‘धर्मग्रन्थ’ का नाम सुनते ही हमारे मन में देवी-देवताओं की छवि आ जाती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये शास्त्र हमें न केवल देवी-देवताओं के बारे में जानकारी देते हैं, बल्कि जीवन प्रबंधन के टिप्स भी देते हैं। इन शास्त्रों का लक्ष्य मनुष्य के लिए एक बेहतर जीवन भी है। अब महाभारत के इस श्लोक को ही लीजिए। ये श्लोक इस प्रकार हैं।
महाभारत में वर्णित इस श्लोक में कहा गया है कि व्यक्ति को किस प्रकार के लोगों को भूलकर भी मित्रता नहीं करनी चाहिए। अगर वह उनसे दोस्ती करता है तो उसके जीवन में कई समस्याएं दस्तक दे सकती हैं। इसलिए दोस्त बनाने से पहले इन बातों का ध्यान रखें।
महाभारत के अनुसार किसी भी व्यक्ति से मित्रता करने से पहले उसके ज्ञान के स्तर की जांच अवश्य कर लेनी चाहिए। वह व्यक्ति कितना पढ़ा-लिखा और बुद्धिमान है। जैसे कुछ लोग बस हंसते रहते हैं, दूसरों का मजाक उड़ाते हैं और बस मौज-मस्ती करते रहते हैं। ऐसे लोगों की संगति आपको भटकाती है। इसलिए ऐसे लोगों से दोस्ती न करना ही सबसे अच्छा विकल्प है।
व्यक्ति को मित्र बनाने से पहले अपनी पारिवारिक पृष्ठभूमि की भी जांच कर लेनी चाहिए। जिस व्यक्ति से आप मित्रता कर रहे हैं उसके घर के लोग क्या करते हैं? कहीं कोई बुरी आदतों या चोरी में शामिल नहीं है। आपका दोस्त भले ही एक अच्छा इंसान हो, लेकिन जब परिवार पर मुसीबत आती है, तो वह सभी पर हावी हो जाती है। वह कहते हैं, ‘पेस्टो भी गेहूं के साथ एक घुन नहीं है।’ बस इतना ही। यदि आपके मित्र के परिवार पर कोई विपत्ति आती है, तो यह उस पर और आप पर भी प्रभाव डाल सकती है।
जिस व्यक्ति से आप दोस्ती करने जा रहे हैं, उसकी बुरी आदतों पर एक नज़र डालें। कहीं न कहीं वह ड्रग्स, चोरी, अत्यधिक क्रोध आदि का आदी नहीं है। उनका यह स्वभाव आपको ले भी सकता है और आपको डुबा भी सकता है। साथ ही आपको यह देखना चाहिए कि आपका दोस्त किस तरह का काम करता है। याद रखें, अगर वह अवैध या बुरे काम में है, तो उससे दूर रहना ही बेहतर है।
दोस्तों अगर आप महाभारत में इन तीन बातों को ध्यान में रखकर दोस्त बनाएंगे तो आपको कभी कोई परेशानी नहीं होगी। आशा है आपको यह जानकारी अच्छी लगी होगी। कृपया इसे दूसरों के साथ साझा करना न भूलें।