आमतौर पर सौंफ का उपयोग माउथ फ्रेशनर के रूप में किया जाता है। इसके अलावा, भारतीय रसोई में सौंफ का उपयोग मसाले के रूप में भी किया जाता है। यह पाचन संबंधी समस्याओं से लेकर आंखों की रोशनी बढ़ाने, वजन कम करने और अन्य समस्याओं से छुटकारा दिलाने में मददगार साबित होती है।
सौंफ का उपयोग सबसे अधिक पाचन संबंधी समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए किया जाता है। इसके एंटीस्पास्मोडिक (पेट और आंत में ऐंठन दूर करने वाली दवाई) और कार्मिनेटिव गुण इरिटेबल बाउल सिंड्रोम जैसी पेट की गंभीर समस्याओं से छुटकारा दिलाने में काफी कारगर होते हैं। इसके अतिरिक्त, पेट दर्द, पेट में सूजन और गैस जैसी समस्याओं से छुटकारा दिलाने के साथ ही अल्सर, दस्त और कब्ज आदि से राहत दिलाने में भी सौंफ कारगर साबित हो सकती है।
फाइबर से भरपूर सौंफ बढ़ते वजन को नियंत्रित करने में भी लाभदायक हो सकती है। यह न सिर्फ वजन कम करने में सहायक होती है, बल्कि शरीर में अतिरिक्त वसा को बनने से भी रोकती है। कोरिया में हुए एक शोध के मुताबिक सौंफ की एक कप चाय पीने से भी बढ़ते वजन को रोका जा सकता है
सौंफ में फाइबर भी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है, जो कोलेस्ट्रोल को नियंत्रित करने में लाभदायक होता है। फाइबर, कोलेस्ट्रोल को खून में घुलने से रोकता है और इस प्रकार दिल की बीमारियों से भी बचाव कर सकता है।
सौंफ को सदियों से श्वास संबंधी समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए उपयोग किया जा रहा है। यह ब्रोनिकल मार्ग को साफ कर श्वास क्रिया को दुरुस्त रखती है। फेफड़ों की सेहत के लिए सौंफ लाभदायक है। इसके अतिरिक्त, सौंफ में पाए जाने वाले पाइथोन्यूट्रिएंट्स अस्थमा के लिए भी फायदेमंद हो सकते हैं।
सौंफ का उपयोग आमतौर पर सांसों की ताजगी बनाए रखने के लिए किया जाता है। सौंफ के कुछ दानों को चबाने मात्र से ही सांसों की दुर्गंध दूर हो जाती है। सौंफ चबाने से मुंह में लार अधिक मात्रा में बनती है, जो बैक्टीरिया को दूर करने में मददगार साबित हो सकती हैं। इसके अतिरिक्त सौंफ के गुण ये भी हैं कि यह मुंह के संक्रमणों से भी बचा सकती है। सर्दी में कफ की समस्या आम हो जाती है और आमतौर पर छोटे बच्चों को इससे कुछ ज्यादा ही परेशानी होती है। सौंफ इस समस्या से
आसानी से छुटकारा दिला सकती है। सौंफ में एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं, जो कफ जैसी छोटी-मोटी समस्याओं से राहत दिलाने में मदद कर सकते हैं।
स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए भी सौंफ लाभकारी हो सकती है। इसमें एथनॉल नामक तत्व पाया जाता है, जो फाइटोएस्ट्रोजन है और महिलाओं में दूध बनने की क्षमता को बढ़ाता है। इसके अतिरिक्त, यह भी कहा जाता है कि स्तन की सूजन कम करने में भी सौंफ सहायक हो सकती है।
सौंफ के अनेक गुणों में से एक गुण यह भी है कि यह अच्छी नींद लाने में मदद कर सकती है। सौंफ में मैग्नीशियम पाया जाता है, जिसके बारे में कहा जाता है कि यह अच्छी नींद और नींद के समय को बढ़ा सकती है। मैग्नीशियम अनिद्रा दूर भगाने में भी मददगार हो सकती है। मासिक धर्म की शुरुआत से पहले महिलाओं को तमाम छोटी-मोटी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। मसलन पेट में दर्द और मरोड़ आदि जैसे लक्षण मासिक धर्म के शुरू होने से पहले सामने आते हैं। मासिक धर्म की इन समस्याओं से छुटकारा दिलाने में सौंफ कुछ हद तक लाभकारी साबित हो सकती है।
सौंफ में पाया जाने वाला तेल मधुमेह रोगियों के लिए काफी लाभदायक साबित हो सकता है। यह खून में शर्करा की मात्रा को कम कर मधुमेह के खतरे को भी कम कर सकता है। सौंफ में पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट गुण भी कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम कर सकते हैं। सौंफ के गुण में त्वचा का ध्यान रखना भी शामिल है। इसमें मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटीमाइक्रोबियल और एंटीएलर्जिक गुण त्वचा की सुंदरता बनाए रखने में मददगार साबित हो सकते हैं।