यदि स्त्री या पुरुष घुटनों पर हाथ रखकर उठता है तो समझ लेना चाहिए कि वह वृद्ध हो चला है और उसके घुटनों में दर्द बनने लगा है। ऐसी अवस्था में घुटनों के दर्द से बचने के लिए उचित उपचार तथा आहार-विहार का पालन करना चाहिए।
यह रोग घुटनों की हड्डियों में चिकनाई घट जाने के कारण हो जाता है। वृद्धावस्था में हड्डियों में खुश्की दौड़ने लगती है और शरीर में फॉस्फोरस नामक तत्व की कमी हो जाती है।
इसके अलावा पौष्टिक भोजन का अभाव, मानसिक तनाव व अशान्ति, शरीर में खून की कमी, भय, शंका, क्रोध आदि के कारण भी यह रोग होता है। घुटने का दर्द बाएं, दाएं या दोनों घुटनों में हो सकता है। रोगी को बैठने के पश्चात् उठकर खड़े होने में काफी तकलीफ होती है।
हवा चलने, ठंड लगने, ठंडी चीजें खाने, जाड़ा, गरमी, बरसात आदि के मौसम में यह रोग बढ़ जाता है। घुटने सख्त हो जाते हैं। उनमें चटखन होती है। कभी-कभी घुटनों में सृजन भी आ जाती है।
पानी में जरा-सा नमक डालकर गरम कर लें। फिर उस पानी में कपड़ा भिगोकर लगभग 10 मिनट तक नित्य सेंकाई करें। अदरक या सोंठ, कालीमिर्च, बायबिडंग तथा सेंधा नमक- सबको बराबर की मात्रा में कूट-पीसकर चूर्ण बना लें। इस चूर्ण की 4 ग्राम की मात्रा शहद के साथ मिलाकर चाटें।
घुटनों पर कच्चे आलुओं को पीसकर उनका लेप लगाएं भोजन में खीरा तथा लहसुन का सेवन नित्य दो माह तक करने से युती का दर्द जाता रहता है। 0 नारियल की कच्ची गिरी पीसकर घुटनों पर लगाएं तथा चबा-चबाकर उन्हें खाएं भी।
मेथी का चूर्ण एक चम्मच प्रतिदिन सुबह के समय गरम पानी के साथ सेवन करें। 0 सरसों के में दो चम्मच अजवायन, चार पूती लहसुन, दो रत्ती अफीम तथा एक चम्मच खसखस डालकर औटा लें। फिर इस तेल को छानकर घुटनों पर मालिश करें।
काढ़ा बनाकर उसमें एक चम्मच एरण्ड का तेल सुबह खाली पेट 10 ग्राम अखरोट की गिरी का सेवन करें। मिलाकर सेवन करें। रोज घुटनों के दर्द में उपयोगों है अखरोट लौकी उबालकर उसके पानी से घुटनों को तर करें। नीम की छाल को पीसकर चंदन की तरह घुटनों पर लगाएं।
10 ग्राम गुरगुल को गुड़ में मिलाकर सेवन करें। बच का चूर्ण आधा चम्मच प्रतिदिन गरम पानी के साथ लें। घुटने के दर्द में केवल ठंडी तथा वायु बनाने वाली चीजों का उपयोग वर्जित है। फलों तथा हरी तरकारियों का सेवन अधिक करें।
मट्ठा, चाट, पकौड़े, मछली, मांस, मुर्गा, अंडा, धूम्रपान आदि का सेवन बिलकुल न करें। घुटनों को मोड़कर नहीं बैठना चाहिए। पेट को साफ रखें तथा कब्ज बनने दें। दूध के साथ ईसबगोल की भूसी का प्रयोग करें। शरीर को अधिक बकाने वाले कार्य न करें।
प्रतिदिन सुबह-शाम टहलने के लिए अवश्य जाएं। घुटने का दर्द बहुत आम समस्या है और काफी परेशान कर सकती है। घुटने के दर्द के अलावा अन्य कई लक्षण भी हो सकते हैं। जैसे घुटने में सूजन, बाएं घुटने का दर्द, दाहिने घुटने का दर्द, घुटने की टोपी के आसपास दर्द; घुटने के जोड़ों में अकड़न और दर्द।
जब अन्य सभी रूढ़िवादी विकल्प विफल हो जाते हैं, तो आपको उस पुराने घुटने के दर्द का इलाज करने के लिए घुटने की सर्जरी की सलाह दी जा सकती है। चुनिंदा घुटने की चोटों को सुधारक मरम्मत सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है।
घुटने की सर्जरी आर्थोस्कोपिक घुटने की सर्जरी से लेकर घुटने के कुल प्रतिस्थापन तक होती है। अस्थिबंधकों की मरम्मत और खोई हुई हड्डियों या उपास्थि के छोटे टुकड़ों को हटाने के लिए आर्थ्रोस्कोपिक घुटने की सर्जरी बहुत ही सामान्य शल्य प्रक्रिया है। हल्दी पाउडर की जगह अगर आप कच्ची हल्दी को पीसकर दूध में मिलाकर पीते हैं