अगर बात करें बेसन खाने के फायदे की, तो यह गुणों का खजाना है। इसमें कई पौष्टिक तत्व होते हैं, जैसे – प्रोटीन, आयरन, विटामिन, फाइबर व फैट आदि, जो सेहत के लिए फायदेमंद साबित हो सकते हैं।
बेसन के अंदर लिपोप्रोटीन की मात्रा कम होती है। प्रतिदिन इसे आहार में लेने से कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित किया जा सकता है। साथ ही कोलेस्ट्रॉल को कम करने के लिए फाइबर की भी जरूरत होती है और यह बेसन में पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है। इसमें स्वस्थ अनसैचुरेटेड फैट भी होता है, जो कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में सहायक होता है। इसलिए, बढ़ते हुए कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रण में रखने के लिए बेसन का उपयोग किया जा सकता है।
बेसन मधुमेह में फायदेमंद हो सकता है। बेसन के सेवन से पर्याप्त ऊर्जा तो प्राप्त होती ही है, साथ ही मधुमेह के स्तर को भी कम किया जा सकता है। बेसन को कम कार्बोहाइड्रेट और कम शुगर वाले खाद्य पदार्थों में गिना जाता है। इसलिए, बेसन के सेवन से रक्त में मौजूद शर्करा को नियंत्रित किया जा सकता है।
आयरन की कमी से एनीमिया होता है। इससे थकान, कमजोरी, सांस लेने में तकलीफ व ह्रदय गति के असामान्य होने की समस्या हो सकती है। वहीं, बेसन फाइबर और प्रोटीन युक्त होता है। साथ ही इसमें फोलेट और आयरन भी पर्याप्त मात्रा में होता है। फोलिक एसिड और विटामिन-बी12 की कमी के कारण मेगालोब्लास्टिक एनीमिया हो जाता है, जिसमें लाल रक्त कोशिकाओं और प्लेटलेट्स की संख्या में कमी आ सकती है। इस प्रकार बेसन खाने के फायदे में पर्याप्त आयरन को प्राप्त करना भी है। साथ ही लाल रक्त कोशिकाएं भी बेहतर हो सकती हैं।
बेसन खाने के फायदों में एक यह भी है कि इसके सेवन से हड्डियां मजबूत होती हैं। इसमें मौजूद कैल्शियम, मैग्नीशियम और अन्य महत्वपूर्ण खनिज हमारी हड्डियों को मजबूत बनाते हैं।
इसके अंदर मौजूद फास्फोरस शरीर के अंदर कैल्शियम के साथ मिलकर हड्डियों के निर्माण में सहायक होता है। बेसन के उपयोग से ऑस्टियोपोरोसिस जैसी स्थिति से बचा जा सकता है। ऑस्टियोपोरोसिस ऐसी बीमारी है, जिसमें हड्डियां कमजोर होने लगती हैं और उनके टूटने का खतरा बढ़ जाता है। इससे बचाव के लिए बेसन का उपयोग करना फायदेमंद हो सकता है।
बेसन के गुणों में एक गुण ऐसा भी है, जोकि महत्वपूर्ण है। इसके सेवन से हमारी रोगप्रतिरोधक क्षमता यानी इम्यूनिटी सिस्टम बेहतर होता है। इसमें पाए जाने वाले पोषक तत्त्व प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करते हैं। इसलिए, जो लोग अक्सर बीमार पड़ जाते हैं, उनके लिए बेसन बहुत लाभदायक सिद्ध हो सकता है। इसके अंदर विटामिन-बी1, मैग्नीशियम, फास्फोरस, प्रोटीन एवं अमीनो एसिड का अच्छा संतुलन है, जोकि मानव स्वास्थ के लिए फायदेमंद होता है।
फाइबर में थकान को रोकने के औषधीय गुण होते हैं और बेसन में फाइबर व कार्बोहाइड्रेट प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। फाइबर से पाचन की प्रक्रिया धीमी हो जाती है, जिससे शरीर को भरपूर ऊर्जा मिल पाती है। साथ ही बेसन थियामिन विटामिन का भी अच्छा स्रोत है, जो भोजन को ऊर्जा में परिवर्तित कर थकान को दूर करता है।
बेसन का उपयोग करने से रक्तचाप को भी नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है। इससे ज्यादा लेने पर रक्तचाप असंतुलित हो सकता है। ऐसे में बेसन पर भरोसा किया जा सकता है। बेसन शरीर में पर्याप्त मात्रा में सोडियम की पूर्ति करता है तथा अतिरिक्त सोडियम को बाहर निकालता है, जिससे रक्तचाप नियंत्रित रहता है। भुने हुए चने से बनने वाले बेसन के अंदर पोटैशियम, मैग्नीशियम, आयरन और जिंक अधिक मात्रा में पाया जाता है, जिससे रक्तचाप संतुलित रहता है। बेसन में उच्च फाइबर मौजूद होता है, जो एंटीऑक्सीडेंट की तरह काम करता है। साथ ही इसमें पाया जाने वाला ब्यूटिरेट नामक मुख्य यौगिक कैंसर कोशिकाओं को बढ़ने से रोकता है।
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