ऑस्ट्रेलिया का ये दिग्गज खिलाड़ी अब हमारे बीच नहीं रहा। शेन वॉर्न ने 52 साल की उम्र में 4 मार्च को अंतिम सांस ली, वह थाईलैंड में थे। शेन वॉर्न ने करीब डेढ़ दशक तक क्रिकेट की पिच पर राज़ किया।
सबसे खास हथियार:
शेन वॉर्न का सबसे खास हथियार लेग-ब्रेक था, इस बॉल को लेकर उन्होंने कहा कि इसमें सबसे अहम ग्रिप होती है। आप बॉल को हाथ में रखिए, दो उंगली नीचे और दो उंगली ऊपर। तीसरी उंगली का इस्तेमाल करते हुए बॉल को उल्टा घुमा दीजिए, वही बॉल को स्पिन करती है। दाएं से बाएं की ओर घुमाने पर बेस्ट स्पिन निकलती है।
टॉप-स्पिन:
लेग-ब्रेक के बाद अगर टॉप-स्पिन की बात करें तो ऐसी बॉल जो बहुत ज्यादा नहीं घूमती थी, लेकिन बल्लेबाजों को चकमा ज़रूर देती थी। इस बॉल को भी पहले जैसी ग्रिप में रखकर उंगली में कुछ बड़ा अंतर रखना है। इसमें सिर्फ अंतर रखना है कि जब आप अपने हाथ को घुमाएं तब उसका मुंह आपकी तरफ ना होकर सीधा बल्लेबाज की तरह हो। बाकी काम बॉल खुद कर लेगी, इससे LBW और स्लिप कैच कराने में फायदा होता है।
एक और हथियार है रॉन्ग वन:
शेन वॉर्न का एक और हथियार है रॉन्ग वन। अगर बल्लेबाज इस बॉल को नहीं पढ़ पाया, तो उसके लिए यह सबसे खतरनाक हो सकती है। दो उंगली ऊपर, दो उंगली नीचे की ग्रिप बनाकर इसे बैक-ऑफ-द हैंड से घुमाना है। यानी हाथ का उल्टा हिस्से का मुंह फाइन लेग की तरफ होना चाहिए। इसमें भी तीसरी उंगली से ही बॉल छूटेगी, लेकिन बैक-ऑफ-द-हैंड की वजह से ये बल्लेबाज को कन्फ्यूज़ करती है।
लेग-स्पिनर:
जिसे शेन वॉर्न ने लंबे वक्त तक इस्तेमाल किया लेकिन ये डालना मुश्किल है। क्योंकि इसमें आपके अगूंठे का इस्तेमाल होता है। इसमें अपनी उंगलियों का प्रयोग भी खास है, क्योंकि जैसे आप चुटकी बजाते हैं उसी तरह इसमें भी चुटकी बजाते हुए उंगलियों से बॉल को छोड़ना है। ये बॉल हाथ से निकलने के बाद स्कीड करेगी, इसलिए बॉल सीधा स्टम्प या पैड पर जाकर ही लगेगी।