पुष्कर, रेगिस्तान और सरस्वती नदी
राजस्थान का रेगिस्तान अपने आप में एक रहस्य है। राजस्थान के बीच में से ही सरस्वती नदी बहती थी और यहां पर ही दुनिया की सबसे प्राचीन सभ्यता रहती थी। आज भी सरस्वती की सभ्यता खोजी जाना बाकी है। कहा जाता है कि सरस्वती नदी के तट पर ही बैठकर ऋषियों ने वेद और स्मृति ग्रंथ लिखे थे । पुष्कर राजस्थान के लगभग बीचोबीच स्थित है। पुष्कर में ब्रह्माजी के एकमात्र मंदिर है।
तीर्थ तो बहुत हैं लेकिन पुष्कर एक तीर्थस्थल है इसलिए इसका जिक्र नहीं किया जा रहा। पुष्कर उस प्राचीन सभ्यता का केंद्र है, जो कभी 4,000 वर्ष पूर्व अर्थात महाभारतकाल तक अस्तित्व में थी। भारत में झीलें बहुत हैं, जैसे महाराष्ट्र में लोणार की झील, जयपुर और उदयपुर की झीलें लेकिन पुष्कर में स्थित झील का महत्व कुछ और ही है। इस रहस्यमय झील और आसपास के क्षेत्र पर शोध किए जाने की आवश्यकता है। अजमेर से मात्र 14 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है तीर्थस्थल पुष्कर।
लोकतक का फ्लोटिंग द्वीप मणिपुर
मणिपुर के फ्लोटिंग द्वीप पर आपको एक रहस्यमयी नजारा देखने को मिलता है लोकतक झील की सतह पर तैरते हुआ फ्लोटिंग द्वीप, आपको आश्चर्यजकित करने के लिए प्रयाप्त होगा। ये द्वीप फुमदी के रूप में जाने जाते है जो वनस्पतियों, मिट्टी और कई अन्य कार्बनिक पदार्थों के समूह हैं और कुछ तैरते हुए ’द्वीप’ समूह इतने बड़े ही कि उन पर कई रिसॉर्ट बनाए गए हैं।
डुमास तट
डुमास तट अरब सागर के किनारे गुजरात में स्थित है, यह तट अपनी काली रेत और रहस्यमयी गतिविधियों के लिए जाना जाता है। आप इस तट पर अकेले टहलते हुए भी लोगो की फुसफुसाहट और आवाजे सुन सकते है। कुछ ऐसी रिपोर्ट्स भी आयी है जिसमें लोग रहस्यमयी तरीके से गायब हो गए और फिर कभी नहीं लौटे |
रोज आइलैंड
अंडमान के पोर्ट ब्लेयर में स्थित रोज आइलैंड भी किसी रहस्य से कम नहीं है। समुद्र के किनारे कुछ इमारतों के अवशेष हैं। यहां 1941 में भूकम्प आया था जिसके बाद इस इलाके में कोई नहीं रहता। आइलैंंड में चर्च, गार्डन और बॉलरूम के अवशेष देखने को मिलते हैं। यह काफी रोमांचक जगह है जहाँ पर्यटन आना पसंद करते हैं। चारों ओर सन्नाटे का बसेरा यहाँ आने वालों के लिए रोमांचक सैर साबित होती है। समुद्र की लहरों की आवाज़ें, आस-पास का घाना जंगल, जंगल से पत्तों की खरखराहट ,जहाँ नज़र उठे वहां तक पानी और कानों में पानी का शोर अपने आपमें किसी एडवेंचर से काम नहीं।