पुराणों के अनुसार जब भी कोई मनुष्य मरता है या आत्मा शरीर को छोड़कर यात्रा प्रारंभ करती है। तो इस दौरान उसे तीन प्रकार के मार्ग मिलते हैं। उस आत्मा को किस मार्ग पर चलाया जाएगा यह केवल उसके कर्मों पर निर्भर करता है। ये तीन मार्ग हैं- अर्चि मार्ग, धूम मार्ग और उत्पत्ति-विनाश मार्ग।
यजुर्वेद में कहा गया है कि शरीर छोड़ने के बाद जिन्होंने तप-ध्यान किया है वे ब्रह्मलोक चले जाते हैं मतलब ब्रह्मलीन हो जाते हैं। कुछ सत्कर्म करने वाले भक्तजन स्वर्ग चले जाते हैं। स्वर्ग मतलब वे देव बन जाते हैं। राक्षसी कर्म करने वाले कुछ प्रेतयोनि में अंत तक भटकते रहते हैं और कुछ पुन:धरती पर जन्म ले लेते हैं। जन्म लेने वालों में भी जरूरी नहीं कि वे मनुष्य रूप में ही जन्म लें। इससे पहले ये सभी पितृलोक में रहते हैं वहीं उनका न्याय होता है।
मौत के बाद जीवन. जी हां आपने ठीक सुना। इसको लेकर लोग अक्सर बात करते रहते हैं। भारत सहित कई देशों में माना जाता है कि मौत के बाद भी जीवन होता है। हिंदू धार्मिक मान्यताओं की बात करें, तो किसी इंसान के मरने के बाद आत्मा दूसरे नए शरीर में प्रवेश करती है। इसी बीच एक ब्रह्मांड वैज्ञानिक ने अब दावा किया है कि मौत के बाद का जीवन “वैज्ञानिक संभावना के दायरे से परे” है।
डॉ शॉन कैरोल एक ब्रह्मांड विज्ञानी और अमेरिका में कैलिफोर्निया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में भौतिकी के प्रोफेसर हैं। उन्होंने अपना आधा जीवन भौतिकी के नियमों का अध्ययन करने में समर्पित कर दिया है। वह दावा करते हैं कि ब्रह्मांड के नियम के अनुसार हमारे मरने के बाद भी आत्मा को काम करने की अनुमति नहीं देते हैं।
उन्होंने कहा कि यदि यह वास्तव में परमाणुओं और ज्ञात शक्तियों के अलावा कुछ भी नहीं है। तो स्पष्ट रूप से मौत के बाद आत्मा जीवित रहती है, इसका भी कोई आधार नहीं है।