केंद्रीय खाद्य सचिव सुधांशु पांडेय ने शनिवार को बताया कि गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने के सरकार के फैसले से एक- दो सप्ताह में घरेलू कीमतों में कमी आने की उम्मीद है। उल्लेखनीय है कि पिछले एक साल में गेहूं और गेहूं के आटे की खुदरा कीमतों में 19 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई है।
पांडेय का कहना है कि भारत में गेहूं के उत्पादन में मामूली गिरावट आने के साथ ही वैश्विक आपूर्ति कम होने से भी इसकी कीमतों में वृद्धि हुई है। यही वजह है कि पिछले महीने गेहूं और आटे की घरेलू कीमतें भी बढ़ गईं। सरकार का दावा है कि एक से दो सप्ताह में गेहूं के दाम नरम हो जाएंगे। ऐसा इसलिए क्योंकि सरकार ने इस कमोडिटी के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है।
केंद्रीय वाणिज्य मंत्रालय के विदेश व्यापार महानिदेशालय ने शुक्रवार रात को गेहूं के निर्यात पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी थी। भारतीय कारोबारियों ने चालू वित्त वर्ष में अब तक 45 लाख टन गेहूं के निर्यात का कांट्रेक्ट किया है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, इसमें से 14.6 लाख टन गेहूं अप्रैल में निर्यात किया गया था।
खाद्य सचिव ने कहा कि भारत में गेहूं के उत्पादन में संभावित गिरावट और सरकारी खरीद में भी कमी आने का गेहूं की सार्वजनिक वितरण प्रणाली पर असर पड़ने की आशंका नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘PDS सुचारू रूप से चलती रहेगी।’’
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