24 अक्टूबर को टी-20 वर्ल्डकप में भारत-पाकिस्तान का मैच था। इस मैच मे पाकिस्तान की जीत हुई थी। इस जीत के बाद आरबीएस इंजीनियरिंग संस्थान में पढ़ने वाले तीन छात्रों ने पाकिस्तान की जीत को खुशी के मारे सेलिब्रेट किया था। उन छात्रों के खिलाफ देश विरोधी नारे लगाने के आरोप भी लगे थे। फिर 27 अक्टूबर को कश्मीर पुलिस ने तीनों छात्रों को गिरफ्तार कर लिया था। अब आगरा के वकीलों ने इन मुजलिमों का केस लड़ने से साफ इनकार कर दिया है।
आगरा के वकील नहीं लड़ना चाहते इन छात्रों का केस
इसके चलते आगरा एडवोकेट्स एसोसिएशन, जनपद बार एसोसिएशन, अधिवक्ता सहयोग समिति के पदाधिकारियों ने कश्मीरी छात्रों की देश के खिलाफ किए गए कार्य की कड़े शब्दों मे निंदा करते हुए उन्हें कोई भी कानूनी सहाय करने से साफ इनकार कर दिया है। इस मामले पर युवा अधिवक्ता संघ के मंडल अध्यक्ष नितिन वर्मा का बयान भी आया है।
नितिन ने निवेदन दिया हे कि भारतीय संविधान हर किसी को मिलजुलकर रहने की स्वतंत्रता प्रदान करता है। हालांकि इसका ये मतलब तो कभी नहीं है कि आप कोई देशी विरोधी काम करने लगे। इसलिए आरोपीओ को वकील मण्डलकी तरफ से कोई भी कानूनी सहायता नहीं मिलेगी। वहीं इस मामले पर आगरा एडवोकेट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष सुनील शर्मा ने कहा कि छात्रों को ऐसे काम नहीं करने चाहिए। उन्हें पढ़ाई लिखाई मे ध्यान देकर कैरियर बनाना चाहिए।
नितिन ने कहा कि भारतीय संविधान हर किसी को साथ रहने की स्वतंत्रता प्रदान करता है। हालांकि इसका ये मतलब कतई नहीं है कि आप कोई देशी विरोधी काम करें। इसलिए आरोपी छात्रों को हमारी तरफ से कोई भी कानूनी सहायता नहीं दी जाएगी। वहीं इस मामले पर आगरा एडवोकेट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष सुनील शर्मा ने कहा कि छात्रों को इस तरह वर्तन नहीं करना चाहिए। उन्हें पढ़ाई लिखाई पर ध्यान देकर अपना कैरियर बनाना चाहिए।
छात्रों पर साइबर आतंकवाद और राजद्रोह का मुकदमा हुआ दर्ज
पाकिस्तान क्रिकेट टीम की जीत को सेलब्रैट करने वाले छात्रों के नाम अरशीद यूसुफ, इनायत अल्ताफ शेख और शौकत अहमद गनी है। ये सभी कश्मीर के बड़गाम और बांदीपोरा विस्तार के रहने वाले हैं। ये आगरा के आरबीएस इंजीनियरिंग संस्थान में अभ्यास करते थे। हालांकि 25 अक्टूबर को जैसे ही कॉलेज प्रबंधन को इन घटना की जानकारी प्राप्त हुई तो उन्होंने कमेटी की रिपोर्ट के बाद तीनों छात्रों प्रवेश रद कर दिया गया। इसके बाद 26 अक्टूबर को कॉलेज के बाहर इन लोगोने हंगामा भी किया जिसके बाद जगदीशपुरा के पुलिस स्टेशन मे मुकदमा दर्ज किया गया।
इन तीनों छात्रों पर थाना जगदीशपुरा में साइबर आतंकवाद और राजद्रोह की धारा के अंतर्गत केस किया गया हे। तीनों के ऊपर पाकिस्तान की जीत का जश्न मनाने के साथ देश विरोधी नारेबाजी का भी आरोप लगाया गया है। आरोपी छात्रों को 28 अक्टूबर को कोर्ट में भी पेश किया गया था। यहां पुलिस कि मौजूदगी में भी बहुत बड़ा हंगामा हुआ और फिर उन्हें जेल भेज दिया गया। आरोपी छात्रों को जिला जेल की विशेष बैरक में रखा गया है। ये बाकी कैदियों की बैरक से थोड़ा अलग है। इन पर नजर रखने को चार बंदीरक्षक भी तैनात किए गए हैं।
आरोपी छात्रों के मिलने आए उसके परिवार
अंतिम शुक्रवार को आरोपी छात्र इनायत के चाचा रियाज आगरा पहुचे। उन्होंने कॉलेज मे जाकर पूरी घटना की जानकारी ली। लेकिन इससे जुड़े किसी अधिकारी से मुलाकात नहीं कर पाए। वे जगदीशपुरा थाना पर भी गए थे। बाकी आरोपी छात्रों के परिवारवाले भी हाल मे जम्मू-कश्मीर से आगरा के लिए रवाना हो गए हैं। हालांकि आरोपियों से जेल में केदि से मुलाकात करना इतना आसान भी नहीं होता है। कैदियों से मुलाकात के लिए परिजनों को ऑनलाइन या ऑफलाइन आवेदन करना पड़ता है। इसके बाद ही मुलाकात की तारीख मिल पाती है।