पारिजात (हरसिंगार) के फूल सुंदर होने के साथ ही सेहत के लिए भी बहुत गुणकारी साबित होते हैं। इस फूल की ख़ुशबू की मन मष्तिक पर जादुई असर पड़ती है। पारिजात फूल सेहत के लिए बहोत फायदेमंद साबित होता है। आइए इस लेख के द्वारा जानते है पारिजात के फूल से जुड़े फायदे ओर लाभ। जानने के लिए इसस लेख को पूर पढे।
पारिजात के फूलों से तैयार तेल में ऐंटी-एलर्ज़िक प्रॉपर्टीज़ होती हैं, जिससे कई तरह के फ़ंगल और बैक्टीरियल इंफ़ेक्शन को रोकने में मदद मिलती है। इसका तेल कई ब्यूटी प्रॉडक्ट्स में इस्तेमाल किया जाता है, जैसे- बॉडी सीरम और फ़ेस क्रीम इत्यादि। इससे बेदाग़ त्वचा पाने में भी मदद मिलती है।
ऐंटी-ऑक्सिटेंड्स से भरपूर पारिजात की पत्तियों से तैयार की गई हर्बल चाय थकान दूर करने और मन को शांत करने में मदद्रूप होती है। इसकी पत्तियों का इस्तेमाल बुख़ार, ख़ासी, साइटिका और कब्ज़ आदि जैसी बीमारियों को ठीक करने में किया जाता है। पत्तियों का पेस्ट बनाकर या उससे रस निकाल कर सेवन करने से डायबिटीज़ भी कंट्रोल में रहती है और पाचनशक्ति भी बढ़ सकती है।
पारिजात के फूलों के अलावा इसके पेड़ का हर भाग को आयुर्वेद में औषधि माना गया है। फूल, पत्तियां, तने और बीज से कई तरह के प्रॉडक्ट्स बनाए जाते हैं। यह दिमाग़ दिल, पेट और शरीर के हर अंग के लिए फ़ायदेमंद साबित होता है। अर्थराइटिस और डेंगू के बाद हड्डियों में होनेवाले दर्द से राहत पाने के लिए इसके तेल से मालिश करना चाहिए, इससे आराम मिलता है।
अनेकों लोग बालों में रूसी की समस्या से परेशान रहते हैं। डैंड्रफ को हटाने के लिए अनेक उपाय भी करते हैं, लेकिन कई बार उचित उपाय नहीं कर पाने के कारण रूसी से निजात नहीं मिलती। हरसिंगार के फायदे से रूसी को ठीक कर सकते हैं। पारिजात का बीज लें। इसका पेस्ट बनाएं। इसे सिर पर लगाएं। इससे डैंड्रफ की परेशानी खत्म हो जाती है।
बच्चे हों या वयस्क, सभी को कई बार पेट में कीड़े की समस्या होती है। हरसिंगार के फायदे इस रोग में मिलते हैं। हरसिंगार के पेड़ से ताजे पत्ते तोड़ लें। चीनी के साथ पारिजात के ताजे पत्ते का रस (पाच मिली) सेवन करें। इससे पेट और आंतों में रहने वाले हानिकारक कीड़े खत्म हो जाएंगे।
पारिजात का पेड़ डायबिटीज में बहुत लाभदायक साबित होता है। दस – तीस मिली पारिजात के पत्ते का काढ़ा बना लें। इसका सेवन करें। इससे डायबिटीज के रोग में लाभ पाया जाता है। पारिजात के गुण से गठिया की बीमारी में भी लाभ मिल सकता हैं। पारिजात की जड़ का काढ़ा बनाएं। इसकी दस – तीस मिली की मात्रा मे सेवन करें। इससे गठिया में फायदा मिलता है।
दाद में भी पारिजात के गुण से लाभ मिल सकता है। पारिजात के पत्तों को घिसकर रस निकाल लें। इसको दाद वाले अंग पर लगाएं। इससे दाद ठीक हो जाता है। पारिजात के पत्ते का काढ़ा एवं पेस्ट बना लें। इसका प्रयोग करने से दाद, खुजली, घाव, तथा कुष्ठ रोग आदि त्वचा विकारों में लाभ मिलता है।
पारिजात का पेड़ आंखों की बीमारी में भी लाभदायक साबित होता है। पारिजात के वृक्ष की छाल को कांजी से पीसकर तेल बना लें। इसे आंखों पर लगाने से आंखों के दर्द में लाभ मिलता है। पारिजात का पेड़ बुखार ठीक करने मे कारगर साबित हुआ है। पारिजात के पेड़ के पत्ते का काढ़ा बना लें। दस – तीस मिली काढ़ा में अदरक का चूर्ण तथा मधु मिलाकर इसका सेवन करें। इससे साधारण बुखार सहित बुखार की गंभीर स्थिति में भी लाभ मिलता है।
आमतौर पर बवासीर गुदा और उसके आसपास रक्त वाहिकाओं में सूजन के कारण होता है। हरसिंगार के बीज बवासीर का एक अचूक उपाय माना जाता है। प्रतिदिन इसके बीज का पेस्ट बना कर लगाने से मलत्याग में सहायता मिलती है और थोड़े से वक्त में बवासीर जैसी गंभीर दर्दनाक बीमारी से राहत मिल सकती है।