे में सौंफ का पाउडर मिलाकर पीने से कब्ज दूर होती है। सीधा पका बेल खाए तो और अच्छा।अदरक और सूखे धनिए का काढ़ा पीने से कब्ज दूर होती है। रात में दूध के साथ दो चम्मच इसबगोल खाने में कब्ज में आराम मिलता है।
पुदीने का रस चीनी या गुड़ मिलाकर ले।सौंठ,इलायची, दालचीनी को बराबर मात्रा में लेकर कूटकर पाउडर बना लें सुबह-शाम सादे पानी के साथ एक चम्मच लेने से कब्ज दूर होती है। गर्म पानी में एक नींबू मिलाकर पीने से कब्ज दूर होती है।
रात्रि में तांबे के पात्र में रखा पानी प्रात: शौच जाने से पहले पीने से कब्ज दूर होती है।रात को गर्म दूध के साथ एक चम्मच त्रिफला लेने से कब्ज दूर होगा। कब्ज होने पर हीरा हींग की सांस लेने से भी तथा नाभी पर हींग रखने और मलने से भी कब्ज की शिकायत दूर होती है।
आधा चम्मच पीपल का चूर्ण गुड के साथ लेने से भी कब्ज दूर होगी।सौंठ, हरड़, अजवाइन को समान मात्रा में पानी में उबालें तथा वह पानी नमक मिलाकर लेने से कब्ज दूर होगा। खट्टी छाछ या कांजी का पानी भी पीने से कब्ज की शिकायत दूर होती है।
भुनी हींग, भुना जीरा, सौढ़,सेंधा नमक समान मात्रा में लेकर चूर्ण बना लें यह चूर्ण गुनगुने पानी के साथ लेने से कब्ज दूर होगी।कच्ची गाजर चबा चबा कर खाने से कब्ज दूर हो जाता है। कब्ज मैं आंवले का मुरब्बा भी फायदेमंद है, आंवले का पाउडर भी ले सकते हैं। गिलोय का चूर्ण गुड़ के साथ लेने पर कब्ज दूर होता है।
भोजन के साथ सुबह शाम पपीता खाने से कब्ज दूर होता है।रात को सोते समय दूध में एक चम्मच एरंड तेल मिलाकर पीने से कब्ज दूर होता है। प्रतिदिन 25 मिली लीटर देसी गाय का गोमूत्र पीने से कब्ज दूर होता है। कमजोरी द्वारा पैदा हुई अपचे या पेट दर्द में कच्चा लहसुन चबाकर खाने से लाभ मिलता है। यदि खाना नहीं पचता तो फालसे के रस के साथ सेंधा नमक और कालीमिर्च मिलाकर पिए,फलासा पित विकारों में भी लाभ करता है।
एक गिलास पानी में एक चम्मच सोंठ उबालकर सेंधा नमक मिलाएं और ठंडा होने पर पिए। अपच में लाभ होगा।दही में बारीक प्याज काट कर खाने से लाभ मिलता है।कच्चे प्याज का रस पेट दर्द, बदहजमी, वायु विकार और अफरा में लाभदायक होता है।
राई के नियमित सेवन से पुराने से पुराना अपच नष्ट हो जाता है।अदरक का किसी भी रूप में प्रयोग करते रहने से भोजन सरलता पूर्वक पचता है और कब्जियत भी दूर होती है। कब्ज के लिए शहद बहुत फायदेमंद है। रात को सोने से पहले एक चम्मच शहद को एक गिलास पानी के साथ मिलाकर पिएं। इसके नियमित सेवन से कब्ज की समस्या दूर हो जाती है।
फलों में अमरूद और पपीता, कब्ज के लि बेहद फायदेमंद होते हैं। इनका सेवन किसी भी समय किया जा सकता है। इन्हें खाने से पेट की समस्याएं तो समाप्त होती ही हैं, त्वचा भी खूबसूरत बनती है। पालक भी कब्ज के मरीजों के लिए एक अच्छा विकल्प है। प्रतिदिन पालक के रस को दिनचर्या में शामिल कर, आप कब्ज से आजाादी पा सकते हैं, साथ ही इसकी सब्जी भी सेहत के लिए अच्छी होती है। लेकिन अगर आप पथरी के मरीज हैं, तो इसका इस्तेमाल न करें।
कब्ज से बचने के लिए नियमित रूप से व्यायाम और योगा करना बेहद फायदेमंद होता है। इसके अलावा हमेशा गरिष्ठ भोजन करने से बचना चाहिए।एक कप सौंफ के बीज लें और सुखाकर उन्हें भून लें।फिर उन्हें पीसें और मिश्रण को छान लें।एक जार में इस स्वादिष्ट पाचन पाउडर को स्टोर करें।गर्म पानी के साथ दैनिक रूप से इस पाउडर का आधा चम्मच लें।
एक गिलास पानी में एक चम्मच अलसी बीज को मिलाकर दो से तीन घंटे के लिए रख दें। दैनिक रूप से बिस्तर पर जाने से पहले यह पानी पिएं। सुबह में, आपका मल त्याग ज़्यादा बेहतर हो जाएगा। भोजन में काला नमक, आधा नींबू, सिका जीरा, हींग और सलाद की मात्रा बढ़ाएं। इससे कब्ज के साथ ही पेट से जुड़ी अन्य बीमारियां भी दूर हो जाती हैं।सोने से पहले गर्म दूध में एक चम्मच घी डालकर पीएं. यह कब्ज के लिए अच्छा नुस्खा माना जाता है।