धार्मिक शास्त्रों के कई ग्रंथो का समस्वेश्य किया जाता है जिसमे से एक है वास्तु शास्त्र जिसमे कुछ ऐसी बाटे बताई गई है जिससे जीवन में आने वाली किसी भी समस्या को आसानी से हल किया जा सकता है और अगर कोई मुश्केली चल रही हो तो फिर उसे भी सोल्वे किया जा सकता है। ये सब छोटे-बड़े टोटके बड़े काम के है। कहा जाता है कि इनका उपयोग करके आप अपने घर और वहां रहने वाले सदस्यों के जीवन को खुशहाल, निरोगी और सुख समृद्धि से भरपूर बना सकते है। आइए जानते हैं कि वास्तु के ऐसे उपाय कौन से हैं, जिनके प्रयोग से जीवन की दशा-दिशा दोनों बदल सकते है।
वास्तु शास्त्र के अनुसार घर के दक्षिण पूर्व भाग में जलकी व्यवस्था होती है तो वहां के लोगों को फेफड़े संबंधी रोग जैसे दमा, अस्थमा आदि और पेट संबंधी रोग होने की सम्भावना बढ़ जाती है। इसी लिए काभिभी दक्षिण में पिने के पानी की व्यवस्था नहीं करनी चाहिए, उत्तर पूर्व दिशा में जल की व्यवस्था करना से सबसे स्वास्थय सम्बंधित समस्या से पा छुटकारा है।
दाड़िम के पौधे में लक्ष्मी जी का वास होता ह। किसी भी महीने के शुक्ल पक्ष के हस्त नक्षत्र में दाड़िम का पौधा लगाएं और श्री सूक्त के पाठ से इन पौधों को जाग्रत करे, आपका घर सुख समृद्धि से भर जाएग। इसके आलावा घर के ईशान कोण यानी पूर्व उत्तर दिशा में तुलसी का पौधा लगाने से औषधीय गुण और भी बढ़ जाते हैं। घर की उत्तर दिशा में अशोक का पेड़ लगाने से घर शोक रहित हो रहता है।
घर बनाने से पहले ही प्लॉट में पेड़ लगा कर सजाने से घर हमेशा ही ऐश्वर्यपूर्ण रहता ह। पूर्व दिशा में फलदार पेड़ लगाएं और पश्चिम में कमल लगाना अत्यंत ही शुभ फलदायी है। चौखट और दरवाजे में जोड़ नहीं होने चाहिए, जोड़ होने पर घर का मालिक हमेशा दुखी रहता है।