यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया के रिसर्चर्स ने 2020 में आम की एक किस्म अतौल्फ़ो को लेकर स्टडी की थी। इसमें उन्होंने उन महिलाओं को शामिल किया जो पोस्ट मेनोपॉज से गुजर रही थीं। इसमें महिलाओं को दो ग्रुप में बांटा गया और उनको एक तय मात्रा में आम खाने को दिया गया।
इसके जो नतीजे सामने आए वो हैरान करने वाले थे। 16 सप्ताह तक एक ग्रुप को 85 ग्राम और दूसरे को 250 ग्राम आम रोज खाने को दिया गया। बाद में सामने आया कि जिन महिलाओं ने कम मात्रा वाली मैंगो डायट ली थी, उनके चेहरे की गहरी झुर्रियों तक में कमी आई। वहीं इसके उलट 250 ग्राम मैंगो खाने वाली महिलाओं के चेहरे पर झुर्रियां और बढ़ती व गहरी होती नजर आईं।
स्किन एजिंग के सबसे सामान्य कारणों में से एक सूरज की हार्मफुल यूवी रेज का एक्सपोजर है। इसके दुष्प्रभाव को कम करने में आम हेल्प कर सकता है। दक्षिण कोरिया में साल 2013 में चूहों पर एक्सपेरिमेंट किया गया था। इनमें उन्हें तीन समूहों में बांटा गया और अलग-अलग स्तर के UVB रेज का एक्पोजर दिया गया।
इसमें पाया गया कि जिन चूहों को पानी के साथ आम का रस मिलाकर दिया जा रहा था, उनकी त्वचा में झुर्रियों में कमी आई। इतना ही नहीं ये भी सामने आया कि मैंगो एक्सट्रैक्ट लेने वाले चूहों में कोलेजन का प्रोडक्शन बढ़ा, जो स्किन को यूथफुल बनाए रखने में अहम माना जाता है। इसके साथ ही एपिडर्मल थिकनेस भी बढ़ी, जिसने यूवीबी से और सुरक्षा प्रदान की।
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