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वात, पित्त और कफ को संतुलित बनाकर त्वचा, जुकाम और खांसी जैसी कई बीमारियोंसे जीवनभर छुटकारा

पीला एक कांटेदार पेड़ है।इसके फल मीठे और स्वादिष्ट होते हैं।बहुत से लोग जानते हैं कि पीलू का उपयोग औषधि के रूप में भी किया जाता है।पीलू के सेवन से कई बीमारियों को ठीक किया जा सकता है।पीलू पेट के रोग, पथरी, बवासीर और तिल्ली के रोगों में लाभकारी होता है।

इसी तरह पित्त, खांसी और सिर दर्द आदि में भी पीलू का सेवन लाभकारी होता है।इतना ही नहीं, कुष्ठ रोग की मदद से आप कुष्ठ रोग और मधुमेह से राहत पा सकते हैं।पीलू के पेड़ की जड़ की छाल से शारीरिक दुर्बलता और मासिक धर्म के रोग दूर होते हैं।

आइए अब आपको बताते हैं कि पीलू के क्या फायदे हैं।पीलू के नीचे से साबुन और शैंपू बनाए जाते हैं।अरब जगत में इसके दांतों की काफी मांग है क्योंकि यह दांतों की बीमारी के लिए एक बेहतरीन उपाय है।मुंह के छालों, पेट और त्वचा के रोगों के साथ-साथ मधुमेह में भी नमकीन छिलके वाला फल फायदेमंद माना जाता है।

पीलू के पत्तों को उबालकर 10-20 मिलीलीटर में मिलाकर पीने से सांस की तकलीफ (खांसी/दमा) और खांसी में आराम मिलता है।भुने हुए छिलके के फल को सिंधव नमक के साथ खाएं और इसके साथ गोमूत्र, दूध या अंगूर का रस मिलाकर पीने से पेट की समस्या दूर होती है।पेट की समस्याओं में छिलके के छिलके के पेस्ट के साथ घी का सेवन करने से लाभ होता है।

नसोतर, पीलू, अजवाई, कांजी आदि को उबालकर पीना चाहिए।यह आंतों के रोगों में लाभकारी होता है।पीलू की छाल का चूर्ण पानी के साथ या छाछ के साथ रोजाना 7 दिन से लेकर एक महीने तक पिएं।यह बवासीर, पेट फूलना, पाचन रोग आदि में लाभकारी होता है।

पीलू के पेड़ के फल का काढ़ा बनाकर 10-20 मिलीलीटर की मात्रा में पीएं।पेशाब को उबालने से यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन ठीक हो जाता है।शतावरी की जड़, पीले फल, नासोटार, अजवाइन और कांजी के पेस्ट को दूध में उबालकर सेवन करना चाहिए।गठिया में है फायदेमंद

पीली पत्तियों का लेप लगाने से गठिया में आराम मिलता है।पीलू के पत्ते और निर्गुंडी के पत्ते बराबर भाग लें।इसे जोड़ों में बांधने से जोड़ों का दर्द दूर हो जाता है।पीलू के बीज के तेल से मालिश करने से जोड़ों के दर्द में आराम मिलता है|
पीसी को नीम, अश्वगंधा, वेवड़ी, करेन बीज, शराब हल्दी आदि के पानी में लें।इसे लगाने से सफेद दाग मिट जाता है।पीली पत्तियों का एक टुकड़ा लेकर घाव पर लगाने से आराम मिलता है।एक स्क्वैश छीलें, इसे कद्दूकस कर लें और रस निचोड़ लें।इससे घाव में मवाद नहीं पड़ता और घाव जल्दी भर जाता है

शराब का सेवन करने के बाद बहुत से लोगों को बहुत प्यास लगती है।इसमें पीलू का रस पीना चाहिए।इस पीलू का रस पीने से शराब पीने के बाद प्यास की समस्या दूर हो जाती है।पीला फल शुक्राणु रोग, खांसी और पित्त की कमी जैसे रोगों में लाभकारी होता है।

पीलू के पेड़ की शाखाओं का उपयोग दंत चिकित्सा के लिए किया जाता है और यह दंत स्वास्थ्य और रोगों के लिए उपयोगी है।इस पेड़ की शाखाओं की विशेष रूप से दंत रोगों और मौखिक स्वच्छता के लिए प्रशंसा की जाती है।पीलू के पेड़ की शाखाओं से दांत निकलने से दांत मजबूत होते हैं और मुंह से दुर्गंध दूर होती है।

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