जीभ के रंग की मदद से आप अपनी सेहत का पता लगा सकते हैं। अगर आपकी जीभ का रंग बदल जाता है। तो समझ लीजिए कि आप किसी बीमारी से पीड़ित हैं। दरअसल, जीभ का रंग आमतौर पर हल्का गुलाबी होता है। लेकिन कई बार बीमारी होने पर जीभ का रंग बदल जाता है। इसलिए जब जीभ का रंग बदल जाए तो इसे नजरअंदाज न करें और डॉक्टर से अपनी जांच कराएं।
जैसा कि हमने आपको बताया, जीभ का रंग आमतौर पर हल्का गुलाबी होता है। हालांकि, कुछ लोगों की जीभ पर हल्की सफेद कोटिंग होती है। इससे जीभ थोड़ी सफेद दिखाई देती है। जो सामान्य है।
अगर जीभ का रंग नीला पड़ जाए। तो सावधान रहो। नीले रंग का मतलब है कि आपको हृदय संबंधी रोग हो सकता है। ऐसा माना जाता है कि जीभ का रंग नीला हो जाता है। जब हृदय रक्त को ठीक से पंप नहीं कर पाता या रक्त में ऑक्सीजन की कमी हो जाती है।
कई बार जब खून में ऑक्सीजन की कमी हो जाती है तो नाखूनों का रंग भी नीला पड़ने लगता है। अगर आपके साथ भी ऐसी स्थिति है। इसलिए तुरंत डॉक्टर से अपनी जांच कराएं। ताकि समय पर इलाज मिल सके। जीभ का काला रंग कैंसर जैसी घातक बीमारी का संकेत माना जाता है। अल्सर या फंगल इंफेक्शन होने पर भी जीभ का रंग काला होने लगता है। अगर समय पर डॉक्टर द्वारा इलाज नहीं किया गया तो स्थिति और खराब हो सकती है।
जीभ का पीला पड़ना भी सामान्य नहीं माना जाता है। डॉक्टरों के मुताबिक जब जीभ का रंग पीला पड़ने लगता है। तो इसका मतलब है कि शरीर में पोषक तत्वों की कमी हो रही है। साथ ही पाचन तंत्र ठीक से काम नहीं कर रहा है। कभी-कभी लीवर या पेट संबंधी बीमारियों के कारण जीभ का रंग पीला हो जाता है। इसलिए अगर जीभ का रंग पीला हो जाए तो आपको डॉक्टर के पास जाना चाहिए और अपना चेकअप जरूर करवाना चाहिए।
जीभ का सफेद होना किसी गंभीर बीमारी की ओर भी इशारा करता है। अगर जीभ अचानक से पूरी तरह से सफेद होने लगे तो यह शरीर में डिहाइड्रेशन की समस्या मानी जाती है। ऐसे में आपको अधिक से अधिक पानी का सेवन करना चाहिए। जिससे शरीर में डिहाइड्रेशन की समस्या ठीक हो जाती है। धूम्रपान के कारण जीभ का रंग भी सफेद हो जाता है। जबकि ल्यूकोप्लाकिया रोग के कारण कुछ लोगों की जीभ सफेद होने लगती है।