फीटकरी का उपयोग अनेक बीमारियों को दूर करने में किया जाता है। यह सस्ती तथा अत्यंत उपयोगी वस्तु है, जो सरलता से सब जगह मिल जाती है। जिस स्थान की मिट्टी में एल्युमिनियम और गंधक दोनों तत्त्व निश्चित मात्रा में पाए जाते हों, उस मिट्टी से फिटकरी तैयार की जाती है।
20 ग्राम फिटकरी व 10 ग्राम सेंधा नमक लेकर पीस लें। प्रतिदिन सुबह-शाम इसे दांत और मसूड़ों पर मलने से दांतों से खून आना बंद होता है तथा दांत मजबूत बनते हैं गाय के दूध में फिटकरी घोलकर 3-4 बूंद नाक में डालने से नाक से खून आना बंद होता है।
फिटकरी और माजूफल का चूर्ण बनाकर मंजन करने से दांतों का हिलना बंद हो जाता है 2 रत्ती फिटकरी का चूर्ण 25 ग्राम गुलाब के अर्क में मिलाएं। दो बूंद दिन में 3-4 बार डालने से आँख का दर्द, लाली व कीचड़ आना जल्दी ठीक हो जाता है।
2-4 रत्ती फिटकरी के चूर्ण में एक रत्ती देशी खांड मिलाकर रोगी को दो दो घंटे बाद देने से ज्वर उत्तर जाता है। फिटकरी के चूर्ण में शहद मिलाकर उसमें रूई लपेटकर कान में रखने से कान का घाव भर जाता है।
एक रत्ती फिटकरी में 3 ग्राम मिश्री मिलाकर पानी के साथ सेवन करने से रक्तपित्त के रोगी को आराम मिलता है। पिसी हुई फिटकरी पानी में घोलकर दिन में 2 बार कुल्ला करने से पायरिया रोग में लाभ होता है।
रक्तस्राव शरीर के बाह्य अंगों पर चोट लगने पर निकलने वाले रक्त पर पिसी फिटकरी छिड़कने या पानी में घोलकर उस पानी से घाव को धोने से रक्तस्राव बंद हो जाता है। फिटकरी को गरम तवे पर फुलाकर महीन पीस लें। इसकी एक चुटकी मात्रा कुनकुने पानी के साथ दिन में 3 बार 3 दिन तक लेने से लाभ होता है।
फिटकरी, नमक और सरसों का तेल मिलाकर मसूड़ों पर मलने से मसूड़े मजबूत रहते हैं। फिटकरी का पाउडर दांतों पर मलने या 4-5 तोला फिटकरी का चूर्ण पानी में डालकर सुबह-शाम कुल्ला करने से लाभ होता है।
2 माशा फिटकरी चूर्ण को 8 तोला पानी में घोलकर योनि मार्ग को प्रतिदिन धोने से योनि की शिथिलता दूर होती है। 1 रत्ती रस सिंदूर व रत्ती फिटकरी मिलाकर खाने से रक्तपित्त में लाभ होता है।
3 रत्ती फिटकरी के चूर्ण में 3 रत्ती शक्कर मिलाकर ज्वर आने से पूर्व खाने से विषम ज्वर का नाश होता है। जरा-सी भुनी हुई फिटकरी कान में डालकर ऊपर से 2-3 बूंद नीबू के रस की डालने से कानदर्द में लाभ होता है।
बिच्छू के काटे स्थान पर फिटकरी पीसकर लगाने से उसके काटे का असर कम हो जाता है। फिटकरी के पानी से सिर धोने से जुएं नष्ट हो जाती हैं। प्रभावित भाग को फिटकरी के पानी से दिन में 3-4 बार धोने से सभी प्रकार के चर्मरोग मिट जाते हैं। जरा-सी फिटकरी में सोंठ मिलाकर बताशे के साथ रोगी को देने से ‘बुखार उतर जाता है।
दूषित जल को पीने योग्य बनाने के लिए उसमें थोड़ी-सी फिटकरी डाल दें। कुछ ही देर में गंदगी नीचे बैठ जाएगी तथा पानी शुद्ध हो जाएगा। आधा ग्राम फिटकरी के चूर्ण को मक्खन के साथ दस दिन तक सेवन करने से दांत दर्द मिट जाता है। लाल दंत मंजन में थोड़ा सा फिटकरी का चूर्ण मिलाकर मंजन करने से भी दांत दर्द में राहत मिलती है।
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