अगर आपके शरीर में खराब कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ने लगता है। समझें कि निकट भविष्य में स्ट्रोक और हृदय रोग के गंभीर जोखिम हो सकते हैं। बेहतर होगा कि पहले इस खतरे को समझ लें और तुरंत अपने खान-पान में बदलाव करें। अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि हाई कोलेस्ट्रॉल होने पर क्या आपको दूध पीना बंद कर देना चाहिए?
कोलेस्ट्रॉल के बारे में मिथक:
कोलेस्ट्रॉल के बारे में कई मिथक हैं जिन्हें तोड़ने की जरूरत है। कोलेस्ट्रॉल बढ़ने पर बहुत से लोग डेयरी उत्पादों से दूर रहते हैं। हालांकि यह अनजाने में किया जाता है, लेकिन यह कई तरह से स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। हम आपको बता रहे है की क्या फैट बढ़ने पर दूध पीने के पीना चाहिए –
खराब कोलेस्ट्रॉल के स्तर को न बढ़ने दें:
कोलेस्ट्रॉल सिर्फ वसा नहीं है। यह एक प्रकार का लिपिड है जो वसा और प्रोटीन से बना होता है। यह एक चिपचिपा पदार्थ है जो रक्त में स्वस्थ कोशिकाओं के निर्माण में मदद करता है। एचडीएल यानी हाई डेंसिटी लिपोप्रोटीन दिल के अच्छे स्वास्थ्य को बनाए रखता है।
वहीं अगर नसों में अधिक एलडीएल जमा हो जाए तो हार्ट अटैक जैसी गंभीर बीमारियां हो सकती हैं। आमतौर पर हम जिस तरह का खाना खाते हैं उसमें अच्छा और बुरा दोनों तरह का कोलेस्ट्रॉल होता है। हमें अच्छे कोलेस्ट्रॉल का ही सेवन करना चाहिए।
क्या दूध पीने से खराब कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है?
इंटरनेशनल जर्नल ऑफ ओबेसिटी में प्रकाशित नए रिसर्च के अनुसार दूध पीने से कोलेस्ट्रॉल के स्तर पर कोई खास असर नहीं पड़ता है। एक विस्तृत अध्ययन के बाद, यह पाया गया कि डेयरी उत्पाद अच्छे और बुरे दोनों तरह के कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करते हैं।
‘सीमित मात्रा में दूध पीने से कोई खतरा नहीं’:
रिसर्च से यह भी पता चला है कि जो लोग नियमित रूप से दूध पीते हैं उनमें हृदय रोग का खतरा 14 प्रतिशत कम होता है। अगर दूध का सेवन सीमित मात्रा में किया जाए तो इससे पेट की चर्बी या वजन नहीं बढ़ता है। इस अध्ययन से स्पष्ट है कि डेयरी उत्पादों का सेवन कम करने की आवश्यकता नहीं है।