काजू एक जाना-पहचाना मेवा है। इसे संस्कृत में अरुष्कर, गुच्छपुष्प, अग्निकृत, कजूस्क, पृथकबीज आदि नामों से जाना जाता है। काजू का मूल उत्पत्ति स्थान अमेरिका का ऊष्ण कटिबन्ध क्षेत्र है। इसके अतिरिक्त काजू काबुल, कन्धार, सिन्ध क्षेत्र में भी अच्छे रूप में पाया जाता है।
आजकल काजू गुजरात से लेकर भारत के दक्षिण प्रान्त में बहुतायत से पैदा होता है। काजू का वृक्ष छोटे कद का होता है। इसकी शाखायें मुलायम होती हैं। इसके पत्ते कटहल के पत्तों की तरह होते हैं। इसमें एक प्रकार का गोंद भी लगता है, जो पीला और कुछ ललाई लिये हुए होता है।
काजू का फल भारत में ही नहीं, अपितु सम्पूर्ण विश्व में एक उत्तम मेवे के रूप में जाना जाता है। काजू कसैला, मीठा, स्वादिष्ट तथा स्वभाव से गरम होता है। वात, कफ, अर्बुद जलोदर, ज्वर, धवलरोग और अन्य चर्मरोगों को दूर करता है।
वह मेवा गरम और तर होता है। यह शरीर को मोटा करता है, दिल को ताकत देता है औ दिमाग के लिए लाभदायक होता है। इसके छिलके में धातु परिवर्तक गुण होते हैं। इसकी जड़ विरेचक मानी जाती है। बवासीर, पेचिश, भूख की कमजोरी में भी वह लाभदायक है।
इसके फल से एक प्रकार का तेल निकलता है, जो दाहक होता है और शरीर पर लगाने से शरीर को पीला कर देता है। काजू को अगर बासी मुंह खाकर थोड़ी-सी शहद चाट लें, तो दिमाग की कमजोरी मिट जाती है। कोढ़ से शरीर पर पैदा हुई त्वचा की शून्यता काजू का तेल लगाने से समाप्त हो जाती है।
उपदंश से पैदा हुए फोड़े या लाल चट्टों को मिटाने के लिए भी इसके तेल को लगाना लाभदायक रहता है।
शरीर पर छोटे-छोटे काले मस्सों को जलाने के लिए इसके छिलके का तेल उपयोग में लाया जाता है। इसके छिलके का तेल लगाने से अन्दर फटी हुई बिवाई नष्ट हो जाती है।
काजू शरीर को मोटा करता है, दिल को ताकत प्रदान करता है, कामोद्दीपक है, वीर्य को बढ़ाता है, गुर्दे को ताकत देता है तथा दिमाग के लिए लाभदायक है। नोट- यह ध्यान रखने वाली बात है कि इसका तेल गरम तथा फफोले पैदा करने वाला होता है
काजू में प्रोटीन अधिक मात्रा में होता है इसलिए इसे खाने से बाल और त्वचा स्वस्थ और सुंदर हो जाते हैं.काजू को ऊर्जा का एक अच्छा स्रोत माना जाता है. इसे खाने से सेहत को कोई नुकसान नहीं पहुंचता लेकिन इसे ज्यादा मात्रा में नहीं खाना चाहिए. अगर आपका मूड बेमतलब ही खराब हो जाता है तो 2-3 काजू खाने से आपको इस समस्या में आराम मिल सकता है.।
काजू खाने से त्वचा का ग्लो करने लगती है और रंगत भी निखर जाती है. सौंदर्य बढ़ाने के लिए अक्सर ही घरेलू नुस्खों में इसका उपयोग किया जाता रहा है.काजू में एंटी ऑक्सीडेंट पाचन क्रिया को मजबूत बनाने के साथ ही वजन भी संतुलित रखता है.
कैल्शियम गर्भवती महिला के स्वास्थ के साथ ही भ्रूण की हड्डियों के विकास के लिए जरूरी होता है मैग्नीशियम जन्म के समय शिशु के वजन में कमी और गर्भवती के रक्तचाप को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका काजू निभाता है
काजू में मैग्नीशियम, जिंक, आयरन और फास्फोरस जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं काजू में मौजूद ये सभी पोषक तत्व बालों को पोषण दे सकते हैं, साथ ही बालों की चमक और मजबूती में भी सहायक हो सकते हैं