हर तरह के सरकारी काम मे भ्रष्टाचार आम बात हे। एसे मे बिहार में ई-श्रम कार्ड बनाने में भी बहोत ही भ्रष्टाचार हुआ है। इसका सबूत उस वक्त लोगों के सामने आया जब केंद्रीय मंत्री कार्ड के लाभार्थियों को कार्ड वितरित कर रहे थे। एक महिला ने भरे मंच में मंत्री जी के सामने ही बोल दिया कि उसने इस कार्ड के लिए 100 रुपए चुकाने पड़े थे। जबकि केंद्र सरकार तो गरीबों को मुफ्त में ई-श्रम कार्ड बना रही है। भरे मंच पे कार्ड के लिए पैसे देने की एसी बात सुनकर मंत्री जी का चेहरा गुस्से से लाल हो गया। वह पर खड़े लोग भी दंग रह गए। मंत्री जी ने इस घटना के बाद मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं।
ये घटना बिहार की राजधानी पटना में एक कार्यक्रम के दौरान हुई थी। केंद्रीय श्रम संसाधन राज्य मंत्री रामेश्वर तेली लाभार्थियों को ई-श्रम कार्ड बाँट रहे थे। इसी व्यक्त ये घटना हुई, तब मंत्री जी के साथ मंच पर मौजूद तमाम लोग शर्म से लाल हो गए।
बिहार के सभी मजदूरों को ऑनलाइन ई-श्रम कार्ड से जोड़ने को लेकर पटना में ई श्रम कार्ड वितरण सह निबंधन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में चीफ गेस्ट के तौर पर केंद्रीय श्रम एवं रोजगार राज्य मंत्री रामेश्वर तेली और बिहार सरकार के श्रम संसाधन मंत्री जीवेश मिश्रा जी को आमंत्रित किया गया था। राज्य सरकार द्वारा राज्य के श्रमिकों को प्रावधान देने के लिए ई-श्रम कार्ड वितरण करने का समारोह चल रहा था।
केंद्रीय राज्य मंत्री श्रम संसाधन रामेश्वर तेली बिहार के श्रमिकों को ई-कार्ड का वितरण कर रहे थे। इसी बीच केंद्रीय मंत्री ने एक श्रमिक महिला किरण देवी को कार्ड देते समय उनसे सवाल पूछा कि उन्हें इस कार्ड को बनाने में किसी तरह का कोई भुगतान तो नहीं करना पड़ा ना। महिला ने इसका जवाब देते हुए कहा, मुझे ई-श्रम कार्ड को बनाने के लिए 100 रुपये देना पड़ा।
मंत्री जी श्रमिक महिला की इस बात को सुनकर हेरान रह गए और वहां पर मोजूद बिहार सरकार के श्रम संसाधन मंत्री जीवेश मिश्रा से निवेदन किया कि इस मामले की जांच कराएं और देखें आखिर क्या कुछ मामला है? क्योंकि श्रम संसाधन विभाग श्रमिकों को पैसे देने और सरकारी योजना का बेहतर लाभ पहुंचाने के लिए यह ई-श्रम कार्ड बनाने का काम कर रही है ना कि श्रमिकों से इसके पैसे लेने के लिए।
केंद्रीय मंत्री नेनिवेदन दिया हे कि सरकार श्रमिक कार्ड बनाने में एक भी रुपया नहीं ले रही है और यह पूरी तरह से निशुल्क है। श्रमिक महिला किरण देवी से भी जब मीडिया ने इस संबंध में पूछने की कोशिश की तो किरण देवी ने कहा कि उन्हें यह कार्ड बनाने में 100 रुपए खर्च करने पड़े।