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इस फूल के बीज और पत्तीया भी है फायदेमंद, जानिए इसके सेवन से सेहत को क्या क्या लाभ हो सकते है।

धतूरा एक जंगली पौधा है। धतूरे के बीज मे स्थिर और पत्तियों मे उड़नशील तेल पाया जाता है जो सेहत के लिए कई तरह से लाभदायी होता है। धतूरा आपकी चोट के दर्द को चुटकियों में दूर कर सकता है। इसके अलावा भी इसके कई फायदे हैं। अगर इसका सही मात्रा मे सेवन किया जाए तो ये बोहत लाभदायी होगा, इस लेख के द्वारा जानिए इसके फायदे। 

कान में दर्द और सूजन की स्थिति में आप धतूरे का प्रयोग कर सकते हैं। धतूरे में एंटी-इन्फेल्मेट्री और एंटी-सेप्टिक गुण पाया जाता है। इस कारण से यह कान की इस समस्या को खत्म कर सकता है। धतूरे के पत्तों का अर्क कान में डालने से कानका दुखना बंद हो जाता है। 

हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए भी धतूरे का उपयोग किया जाता है। धतूरे में कैल्शियम की अच्छी मात्रा पाई जाती है। इसका रस निकालकर हड्डियों के जोड़ पर मालिश करने से लाभ मिलता है। जिससे हड्डियों को मजबूती मिलती है। और हड्डियों को आराम भी मिलता है। 

धतूरे के फल में एंटीइन्फ्लेट्री गुण पाया जाता है, जिसके कारण से यह चोट की या सामान्य रूप से हुई सूजन को कम कर देता है। चोट की सूजन को दूर करने के लिए इसके फलों को खूब अच्छी तरह पेस्ट बनाकर इसे सूजन वाली जगह पर लगाकर राहत मिलती है। 

अगर आपको किसी प्रकार का दर्द है तो आप इसके जरिए उसे चुटकियों में दूर कर सकते हैं। धतूरे को पीसकर इसका पेस्ट बना लें और इसमें दो चार बूंद शहद की मिला लें। अब इसे दर्द वाले स्थान पर लगा लें। एंटीसेप्टिक गुण होने के कारण इसका पेस्ट दर्द को ठीक कर सकता है। 

गंजेपन से परेशान लोग इसके रस को प्रभावित जगह पर लगा सकते हैं। इसके रस में ऐसे विशेष गुण होते हैं, जो सीबम को स्वस्थ करते हैं और गंजेपन की समस्या को रोक देते हैं। धतूरा बालों के लिए फायदेमंद साबित होता है। 

धतूरे के पत्तों का रस सिर मे लगाने से जुए भी मर जाती है। जूएं मिटाने के लिए, आधा लीटर सरसों के तेल में ढाई सौ ग्राम धतूरे के पत्तों का रस निकालकर तथा इतनी ही मात्रा में पत्तियों का रस बनाकर धीमी आंच पर पकाकर जब केवल तेल बच जाए तब बोतल में भरकर रख लें। यह जूएं मिटाने के लिए श्रेष्ठ औषधि है।

धतूरा के बीज, पत्तियों और जड़ों का उपयोग पागलपन, बुखार, दस्त, मस्तिष्क संबंधी जटिलताओं, त्वचा के रोगों में किया जाता है। इसके पत्तों और बीज के रस को तेल में मिलाकर गठिया के सूजन, फोड़े और गांठों में दर्द को दूर करने के लिए उपयोग किया जा सकता है।

कफ को ठीक करने के लिए इसके पौधे की पत्तियों से धूम्रपान भी किया जाता है। इसकी जड़ों का उपयोग दांत दर्द और दांतों को साफ करने में किया जाता है। धतूरे के पत्तों का धूँआ दमा शांत करनेमे मदद करता है। धतूरे के कोमल पत्तो पर तेल लगाकर उसे आग पर सेंक कर बालक के पेट पर बाँधे इससे बालक की सर्दी दूर हो जाती है। 

बवासीर के इलाज के तौर पर भी धतूरे का इस्तेमाल किया जाता है। इसके लिए धतूरा के फूल और पत्तों को जलाकर इसके धुएं से बवासीर के मस्सों की सिकाई करने से भी फायदा मिलता है। और फोडे पर बाँधने से फोडा अच्छा हो जाता है। गठिया रोग होने पर धतूरे के बीजों के तेल की मालिश की जाती है। 

धतूरे के पेस्ट को सरसों या तिल के तेल में पकाकर धतूरे का तेल बनाया जाता है, जो एक अच्छा दर्द-निवारक साबित होता है। फेफड़े, छाती आदि में कफ जमा होने पर यह रामबाण की तरह काम करता है। इसका प्रयोग रक्त संचार सुचारू बनाए रखने के लिए भी किया जाता है। धतूरा हृदय की गतिविधियों को नियंत्रित रखता है। यह मासिक धर्म संबंधी गड़बडियों को भी ठीक कर सकता है।

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