आलू बुखारा ठण्डे प्रदेशों में विशेषकर जम्मू-कश्मीर, हिमाचल व उत्तरांचल में पैदा किया जाता है। लगभग 10-15 फीट ऊंचे वृक्ष में यह फल लगता है। आलू बुखारा ऐसा फल है, जो बलख बुखारे में उत्पन्न होता है।
आलू बुखारे के बारे में सभी जानते हैं, अत: इसका परिचय देना आवश्यक नहीं है। कच्चा आलू बुखारा खट्टा, पकने पर खट्टा-मीठा होता है। स्वभाव से नर्म है। व्यवहार में मस्तिष्क को हानि पहुंचाता है, प्यास रोकता है,
आंतों में फिसलन पैदा करता है, पित्त ज्वर और रक्त ज्वर में फायदेमंद है, मतली को दूर करता है, प्रमेह, गुल्म तथा बवासीर को मिटाता है। इसके पत्तों का रस शरीर पर लगाने से खुजली को दूर करता है।
आलूबुखारा में एंटी ऑक्सीडेंट्स और कई अन्य ऐसे पोषक तत्व मौजूद होते हे जिससे शरीर में कैंसर की कोशिकाएं नहीं पनपती हैं। आलूबुखारा में बीटा कैरोटीन मौजूद होता है जो शरीर में होने वाले कैंसर को रोकता है। इसके नियमित सेवन से लंग और मुँह का कैंसर नहीं होता है।
आलूबुखारा में मौजूद विटामिन ए हमारी आंखों और दृष्टि के लिए अच्छा माना जाता है। इसके सेवन से आँख की श्लेष्मा झिल्ली सही और स्वस्थ रहती है। इसमें महत्वपुर्ण पोषक तत्व फाइबर जेक्सनथिन होता है जो आँखो के को मजबूत बनाती है। इसके सेवन से आँखे हानिकारक UV किरणों से रेटिना बची रहती हैं।
जो लोग अपना वजन कम करना चाहते हैं या डायटिंग पर हैं वह अपना वजन कम करने के लिए आलूबुखारा का सेवन कर सकते हैं। इसके सेवन से फैट भी बढ़ता नहीं हे और शरीर का वजन नियंत्रित रहता है।
इसमें सुपरऑक्साइड उग्र होता है जिसे ऑक्सीजन रेडिकल के नाम से भी जाना जाता है। इसकी मदद से शरीर की चर्बी को कम किया जा सक्ता है।आलूबुखारा के नियमित सेवन से पाचन क्रिया ठीक होती है। इसमें भरपूर मात्रा में फाइबर पाया जाता है जिससे पेट की पाचन क्रिया दुरुस्त रहती है।
इसमें सोर्बिटोल और आइसटिन होती है जिससे पाचन क्रिया अच्छी तरह काम करता है और हमारा स्वास्थ्य अच्छा रहता है। आलूबुखारा में विटामिन सी भरपूर मात्रा में होता है जो शरीर को स्वस्थ बनाता है और प्रतिरक्षक क्षमता को बढ़ाता है। जिन लोगों को सर्दी और जुकाम की समस्या रहती है वे आलूबुखारा का सेवन करें ।
इससे विटामिन सी ज़्यादा मात्रा में शरीर को मिलेगा और आपकी इम्युनिटी पावर मजबूत होगी आलूबुखारा दिल के स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद होता है। इसको खाने से शरीर में कोलेस्ट्रॉल नियंत्रित रहता है जिससे दिल की बीमारी होने का खतरा कम होता है।
इसके सेवन से हार्टअटैक या हार्टस्ट्रोक्स होने का खतरा भी कम हो जाता है। आलुबुखारा में ओमेगा 3 भरपूर मात्रा में पाया जाता है जो दिल को स्वस्थ बनाता है।
आलूबुखारा के सेवन से शरीर में शुगर की मात्रा बढ़ती नहीं हे और रक्त में शुगर भी नियंत्रित रहता है। शुगर से ग्रसित मरीज भी इसे आसानी से खा सकते हैं। शरीर में शुगर की मात्रा को नियंत्रित करने के लिए यह सबसे अच्छा होता है।
आलूबुखारा फल फाइबर से भरपूर होता है, इसलिए यह कब्ज के इलाज में सहायक माना जा सकता है। साथ ही एक वैज्ञानिक शोध के अनुसार, सूखा आलूबुखारा यानी प्रून्स में मौजूद फेनोलिक कंपाउंड मल त्याग में होने वाली समस्याओं को दूर करने में मदद कर सकते हैं
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