अमेरिका में वाशिंगटन विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने पाया है कि दुनिया भर में डेढ़ करोड़ लोग कोरोना के बाद विभिन्न मानसिक बीमारियों से पीड़ित हैं। रिपोर्ट बीएमजे मेडिकल जर्नल में प्रकाशित हुई थी।
ब्रिटिश मेडिकल जर्नल में प्रकाशित वाशिंगटन विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि दुनिया भर में 1.5 करोड़ से अधिक लोग कोरोना से ठीक होने के बाद मानसिक बीमारी से जूझ रहे थे और अकेले अमेरिका में ही 28 लाख से अधिक लोग मानसिक बीमारी का शिकार बने थे।
रिपोर्ट के मुताबिक, कोरोना से ठीक होने के एक साल बाद तक कई तरह की मानसिक बीमारियों का खतरा रहता है। विशेष रूप से नींद संबंधी विकार, ऐन्क्ज़ाइटी, डिप्रेशन आदि से ग्रस्त हैं। हालांकि इस मामले को लेकर लोगों के बेहद बेपरवाह भी बताए गए। लोग कोरोना के बाद इस तरह की मानसिक बीमारी पर ज्यादा ध्यान नहीं देते हैं और इससे हालत और खराब हो जाती है।
वाशिंगटन विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने सिफारिश की है कि कोरोना हुए लोगों को मानसिक बीमारी से सावधान रहना चाहिए। अगर कोरोना सर्वाइवर्स को एक साल तक दिमाग में बदलाव नजर आए तो इसे गंभीरता से लेना और इसका इलाज करना जरूरी है।
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