रूस-यूक्रेन के बीच चल रहे जंग ने महंगाई की रफ्तार रॉकेट से भी ज्यादा तेज कर दिया है। आज इस युद्ध का 13वां दिन है और पहले दिन से ही वैश्विक स्तर पर इस जंग का असर दिखने लगा। शेयर बाजार से लेकर सर्राफा बाजार तक निवेशक सहमे हुए है। वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल में रिकॉर्ड तेजी के कारण डॉलर के मुकाबले रुपया (Rupee) औंधे मुंह गिर कर अब तक के निचले स्तर पर पहुंच गया। इसके साथ ही पेट्रोल-डीजल की कीमत में आग तय लगाना हो गया है। आइए जानते हैं कब और कितने बढ़ेंगे दाम।
बढ़ेगी पेट्रोल-डीजल की कीमतें
इंडियन ऑयल के फॉर्मर इग्ज़क्यूटिव प्रोफेसर सुधीर बिष्ट ने बताया कि रूस पूरे विश्व का 12% कच्चा तेल एक्सपोर्ट करता है और भारत दुनिया भर में पेट्रोल आयात करने वाले देशों में तीसरे नंबर पर है। इसीलिए भारत में तेल की कीमत में बढ़ोतरी होना तय है। यानी इस हिसाब से आप इस बात के लिए तैयार रहें कि पेट्रोल-डीजल की कीमत किसी भी समय बढ़ सकती है।
10-16 रुपये प्रति लीटर बढ़ेगी किंमत
उधर बढ़ती महंगाई को कंट्रोल करने के लिए केंद्र सरकार एक्साइज में तीन से चार रुपये पेट्रोल और डीजल में कम कर सकती है। लेकिन, राज्य सरकारें ट कम करें, इसके आसार कम है। आपको बता दें कि अगर पेट्रोल डीजल के रेट बढ़ते है तो यूरोप में बुरा हाल हो जायेगा क्योंकि वो रूस के तेल और खासकर गैस पर निर्भर है। इस हिसाब से भारत में पेट्रोल की कीमत 10 रुपये से 16 रुपये प्रति लीटर बढ़ सकती है। वहीं, डीजल 8 से 12 रुपये प्रति लीटर बढ़ सकता है।
इंटरनेशनल मार्केट में ब्रेंट क्रूड यानी कच्चे तेल की कीमतें 139 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया है। यह क्रूड के लिए करीब 14 साल का हाई है। दुनियाभर में सप्लाई कम होने और आगे और शॉर्टेज घटने के अंदेशा के चलते क्रूड में जोरदार उछाल देखने को मिला है। इसके चलते अगले 1 महीने में क्रूड ऑयल की कीमतों में और भी तेजी आएगी।