करेला स्वास्थ्य के लिए गुणकारी सब्जी है। कच्चा करेला सब्जी बनाने तथा पका करेला बीज के लिए उपयोगी होता है। करेले में विटामिन ‘सी’, लौह, केल्सियम, फास्फोरस आदि खनिज होते हैं। करेले की तासीर गरम होती है।
ज्यादा मात्रा में इसके सेवन से गर्मी उत्पन्न होती है। सीमित मात्रा में इसका उपयोग शरीर में स्फूर्ति लाता है।एक छोटे करेले का रस तीन दिन तक दोपहर में पीने से खून आना बंद हो जाता है। करेले के रस से कुल्ला करने से मुंह के छाले ठीक हो जाते हैं।
2 तोला करेले के रस में, 3 ग्राम वायविडंग का चूर्ण मिलाकर पीने से पेट के कीड़े मर जाते हैं।करेले की कम तेल वाली मसाले की सब्जी एक सप्ताह खाने से उदर रोग, कब्ज, मंदाग्नि, अफारा आदि रोग नष्ट होते हैं।
1 तोला करेले का रस, 1 ग्राम सौंठ का चूर्ण भोजन के बाद सेवन करने से लाभ होता है।
स्तनों में दूध यदि दूषित हो जाए तो मां को कुछ दिनों तक करेले की सब्जी खानी चाहिए, इससे दूध शुद्ध हो जाता है।
ताजा करेले को पानी के साथ पीसकर उसका 2 तोला रस 8-10. दिन तक रोगी को पिलाने से पीलिया रोग में लाभ होता है। गाजर, पालक और करेले का रस मिलाकर पीने से शरीर में रक्त की शुद्धि होती है।
करेले के रस से माथे पर लेप करने से सिरदर्द दूर हो जाता है।
बार-बार मूत्र आता हो तथा दर्द के साथ आता हो तो 2 तोला करेले के रस में ग्राम कलमीशोरा मिलाकर पीने से तथा इसी मिश्रण को कपड़े में भिगोकर पेडू पर रखने से लाभ होता है।
चौथाई कप करेले के रस में 1 चम्मच मीठा सोडा मिलाकर दिन में 2-3 बार लेप करने से गर्मी के मौसम में होने वाली अलाइयां या घमौरियां ठीक हो जाती हैं। मुंह के छाले करेले के रस में खड़िया मिट्टी और शहद मिलाकर चाटने से मुंह के छाले ठीक हो जाते हैं।
करेले का रस तिल या सरसों के तेल में मिलाकर मालिश करने से गठिया और वाय-बादी का दर्द दूर होता है। 2 चम्मच करेले का रस प्रातः बासी मुंह सेवन करने से खून साफ होकर शरीर के अंदर के सभी विकार नष्ट हो जाते हैं।
एक करेला व पीपल के 10 ताजा हरे पत्ते पीस, छानकर एक कप पानी के साथ प्रात: लेने से खूनी बवासीर एक सप्ताह में ठीक हो जाती है। आधा से एक कप करेले के रस में चौथाई चम्मच सोंठ का चूर्ण मिलाकर पीने से सभी प्रकार के मासिक धर्म संबंधी विकार दूर होते हैं।
50 ग्राम करेले के रस में 2 माशा कलमीशोरा मिलाकर लेने से साधारण पथरी मूत्र मार्ग से निकल जाती है। करेले के सूखे बीजों का चूर्ण 1 चम्मच भोजन से पूर्व पानी के साथ लेने से मधुमेह रोग में लाभ होता है।
करेले के रस में नीबू का रस मिलाकर पीने से मोटापा दूर होता है। करेले के सूखे बीज, गुड़मार, जामुन की गुठली कूटकर ताजा हरे बेल के पत्तों के साथ खरल कर सुखा लें। बाद में पीसकर भोजन से पूर्व एक छोटा चम्मच चूर्ण पानी के साथ लेने से धीरे-धीरे रक्त में शर्करा खत्म होकर लाभ होता है।
2 चम्मच करेले के पत्तों के रस में बड़ी हरड़ घिसकर सुबह-शाम पीने से कामला रोग ठीक होता है। 2-2 चम्मच पत्तों का रस सुबह-शाम पीने से आंतों के कीड़े मर जाते हैं। करेले के उभरे हुए किनारे छीलकर छाया में सुखा लें। इसमें समभाग में जामुन की गुठली का चूर्ण मिलाकर छान लें। 1-1 चम्मच चूर्ण सुबह-शाम पानी के साथ लेने से प्रमेह में लाभ होता है।
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