बुध
यह सूर्य के सबसे नजदीक स्थित और सौर मंडल का सबसे छोटा ग्रह है। इसका आकार और द्रव्यमान करीब–करीब चंद्रमा के बराबर है। सूर्य की एक परिक्रमा पूरी करने में यह 88 दिन लगाता है। अपनी धुरी पर यह 59 दिनों में एक बार परिक्रमा पूरी कर लेता है। इसका कोई उपग्रह नहीं हैं। बुध ग्रह पर कोई वायुमंडल भी नहीं है इसकी सतह चट्टानों और पहाड़ों से बनी हुई है। सूर्य की तरफ पड़ने वाली ग्रह की सतह को सबसे अधिक ताप और प्रकाश मिलता है, जबकि ग्रह के दूसरी तरफ की सतह को कभी भी सूर्य का प्रकाश या ताप नहीं मिलता। इसलिए बुध का एक हिस्सा बहुत अधिक गर्म तो दूसरा हिस्सा बहुत ही अधिक ठंडा है।
शुक्र
शुक्र ग्रह सूर्य के दूसरा सबसे निकट का ग्रह एवं पृथ्वी के सबसे निकट स्थित ग्रह है l यह सौर मंडल का सबसे अधिक तापमान (गर्म) वाला ग्रह है l इसका तापमान लगभग 457 ॰C है l सघन वातावरण एवं ग्रीन हाउस प्रभाव के कारण यह ग्रह अत्यधिक गरम ग्रह है l शुक्र ग्रह सूर्य के प्रकाश का लगभग 70% तक परवर्तित कर देता है अतः शुक्र ग्रह चंद्रमा के बाद सौरमंडल मे सबसे चमकीला पिंड है l यही कारण है की शुक्र ग्रह को ‘भोर का तारा’ भी कहा जाता है l शुक्र ग्रह को ‘प्यार एवं सुंदरता की देवी’ भी कहा जाता है l शुक्र ग्रह आकार एवं द्रव्यमान मे पृथ्वी के समान ही है अतः इसे ‘पृथ्वी की जुड़वा बहन’ भी कहा जाता है.
शुक्र के वातावरण मे लगभग 96% कार्बनडाईऑक्साइड है जबकि 34% नाइट्रोजन, 0.015% सल्फर डाई ऑक्साइड विदमान है l शुक्र ग्रह की कक्षीय गति लगभग 32 किमी/से है.
शुक्र ग्रह सूर्य का एक चक्कर 225 दिनो मे लगाता है जबकि अपने अक्ष पर एक चक्कर 243 दिनो मे लगाता है अर्थात शुक्र पर एक दिन 243 दिनो का एवं एक वर्ष 225 दिनो का होता है l जो कि एक आश्चर्य की बात है l शुक्र ग्रह पर दिन एवं रात का तापमान लगभग एक समान होता है । शुक्र अपने अक्ष पर पूर्व से पश्चिम कि ओर घूमता है जबकि अन्य ग्रह पश्चिम से पूर्व दिशा मे घूमते है।
पृथ्वी
सौरमंडल का एकमात्र ग्रह जिस पर जीवन है। सूर्य से दूरी पर यह तीसरे स्थान पर है। ग्रहों के आकार एवं द्रव्यमान में यह पाँचवां स्थान पर है। पृथ्वी पर जल की उपस्थिति के कारण यह अंतरिक्ष से नीली दिखाई देती है। इसलिए इसे नीला ग्रह कहते हैं।
पृथ्वी पर 71% भाग में जल है तथा 29% भाग स्थलीय है।
यह अपने अक्ष पर 23½° झुकी हुई है जिससे ऋितु परिवर्तन होता है। यह पश्चिम से पूर्व अपने अक्ष पर 1610 किमी प्रति घंटा की चाल से 23 घंटे 56 मिनट और 4 सेकेंड में एक चक्कर लगाती है। पृथ्वी सूर्य की परिक्रमा दीर्घवृत्ताकार पथ पर 29.72 किमी प्रति सेकेंड की चाल से 365 दिन 5 घंटे 48 मिनट 46 सेकेंड ( 365 दिन 6 घंटे ) मे करती है। पृथ्वी को सूर्य की परिक्रमा करने में लगे समय को सौर वर्ष कहते हैं।
सूर्य से पृथ्वी की औसत दूरी 15 करोड़ किमी है। 3 जनवरी को पृथ्वी, सूर्य के निकट होती है तब यह दूरी लगभग 14.70 करोड़ किमी होती है इसे अवस्था को उपसौर कहते हैं। पृथ्वी 4 जुलाई को सूर्य से अधिक दूरी पर होती है लगभग 15.21 करोड़ किमी, इस अवस्था को अपसौर कहा जाता है। सूर्य का प्रकाश पृथ्वी पर 8 मिनट 18 सेकेंड पर पहुंचता है, तथा चंद्रमा का प्रकाश 1 मिनट 25 सेकेंड में पहुंचता है। पृथ्वी का सबसे निकट का तारा सूर्य के बाद प्राँक्सिमा सेन्चुरी है, जो पृथ्वी से लगभग 4.22 प्रकाश वर्ष दूर है।
पृथ्वी का विषुवतीय व्यास 12756 किमी है और ध्रुवीय व्यास 12714 किमी है। पृथ्वी का एक मात्र उपग्रह है चंद्रमा।
मंगल
मंगल को लाल ग्रह कहा जाता है। मंगल का लाल रंग वहा मौजूद आयरन ऑक्साइड की अधिक मात्रा के कारण है। यह अपने अक्ष पर 25०के कोण पर झुका हुआ है जिसकी वजह से वहा मौसम परिवर्तन होता है। मंगल ग्रह का अक्षीय झुकाव तथा दिन का मान लगभग पृथ्वी के समान है।
