गाजर दिल और ब्लड प्रेशर के रोगियों के लिए फायदेमंद है। यह बीटा-कैरोटीन, अल्फा-कैरोटीन और लुटेइन से भरपूर है, जो काफी अच्छे ऐंटीऑक्सिडेंट हैं। गाजर में पोटैशियम रक्त वाहिकाओं और धमनियों को फैलाकर रक्त-प्रवाह को बढ़ाता है, जिससे हृदय प्रणाली पर कम तनाव पड़ता है। गाजर ओरल हेल्थ के लिए बहुत ही फायदेमंद है। इसे चबाकर खाने से दांत का मैल और उसमें फंसे भोजन के कण दूर हो जाते हैं। इसके अलावा, गाजर सलाइवा (लार) के उत्पादन को बढ़ाता है और स्वाभाविक रूप से यह क्षारीय होने की वजह से मुंह में एसिड के प्रभाव को संतुलित करता है।
गाजर का पीला भाग ज्यादा न खाएं। गाजर का पीला भाग बहुत गरम होता है। अगर आप इस भाग को ज्यादा मात्रा में खाते हैं तो आपके पेट में जलन जैसी प्रॉब्लम हो सकती है। गाजर में फाइबर अच्छी मात्रा में होता है। इसलिए इसे खाने से शरीर में फाइबर की मात्रा तेजी से बढ़ती है और पेट में दर्द हो सकता है। ज्यादा गाजर खाने से नींद न आने की समस्या हो सकती है। गाजर का पीला वाला भाग जो होता है वह अत्यंत ही गर्म होता है। वह छाती में जलन जैसी बीमारी को निमंत्रण देता है।
गाजर का सेवन हमेशा खाना खाने से 1 घंटे पहले करें और हो सके तो सुबह के समय ही करें. क्योंकि अन्य समय में करने पर पाचन संबंधी दिक्कतें भी हो सकती है। ज्यादा गाजर खाने से नींद नहीं आती। मतलब अनिद्रा की बीमारी प्रवेश कर जाती है और यह नुकसान अति से अत्यधिक मात्रा में गाजर के सेवन से होता है। गाजर बीटा-कैरोटीन का एक बहुत ही अच्छा स्रोत है जो शरीर में विटामिन ए की कमी की पूर्ति करता है परंतु यदि आप इसका सेवन बहुत ही अधिक मात्रा में करेंगे तो इससे आपके शरीर का रंग फीका पड़ सकता है। गाजर से एलर्जी हो सकती है।
अधिक मात्रा में गाजर खाने से शरीर द्वारा मैग्नीशियम, आयरन, कैल्शियम, जिंक आदि खनिजों के अवशोषण पर असर पड़ सकता है। यदि आप उचित मात्रा में गाजर का सेवन करें तो इससे आपके पाचन स्वास्थ्य में सुधार आ सकता है तो वही दूसरी ओर अधिक मात्रा में इसका उपभोग करने से गैस, दस्त, पेट-फूलना, पेट-दर्द आदि जैसी पाचन सम्बंधित विकारों से गुजरना पड़ सकता है। अधिक मात्रा में गाजर या फिर उसके जूस का सेवन करने से स्तन के दूध का स्वाद बदल जाता है है इसलिए स्तन-पान करा रही महिलाओं को इसका सेवन सीमित मात्रा में ही करना चाहिए। गाजर में चीनी का अधिक स्तर है, इसलिए यदि आप मधुमेह से ग्रस्त है तो गाजर का सेवन कच्चे रूप में ना करके उबाल कर करें।
मधुमेह के रोगी को गाजर को हमेशा उबालकर खाना चाहिए ना कि इसके कच्चे। क्योंकि गाजर के अंदर चीनी का स्तर ऊंचा रहता है जिसके कारण मधुमेह के रोगी को ज्यादा चीनी के कारण परेशानियां हो सकती हैं। अधिक गाजर का सेवन करेंगे, या फिर गाजर का हलवा ज्यादा मात्रा में खाएंगे, तो आपको गैस, दस्त, पेट दर्द और अन्य प्रकार की पाचन संबंधी बीमारियों का सामना करना पड़ सकता है। गाजर के फायदे बालों के लिए भी मौजूद हैं। स्वस्थ तरीके से बालों को बढ़ने के लिए विटामिन और मिनरल्स की जरुरत होती है जैसे कि विटामिन ए, विटामिन बी, विटामिन सी, विटामिन ई, एंटीऑक्सीडेंट आदि। और यह सभी गाजर में भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं।
कोई महिला ने अभी किसी बच्चे को जन्म दिया है और वह अपने बच्चे को अभी तक स्तनपान करा रही हैं तो ऐसे में महिलाओं को ज्यादा मात्रा में गाजर का सेवन नहीं करना चाहिए। गाजर दूध के स्वाद को बदल देता है जो कि शिशु के लिए लाभदायक नहीं होता। गाजरका इस्तमाल ज्यादा मात्रा में करने से आपको उल्टी की समस्या हो सकती है। इसका इस्तमाल ज्यादा मात्रा में करने से मूत्र की समस्या हो सकती है। अधिक मात्रा में गाजर का सेवन करने से शरीर में बीटा कैरोटीन का मात्रा बढ़ जाती है। बीटा कैरोटीन की मात्रा बढ़ने से त्वचा का रंग पीला या नारंगी हो जाता है।
गाजर को डाइट में शामिल करने से पाचन प्रक्रिया स्वस्थ तरीके से पूरी होती है। गाजर में फाइबर पाया जाता है जो डाइजेशन को अच्छे तरीके से पूरा करने में मदद करते हैं। फाइबर का सेवन करने से पेट की परेशानियां कम होती हैं , जिससे पेट स्वस्थ रहता है। इसके साथ ही डाइजेशन स्वस्थ रखने के लिए सही खाने का सेवन करना जरुरी है। जब भी किसी को आंखों से जुड़ी परेशानी होती है तो उसको गाजर खाने की सलाह दी जाती है। आंखों को स्वस्थ रखने के लिए विटामिन ए का सेवन करना जरुरी है और आपको बता दें कि गाजर के फायदे विटामिन ए से भरपूर होने के कारण बढ़ जाते हैं। विटामिन ए एक एंटीऑक्सीडेंट है जो आंखों को कमजोर होने से बचाता है और बीमारियों से लड़ने में मदद करता है।