जामफल अमरूद और सेब की तरह का फल होता है, जो गोल, लम्बा-सा होता है। यह भारतवर्ष में जंगलों में पाया जाता है। यह फल सफेद-सा लाल रंग का होता है। जामफल कच्चा कसैला तथा पकने पर मीठा होता है। इसका स्वभाव गरम-तर होता है। यह कफ प्रकृति वालों को नुकसान करता है। व्यवहार में यह पौष्टिक, मूत्रल, दस्तरोधक व चित्त को प्रसन्न करने वाला है।
जामफल के पेड़ का काढ़ा दस्त बन्द करने की चमत्कारी दवा है। जामफल के फल का सेवन करने से चित्त प्रसन्न रहता है, तबीअत नरम रहती है, पेशाब बढ़ता है तथा दिल को ताकत मिलती है। इसका सेवन करने से पेशाब जो रुक-रुककर आता है, वह बढ़ जाता है तथा दस्त हो रहे बन्द हो जाते हैं।
जुकाम के पुराने रोगी, जिसका कफ न निकल रहा हो, को एक बड़ा अमरूद बीज निकालकर खिला दें और ऊपर से ताजा जल रोगी नाक बंद करके पी ले। दो-तीन दिन में ही रुका हुआ जुकाम बहकर साफ हो जाएगा। दो-तीन दिन बाद अगर स्राव रोकना हो तो 50 ग्राम गुड़ रात्रि में बिना जल पीए खा लें।
यदि सूखी खाँसी हो और कफ न निकलता हो तो, सुबह एक ताजे अमरूद को तोड़कर, चबा-चबा कर खाने से 2-3 दिन में लाभ होता है अमरूद के 3-4 पत्तों को चबाने या पत्तों के काढ़े में फिटकरी मिला कर कुल्ला करने से दांत के दर्द में आराम होता है। अमरूद के कोमल पत्तों में कत्था मिलाकर पान की तरह चबाने से मुँह के छाले ठीक हो जाते हैं।
अमरूद का औषधीय गुण पाने के लिए फलों के बीज निकाल कर बारीक-बारीक काटकर शक्कर मिलाकर, धीमी आंच पर चटनी बनाकर खाने से हृदयविकार तथा कब्ज में लाभ होता है।अगर आपको उल्टियां हो रही हैं तो अमरूद के उपयोग से आप उल्टियां रोक सकते हैं. इसके लिए अमरूद के पत्तों का काढ़ा 10 मि.ली. पिलाने से उल्टी बंद हो जाती है। अमरूद के छोटे-छोटे टुकड़े काटकर पानी में डाल दें।
कुछ देर बाद इस पानी को पीने से मधुमेह या बहुमूत्रजन्य प्यास में लाभ होता है।बच्चे का पुराना पेचिश मिटाने के लिए अमरूद 15 ग्राम जड़ को 150 मिली जल में पकाकर जब आधा जल शेष रह जाए तो 6-6 मि.ली. तक दिन में दो-तीन बार पिलाना चाहिए।
कच्चे अमरूद के फल को भूनकर खिलाने से भी अतिसार में लाभ होता है। अमरूद की छाल व इसके कोमल पत्रों का काढ़ा बनाकर 20 मि.ली. मात्रा में पिलाने से हैजा की प्रारम्भिक अवस्था में लाभ होता है।आजकल छोटी उम्र से ही बच्चों की आंखें कमजोर होने लगती हैं। ज्यादा टीवी देखना, देर तक पढ़ाई करना, कम रोशनी में पढ़ना, बढ़ती उम्र और कई बार पौष्टिक आहार की कमी, इस समस्या का कारण बन जाती है। ऐसे में आहार में अमरूद को शामिल किया जा सकता है।
यह जरूरी विटामिन्स जैसे विटामिन-ए, सी व फोलेट से समृद्ध होता है। साथ ही इसमें जिंक और कॉपर जैसे तत्व भी पाए जाते हैं। ये सभी पोषक तत्व आंखों के स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद कर सकते हैं और साथ ही बढ़ती उम्र के कारण होने वाले नेत्र रोग के जोखिम को भी कम कर सकते हैं
अमरूद में विटामिन-सी पाया जाता है, जो शरीर में आयरन के अवशोषण की बढ़ावा दे सकता है। इसलिए, यह गर्भावस्था के दौरान आयरन की कमी से होने वाली खून की कमी से बचाव कर सकता है। इस लिए गर्भाअवस्था मा जामफल खाना चाहिये ।
मासिक धर्म या पीरियड्स हर महिला के लिए वो वक्त होता है, जिसमें उसे कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है। मूड स्विंग्स, पेट दर्द, ऐंठन, सिरदर्द और ऐसी ही कई अन्य समस्याएं होती हैं, जिन्हें महिलाएं हर माह झेलती हैं ऐसे में अमरूद का सेवन काफी फायदेमंद होता हे
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