सीताफल एक स्वादिष्ट फल है, जो आसानी से फलों की दुकान में मिल जाएगा। इसकी बाहरी त्वचा हरे रंग की होती है, जो एक आवरण की तरह फल के अंदर मौजूद गूदे को ढककर रखती है। सीताफल को शुगर एप्पल और शरीफा के नाम से भी जाना जाता है। इसका वैज्ञानिक नाम एनोना स्क्वैमोसा है। यह फल जब पक जाता है, तब इसे खाने के इस्तेमाल किया जाता है।
सीताफल में वजन बढ़ाने की क्षमता भरपूर होती है। और अगर आप वजन बढ़ाने के सारे जतन करके थक चुके हैं तो तैयार हो जाएं एक नए और मीठे उपाय के लिए। आपको बस सीताफल को अपनी डाइट का हिस्सा बनाना है। और आपका मनचाहा फिगर आप पा सकेंगे बहुत ही जल्दी।
सीताफल में प्राकृतिक एंटीऑक्सीडेंट विटामिन सी बहुत ज्यादा मात्रा में होता है। विटामिन सी में शरीर की रोगों से लड़ने वाली शक्ति यानी इम्युन सिस्टम को बढ़ाने की क्षमता होती है। तो हर दिन एक बार सीताफल खाइए और बीमारियों को भगाइए दूर। सीताफल बहुत ही अच्छा एनर्जी का स्रोत होता है। और इसके सेवन से थकावट और मसल्स मतलब मांसपेशियों की कमजोरी आपको बिलकुल भी महसूस नहीं होगी। बस, सीताफल को अपनी डाइट में शामिल कर लीजिए।
विटामिन बी कॉम्प्लेक्स से भरा हुआ सीताफल दिमाग को शीतलता देने का भी काम करता है। यह आपको चिड़चिड़ेपन से बचाकर निराशा को दूर रखता है। तो फिर बस, सीताफल अपनाइए और अपनी मानसिक शांति को रखिए अपने साथ हमेशा। सीताफल आपके दांतों के स्वास्थ्य के लिए भी बहुत उत्तम है। इसको नियमित खाकर आप दांतों और मसूड़ों में होने वाले दर्द से छुटकारा पा सकते हैं।
खून की कमी यानी एनीमिया से बचना अब बिलकुल आसान है। सीताफल का हर दिन इस्तेमाल खून की अल्पता को खत्म कर देता है। और उल्टियों के प्रभाव को भी कम करता है। सीताफल आंखों की देखने की क्षमता बढ़ाता है, क्योंकि इसमें विटामिन सी और रिबोफ्लॉविन काफी ज्यादा होता है। इससे नंबर के चश्मे को आप खुद से बड़ी आसानी से दूर रख सकते हैं।
सीताफल में मौजूद मैग्नीशियम शरीर में पानी को संतुलित करता है। और इस तरह से जोड़ों में होने वाले अम्ल को हटा देता है। यह अम्ल गठिया रोग का मुख्य कारण होता है और इस तरह से सीताफल गठिया रोग से सुरक्षा करता है। दिल की तंदुरुस्ती अब बिलकुल आसान है। इसमें सोडियम और पोटेशियम संतुलित मात्रा में होते हैं जिससे खून का बहाव यानी ब्लड प्रेशर में अचानक होने वाले बदलाव नियंत्रित हो जाते हैं।
शुगर को संतुलित रखना सीताफल के उपयोग के साथ बहुत ही आसान है। इसमें शरीर में होने वाली शुगर को सोख लेने का गुण होता है और इस तरह से यह शुगर का शरीर में स्तर सामान्य बनाए रखता है।
अस्थमा ऐसी मेडिकल कंडीशन है, जो इन्फ्लेमेशन (फेफड़ों के रास्ते में सूजन) के कारण होती है। यहां सीताफल के प्रयोग से कुछ हद तक राहत मिल सकती है। यह एक बेहतरीन एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण वाला फल है। एंटी-इंफ्लेमेटरी क्रिया अस्थमा के जोखिम को कम करने में मदद कर सकती है। इसके लिए सीताफल के अर्क का सेवन किया जा सकता है।
हार्ट अटैक के खतरे को कम करने के लिए भी सीताफल का उपयोग किया जा सकता है। दरअसल, सीताफल में विटामिन-बी6 की पर्याप्त मात्रा पाई जाती है। विटामिन-बी6 का सेवन, हृदय रोग के खतरे को कम कर सकता है। इसमें हार्ट अटैक भी शामिल है।
अगर कोई पाचन प्रक्रिया को बेहतर रखना चाहता है, तो इस स्थिति में भी सीताफल काम आ सकता है। सीताफल खाने के फायदे में फाइबर की पूर्ति भी शामिल है। वहीं, फाइबर की पूर्ति शरीर की पाचन क्रिया में भी सुधार करती है और साथ ही यह कब्ज की समस्या से भी लोगों को छुटकारा दिलाती है।
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