आपकी अच्छी सेहत के लिए सिर्फ हँसना ही नहीं रोना भी है फायदेमंद,केसे ? जाने यहा…

अगर हंसना सेहत के लिए अच्छा है तो रोना भी सेहत के लिए खराब नहीं होता है। हंसने के जितने फायदे हैं, उससे कम रोने के भी नहीं हैं। चाहे आप कोई मूवी देखकर रो रहे हो या फिर प्याज काटते हुए आपकी आंखों से आंसू आ जाते हों, ये आपकी सेहत के लिए अच्छे हैं।

जब आप परेशान या तनाव में होते हैं तब रासायनों का असंतुलन और कुछ रासायनों का निर्माण होता है, रुदन इन्हें कम करने में मदद करते हैं ‘कहा भी जाता है कि जो व्यक्ति तनावग्रस्त स्थितियों में रोता है उसमें अवसाद का स्तर निचला होता है|’ भावनात्मक आँसू एड्रीनोकॉर्टिकोट्रॉपिक और ल्यूसीन एन्सीफेलीन जैसे हॉर्मोन्स भी मुक्त करते हैं जो तनाव से आपके शरीर को राहत देते हैं|

हो सकता है कि आप बहुत सारी परेशानियों से गुज़र रहे हों, रोने से आपको राहत महसूस होगी| आपके आँसू बहा लेने के बाद, आपका मस्तिष्क, हृदय और लिम्बिक सिस्टम बेहतर कार्य करना शुरू करता है और आपको बहुत राहत महसूस होती है, आपका मन हल्का हो जाता है|

आंखों में मेंब्रेन के सूखने की वजह से आंखों की रोशनी कम होने लगती है। लेकिन आपके आंसू अगर निकलते रहें तो इसे सूखने नहीं देते हैं।और आंखों की रोशनी बनी रहती हैं।इसलिए आंखों से आंसू का निकलना आपकी आंखों की रोशनी के लिए काफी फायदेमंद है।

यह जरूरी नहीं की किसी की मौत के कारण ही सदमा हो। बदलती जीवनशैली, पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ के कारण भी व्यक्ति परेशान रह सकते हैं या बच्चों पर बढ़ता प्रेशर भी सदमे में डालने के लिए काफी है। ऐसी स्थिति में अगर व्यक्ति रोने के फायदे होता हैं क्योंकि इस दौरान रोने से स्ट्रेस कम होता है और आप अच्छा महसूस कर सकते हैं।

अधिकतर रोना केवल दुखों या अशांत मन के जबाव में होता है। लेकिन कभी कभी दुख होने के साथ ही जब आपको अधिक खुशी मिलती है तब भी आपके आंसू निकल आते हैं। येल विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों का मानना है कि इस तरह से रोना भावनात्‍मक संतुलन को बनाए रखने में मदद करता है। जब आप किसी चीज के बारे मे अविश्वसनीय रूप से खुश या दुखी होकर रोते हैं तो यह आपकी भावनाओं को सही तरीके से अनुभव करने का तरीका हो सकता है।

दर्द दूर करने के साथ-साथ रोने से आपका मूड भी बेहतर होता है और आपको बेहतर महसूस होता है। जब आप रोते हैं या सिसकियां लेते हैं तो ठंडी हवा के कुछ झोंके शरीर के अंदर जाते हैं जिससे ब्रेन का तापमान कम होता है और शरीर का तापमान भी रेग्युलेट होने लगता है। जब आपका दिमाग ठंडा हो जाता है तो आपका मूड भी बेहतर हो जाता है।

हाईब्लडप्रेशर के रोगियों के लिए रोना फायदेमंद साबित होता है, ये रक्तचाप को सामान्य बनाने में मददगार साबित होता है।

शरीर के अन्य हिस्सों की तरह आपकी आँखों में भी बैक्टीरिया पाए जा सकते हैं| पर आँसुओं में स्वाभाविक जीवाणुरोधी गुण होता है| आँसुओं में ‘लाइसोजोम’ नामक द्रव्य होता है जो पाँच मिनट में आँख के 90 से 95 प्रतिशत बैक्टीरिया को ख़त्म कर सकता है|