यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद पूरी दुनिया में हड़कंप मचा है। अमेरिका ने अभी तक सैन्य कार्रवाई का कोई ऐलान नहीं किया है। लेकिन अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने कल देर रात रूस के खिलाफ नए आर्थिक प्रतिबंधों का ऐलान किया। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के हमले का जवाब देते हुए बाइडन ने मॉस्को के बैंकिंग, प्रौद्योगिकी और एयरोस्पेस क्षेत्रों को निशाना बनाया है। इसके तहत अब रूस डॉलर, पाउंड और यूरो का कारोबार नहीं कर सकेगा।
प्रतिबंधों का उद्देश्य डॉलर, यूरो, पाउंड और येन में व्यापार करने की रूस की क्षमता को सीमित करना है। साथ ही अमेरिका ने रूस के पांच प्रमुख बैंकों को भी निशाना बनाया है। इसमें सरकारी बैंक सर्बैंक और वीटीबी भी शामिल है। रूस का सबसे बड़ा ऋणदाता सर्बैंक अब अमेरिकी बैंकों की सहायता से पैसे ट्रांसफर नहीं कर पाएगा।
गुरुवार को यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की ने ट्वीट कर रूस को SWIFT से अलग करने की मांग की थी। लेकिन अमेरिका ने अभी तक इसको लेकर रूस पर कोई पाबंदी नहीं लगाई है। बता दें कि SWIFT कोड के जरिए ही विदेश से पैसा भेजा या मंगाया जाता है। ये ग्लोबल बैंकिंग का सबसे बड़ा माध्यम है। मौजूदा दौर में इसे आर्थिक क्षेत्र का बैकबोन कहा जाता है। लंबे समय से इसे एक वित्तीय परमाणु हथियार के बराबर के रूप में देखा जाता है।
व्हाइट हाउस ने निर्यात प्रतिबंधों की भी घोषणा की, जिसका उद्देश्य वाणिज्यिक इलेक्ट्रॉनिक्स और कंप्यूटर से लेकर सेमीकंडक्टर और विमान के पुर्जों तक रूस की पहुंच को रोकना है बाइडन ने रूस के खिलाफ कड़े आर्थिक प्रतिबंधों की घोषणा की, लेकिन रूसी बलों के खिलाफ युद्ध के लिए यूक्रेन में अमेरिकी बलों को भेजने से साफ इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि दुनिया रूस के खिलाफ एकजुट है। बाइडन ने कहा कि यदि रूस अमेरिका पर साइबर हमला करता है, तो अमेरिका उसका जवाब देने के लिए तैयार है। उन्होंने नाटो बलों की सहायता के लिए और बलों को भेजने की घोषणा भी की।