कपल के बीच जब झगडा होता है तो समजदार पार्टनर सॉरी (saying sorry is good or bad) बोल के झगडा खत्म करना चाहता है। लेकिन कुछ मामले ऐसे भी होते हैं जिसमें इस सॉरी की उम्मीद केवल एक पार्टनर से ही की जाती है। यानी कि, हर बार वो ही सॉरी कहता है, चाहे उसकी गलती भी ना हो, फिर भी उसे ही माफी मांगनी है। अगर आपके साथ ऐसा बार बार होता है तो आपको रिलेशनशिप में सावधान (Disadvantages of saying sorry) रहने की जरूरत है।
खुद की रिस्पेक्ट कम होगी-अपनी गलती होने पर सॉरी बोलने में कोई बुराई नहीं। लेकिन अगर आपके पार्टनर की गलती हो फिर भी वो कभी सॉरी ना कहे और आप ही उन्हें सॉरी कहें ताकि रिश्ता बना रहे तो समझ लीजिए आप उन्हें खुद पर हावी होने का न्योता दे रहे हैं। धीरे-धीरे आपके पार्टनर को इसकी आदत हो जाएगी और रिश्ते में आपकी रिस्पेक्ट लगातार कम होती चली जाएगी। इसलिए अपने आत्मसम्मान के साथ खिलवाड़ ना करें।
आपका साथ होना कितना मायने रखता है- अपने पार्टनर के साथ लड़ाई होती है, तो अचानक से सब कुछ खत्म होने जैसा दिखाई देता है। दोनों तरफ से जमकर कहासुनी होती है। गलती किसी की भी हो, लेकिन अगर आपको ही हर बार सॉरी बोलना पडता है, और आपका पार्टनर कभी आपके पास आकर चीजें ठीक करने की कोशिश नहीं करता है तो इससे लगता है कि आप एक ऐसे पार्टनर के साथ अपने रिश्ते को आगे बढ़ा रहे हैं जिनके लिए आपका साथ होना ना होना कोई मायने नहीं रखता है। इस लिए हरबार सॉरी बोलने से बचना चाहिए। कभीकबार थोडा रूकना चाहिए। और देखना चाहिए कि आपका पार्टनर आपके पास सॉरी बोलने के लिए आता है कि नहीं।
हमेशा वो ही सही है- रिलेशनशिप निभाने का काम दोनों पार्टनर्स का होता है और इस दौराना आनेवाले प्रश्नों एवं झगडों का हल निकालना भी दोनो का काम है। लेकिन अगर आप ही बार-बार सॉरी कहते रहेंगे तो पार्टनर को ये लगेगा कि वो हमेशा सही होता है, उसका मन अहम और अहंकार से भर जाएगा। वो आपको हमेशा गलती करने वाला या झुका हुआ देखना चाहेगा। वो किसी भी फैसले में आपको भागीदार नहीं बनाएगा। बार बार सॉरी बोलने से वो आपको कम समजेगा और आप उसकी नजरों में भी अपनी अहमियत कम होती देखोगे। इसलिए हरबार सॉरी बोलने से बचना चाहिए।