हम में से अधिकांश लोगों को पता है कि राम का सीता से विवाह एक स्वयंवर के माध्यम से हुआ थाl उस स्वंयवर के लिए भगवान शिव के धनुष का इस्तेमाल किया गया था, जिस पर सभी राजकुमारों को प्रत्यंचा चढ़ाना थाl लेकिन बहुत कम लोगों को पता होगा कि भगवान शिव के उस धनुष का नाम “पिनाक” था ।
बाल्मीकि रामायण के अनुसार जिस समय भगवान श्री राम वनवास गए थे। उस समय उनकी आयु 27 वर्ष की थी। भगवान राम के पिता राजा दशरथ श्रीराम को वनवाश नहीं भेजना चाहते थे। लेकिन वे अपनी पत्नी के आगे वचनबद्ध थे। दोस्तों श्री राम के पिता राजा दशरथ को जब भगवान श्रीराम को वनवास जाने से रोकने की कोई उपाय नहीं सूझा। तो उन्होंने श्रीराम से यह भी कह दिया कि तुम मुझे बंदी बनाकर स्वयं अयोध्या का राजा बन जाओ।
अशोक वाटिका लंका में स्थित है, जहां रावण ने सीता को हरण करने के पश्चात बंधक बनाकर रखा था। ऐसा माना जाता है कि एलिया पर्वतीय क्षेत्र की एक गुफा में सीता माता को रखा गया था, जिसे ‘सीता एलिया’ नाम से जाना जाता है। यहां सीता माता के नाम पर एक मंदिर भी है।
विश्व विजय के बाद रावण कैलाश की और जा रहा था तभी उसे रंभा नाम की अप्सरा दिखाई दी। रंभा कुबेर के बेटे नलकुबेर के पास जा रही थी। जहां रावण ने उसे पकड़ लिया। तभी रंभा ने रावण से कहा कि आप मुझे इस तरह से स्पर्श न करें, मैं आपके बड़े भाई कुबेर के बेटे के लिए हूं। इसलिए मैं आपकी पुत्रवधू हूं, लेकिन रावण नहीं माना और उसने रंभा से दुराचार किया. जब इस बता का पता नलकुबेर को चला तो उसने रावण को श्राप दिया कि रावण बिना किसी स्त्री की इच्छा के उसे स्पर्श नहीं कर सकेगा अगर उसने ऐसा किया तो उसके सिर के सौ टुकड़े हो जाएंगे।
राम को भगवान विष्णु का अवतार माना जाता है लेकिन आपको पता है कि उनके अन्य भाई किसके अवतार थे? लक्ष्मण को शेषनाग का अवतार माना जाता है जो क्षीरसागर में भगवान विष्णु का आसन है । जबकि भरत और शत्रुघ्न को क्रमशः भगवान विष्णु द्वारा हाथों में धारण किए गए सुदर्शन-चक्र और शंख-शैल का अवतार माना जाता है।