लहसुन को एक प्रभावशाली औषधि के रूप में प्रमाणित किया जाता है। लहसुन को ग़रीबों की कस्तुरी कहा जाता है। लहसुन में मीठा, खारा, कड़वा, तीखा, कसैला जेसे पाच रस पाए जाते हैं। तो आइए लहसुन के औषधीय गुण के बारेमे जानते है, कि आख़िर वो कौन-से पोषक तत्व हैं, जो लहसुन को ख़ास बनाते हैं। जानने के लिए इस लेख को पढे।
लहसुन दमा के रोगियों के लिए अत्यंत लाभदायक साबित होता है। सांस आसानी से चले, इसलिये लहसुन की एक पंखुडी गर्म करके नमक के साथ खाये। दमा कम करने के एक प्याली गर्म पानी में दो चम्मच शहद और दस बूंद लहसुन का रस लीजिये। सोने से पूर्व लह्सून की तीन पंखुडीया दुध में उबालकर लेने से रात में दमा की तकलीफ काफी हद तक कम हो जाती है।
लहसुन के नियमित सेवन से रक्त वाहिका में जमा हुआ कोलॅस्टेरोल आसानी से निकलने में मदद मिलती है, और दिल का दौरा आने की संभावना भी कम होती है। यदि किसी को दिल का दौरा आने की सम्भावना है तो उसे प्रतदिन चार से पाच कली यां अवश्य लेनी चाहिए। दूध के साथ लहसुन लेना भी सेहत के लिए काफी लाभदायक माना जाता है।
लहसुन शरीर के विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है। पाचन रस का स्त्राव अच्छा करता है, जिससे आंतो की सर्पिल हलचल में गती मिलती है। किसी भी पाचन विकार में लह्सून का दुध या पानी के साथ अर्क लिया जाता है। आन्तों के जीवाणू संक्रमण में लहसुन के इस्तेमाल से फायदा मिल सकता है।
खिल और मुहासे कम होने के लिये चेहरे पर नियमित लहसुन लगाना हितवह होता है। त्वचा पर जहाँ दाद का प्रकोप हुआ है वहाँ लहसुन रगडने से वह खराब त्वचा जलकर ठीक हो जाती है। लहसुन रक्त को शुद्ध करता है तथा रक्त से विषेले तत्व को दूर भी करता है। जख्म और दाग को दूर करने के लिये जिवाणुहीन साफ पानी में लहसुन रस तीन:एक इस मात्रा में मिलाकर लगाना चाहिए।
लहसुन के उचित उपयोग से रक्त वाहिका के उपर आनेवाला दबाव और तनाव काम किया जाता है।नाड़ी और ह्रदय के कंपन की गति कम होती है। उच्च रक्त चाप के उपचार के लिए लहसुन तेल की छह बुंदे, चार चम्मच पानी के साथ दो बार लेना चाहिए। बढा हुआ रक्त चाप कम करने के लिये लहसून, पुदिना, जीरा, धनिया, काली मिर्च और सैंधा नमक से बनी हुई चटनी का सेवन करना फायदेमंद होता है।
लहसुन औषधीय गुणों से भरपूर है इसलिए इसका नियमित रूप से सेवन अनेक लाभ देता है, साथ ही इंफेक्शन को दूर रखने में भी लहसुन काफी महत्वपूर्ण होता है। अगर बढ़ते वजन से परेशान हैं, तो लहसुन का सेवन आपके लिए लाभदायक साबित हो सकता है। प्रतिदिन खाली पेट लहसुन का सेवन करें, यह बढ़ते वजन को कम करने में मदद करता है।
इसके नियमित सेवन से आंखों की रौशनी तेज़ होती जाती है। बालों की वृद्धि और मज़बूती में भी लहसुन काफ़ी फ़ायदेमंद साबित होता है। हड्डी टूटने पर लहसुन खाने की सलाह भी दी जाती है, क्योंकि इससे हड्डियों को जुड़ने में सहायता मिलती है। कफ़, हृदयरोग, दमा, वात रोग, न्युमोनिया, लकवा, कुष्ठ रोग, बवासीर (पाइल्स), कब्ज़, टीबी न जाने कितने रोगों के इलाज के लिए प्राचीन काल से लहसुन के घरेलू नुस्ख़े का उपयोग किया जाता है।
हैजा हो जाने पर लहसुन के रस में समान भाग पानी मिलाकर पीने से हैजे के कीटाणु नष्ट किए जाते हैं। लहसुन के नियमित सेवन से कफ़ घटता है, अच्छी नींद आती है, पेट दर्द में भी राहत मिलती है। शरीर में घाव हो जाने पर लहसुन का उपयोग घाव की सड़न को रोकने के लिए फायदेमंद माना जाता है। लहसुन के रस में पानी मिलाकर घावों की सफ़ाई की जाती है।
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