यह अपनी धुरी पर पृथ्वी के समान 24 घंटे 6 मिनट पर एक चक्कर लगाता है। मंगल ग्रह 687 दिन में सूर्य की परिक्रमा करता है। इस ग्रह के वायुमंडल में 95 % कार्बनडाई ऑक्साइड , 2 -3 % नाइट्रोज़न तथा 2 % ऑर्गन गैस है। मंगल ग्रह के दो उपग्रह है – फोबोस और डीमोस। सौर मंडल का सबसे बड़ा ज्लामुखी ओलिपस मेसी इसी ग्रह पर है।
मंगल ग्रह पर सौर मंडल का सबसे ऊचा पर्वत निक्स ओलंपिया है , जिसकी उचाई माउन्ट एवरेस्ट से तीन गुना ज्यादा है।
बृहस्पति
यह सौर मंडल का सबसे बड़ा ग्रह है। सूर्य की परिक्रमा करने में इसे 11 वर्ष और 11 माह का समय लगता है, जबकि अपनी धुरी पर यह 9 घंटे 56 मिनट में एक परिक्रमा पूरी कर लेता है। इसके 16 उपग्रह हैं। इसके चारो तरफ धुंधले छल्ले भी दिखाई देते हैं। लाल रंग का बड़ा सा धब्बा इसकी सबसे अलग विशेषता है। अपने अधिक द्रव्यमान के कारण अपने आस– पास से गुजरने वाली अन्य वस्तुओं पर यह बहुत मजबूत गुरुत्वाकर्षण बल लगाता है। गैसीय रूप में हाइड्रोजन और हीलियम इस ग्रह पर मौजूद हैं। बाहरी क्षेत्र के बादलों में गैसीय रूप में मीथेन पाया जाता है जबकि अमोनिया क्रिस्टलीय रूप में मौजूद है।
शनि
यह ग्रह आकार में दूसरा सबसे बड़ा ग्रह है। इसके चारों ओर एक छल्ला ( वलय ) पाया जाता है जो इसकी प्रमुख पहचान है। यह काले रंग का ग्रह है।
शनि ग्रह सूर्य की परिक्रमा 29 वर्षों में करता है। इसका घनत्व सबसे सबसे कम है पृथ्वी से लगभग तीस गुना कम। इस ग्रह को लाल दानव भी कहा जाता है।
शनि के सबसे अधिक 30 उपग्रह है इसलिए इसे गैलेग्जी लाइक प्लेनेटस भी कहा जाता है। टाइटन इसका सबसे बड़ा उपग्रह है इसका आकार लगभग बुध के समान है। टाइटन ऐसा उपग्रह है जिस पर वायुमंडल एवं गुरुत्वाकर्षण दोनों पाए जाते हैं।
अरुण
अरुण या यूरेनस हमारे सौर मण्डल में सूर्य से दूर सातवाँ ग्रह है। व्यास के आधार पर यह सौर मण्डल का तीसरा बड़ा और द्रव्यमान के आधार पर चौथा बड़ा ग्रह है। द्रव्यमान में यह पृथ्वी से 14.5 गुना अधिक भारी और अकार में पृथ्वी से 63 गुना अधिक बड़ा है। मीथेन गैस ज्यादा होने की वजह से यह हरे रंग का दिखाई देता है। अरुण अपने अक्ष पर इतना झुका हुआ है कि इसे ‘लेटा हुआ ग्रह’ भी कहा जाता है। इस ग्रह में भी शनि ग्रह के तरह चारों ओर वलय पाए जाते हैं। जिनके नाम अल्फा, बीटा, गामा, डेल्टा और इप्सिलौन हैं।अरुण ग्रह को 13 मार्च, 1781 ई. में सर विलियम हर्शल ने खोजा था।
वरुण
वरुण ग्रह सूर्य से दूरी के क्रम मे आठवाँ और सौरमंडल का अंतिम ग्रह है । वरुण का सबसे बड़ा ग्रह ट्रीटन है । अरुण व वरुण को ‘जुड़वा ग्रह’ कहते है । वरुण को पहली बार 1846 मे देखा गया था इसकी खोज जोहान गाले ने की । वरुण ऐसा पहला ग्रह है जिसका पता गणितीय गणना के आधार पर लगाया गया था । मिथेन गैस की उपस्थिती के कारण वरुण ग्रह हरे रंग का दिखाई देता है ।
प्लूटो
शुरू में प्लूटो को ग्रह का दर्जा दिया गया था। लेकिन यह बहुत छोटा है। आकार में यह अमेरिका का आधा होगा। प्लूटो पृथ्वी के चांद से भी छोटा है। इस वजह से इसका ग्रह का दर्जा समाप्त कर दिया गया। यह धरती की परिक्रमा 248 पृथ्वी वर्ष में करता है। इसका मतलब यह हुआ कि अगर आप प्लूटो पर रहते तो आपको अपने जन्मदिन को मनाने के लिए 248 पृथ्वी वर्ष का इंतजार करना पड़ता। प्लूटो का एक दिन धरती के साढ़े 6 दिनों के बराबर होता है। सूर्य से पृथ्वी की जितनी दूरी है, उसके मुकाबले प्लूटो 40 गुना ज्यादा दूर है। इस बौने उपग्रह के पास पांच चंद्रमा है। इसके सबसे बड़े चंद्रमा का नाम केरन है। केरन प्लूटो के आकार का आधा है। प्लूटो के अन्य चंद्रमा का नाम केरबेरोस, स्टिक्स, निक्स और हाइड्रा हैं।