थायराइड की समस्या से आजकल कई लोग पीड़ित हैं। अक्सर वजन बढ़ने या घटने के साथ हार्मोन असंतुलन हो जाते हैं, जिससे थायराइड की समस्या हो जाती है। एक शोध में बताया गया है कि पुरुषों की तुलना में महिलाओं में थायराइड 10 गुना ज्यादा होता है। अदरक में पोटेशियम और मैग्नीश्यिम की मात्रा पाई जाती है, जो थायराइड की समस्या से निजात दिलाती है। इसके अलावा एंटी-इंफलेमेटरी का गुण भी थायराइड को बढ़ने से रोकता है।
इस समस्या में दही और दूध का सेवन करना चाहिए, क्योंकि इसमें मौजूद कैल्शियम, मिनरल्स और विटामिन्स की मात्रा थायराइड से ग्रसित लोगों को स्वस्थ बनाए रखती है। अलसी के बीजों में फैटी एसिड पाया जाता है, जो हमारे दिल के लिए सेहतमंद है, इसलिए यह थायरायड की समस्या के लिए बेहतर माने जाते है। बता दें कि इसमें मैग्नीशियम और विटामिन बी 12 हाइपोथायरायडिज्म से लड़ने की क्षमता देते हैं
जिन लोगों को थायराइड का समस्या होती है, उन्हें थकान बहुत जल्दी लगने लगती है। ऐसे में मुलेठी का सेवन करना चाहिए। यह सेहत के लिए काफी फायदेमंद होते हैं। इसमें मौजूद तत्व थायराइड ग्रंथी को संतुलित बनाए रखते हैं। इसके साथ ही उर्जा प्रदान करते हैं।
साबुत अनाज में फाइबर, प्रोटीन और विटामिन्स आदि की भरपूर मात्रा होती है, जो कि थायराइड को बढ़ने से रोकते हैं। यह खून की कमी जैसी समस्या को रोकने में प्रभावी साबित है।
देशी गाय का गौमूत्र ले लें और इसका सुबह खाली पेट चार चम्मच सेवन करें । थायराइड का इससे अच्छा कोई उपचार नहीं है । गौमूत्र के अलाबा आप को और कुछ भी नहीं लेना है । अगर आप मुंह का टेस्ट बदलना चाहते हैं तो संतरा आदि का सेवन कर सकते हैं । ध्यान रहे गौमूत्र सिर्फ देशी गाय का ही होना चाहिए । इस उपचार से किसी प्रकार का थायराइड सर 15 दिन में जड़ से ख़त्म हो जाता है ।
खडा धनिया ले लें और उसे बारीक पीस लें । इसके बाद इस पाउडर का एक चम्मच एक गिलास पानी में डाल कर अच्छी तरह से मिला लें और इसके बाद इसे उबाल कर ड्रिंक जैसा बना लें, और इसे पी लें । ऐसा लगातार 15 दिन करने से दोनों तरह के थायराइड जड़ से ख़त्म हो जाते हैं।
अश्वगंधा में थायराइड ग्रंथियों से निकलने वाले हार्मोन्स को संतुलित करने का गुण है। एंटीऑक्सीडेंट से भरा अश्वगंधा ग्रंथी को सही मात्रा में हार्मोन उत्पादन करने में मदद करता है। हार्मोन संतुलन के साथ ही अश्वगंधा इम्यून सिस्टम को भी मजबूत करता है। अश्वगंधा को आप किसी भी रूप में ले सकते हैं। चाहे गोलियां ले या इसका पाउडर रोज खाएं।
गेहूं का ज्वारा, ब्लड और ब्लड रिलेटेड रोगों के साथ ही थायराइड हार्मोन पर भी बहुत इफेक्टिव है। गेहूं के ज्वारे को रोज अपनी डाइट में जरूर शामिल करें।
ओमेगा-3 फैटी एसिड भरपूर अलसी थायराइड हार्मोंस को संतुलित करने में कारगर है। ओमोगा-3 फैटी एसिड थायरायड ग्रंथि को सही तरीके से काम करने के लिए फोर्स करता है। हाइपोथायरायडिज्म के रोगियों को अलसी का प्रयोग किसी भी रूप में जरूर करना चाहिए।
इचिन्सिया जड़ी-बूटी है और इसका प्रयोग ज्यादातर इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने के लिए प्रयोग किया जाता रहा है। लेकिन कई अध्ययन में पाया गया कि ये थायराइड को नार्मल करने में भी बेहद कारगर साबित हुआ है। खास कर हाइपोथायरायडिज्म में यह बेहद कारगर है।
ब्लैडररैक हर्ब भी हाइपोथायराडिज्म और इससे जुड़ी बीमारियों में बेहद फायदेमंद साबित होता है। ये एक समुद्री शैवाल है जो आयोडिन से भरा होता है। यही कारण है कि ये थायराइड ग्रंथि को संतुलित कर हार्मोन उत्सर्जन को बढ़ाता है।
सीफूड के अलावा काला अखरोट भी आयोडीन का सबसे अच्छा स्रोत माना गया है। इसे रोज नट्स के रूप खाना आपके हार्मोंस के गति को सुधारता है।