पेट का दर्द छोटे-बड़े सभी को होता है। अधिकांश लोगों के उपरांत पेट दर्द होता है, जबकि कुछ लोगों को भोजन से पहले यह है। दोनों ही प्रकार का पेट दर्द अनियमित खान-पान, प्रदूषित आहार-विहार शीघ्रतापूर्वक भोजन करने के कारण उत्पन्न होता है।
अतः उपचार के साथ उपरोक्त विषय में भी सावधानी बरतनी चाहिए। भोजन ठीक से न पचने, कब्ज, बार-बार दस्त पाकस्थली में विकार उत्पन्न होने से पेट में दर्द हो जाता है। कई बार देखते है कि पेट में बड़ी तीव्रता से दर्द उठता है।
यह आमाशय की बीमारी अल्सर, छोटी-बड़ी आंतों के रोग, यकृत तथा पित्ताशय के रोग, गुर्द के रोग, का अधिक बनना आदि की वजह से होता है।
कब्ज तथा अपच में उल्टी हो जाती है जिसके साथ ही दर्द उठता है कई बार पेट का दर्द भयंकर रूप धारण कर लेता है जिसके कारण अत्यधिक बेचैनी होती है। अपच, अजीर्ण, कब्ज, बुखार, उल्टियां आदि होने लगती हैं।
हरड़ को घी में भूनें। फिर उसे पीसकर चूर्ण बना लें। इसमें से चुटकी चूर्ण गरम पानी से सेवन करें। अपान वायु छूटने के बाद पेट का दर्द हो जाएगा। एक चम्मच अदरक का रस और थोड़ा-सा शहद मिलाकर चाटें।
नीबू के रस में एक चुटकी काला नमक, पिसी हुई थोड़ी-सी कालीमिर्चऔर पिसा हुआ जरा-सा जीरा मिलाकर बूंद-बूंद रस का सेवन करें आधा चम्मच जीरा पीस लें। फिर उसमें जरा-सा शुद्ध शहद मिलाकर धीरे-धीरे चाटें।
एक चम्मच अजवायन, एक चुटकी हींग और दो चुटकी काला नमक सबको मिलाकर फंकी मारें। ऊपर से गरम पानी पी लें। सूखा पुदीना पानी में घोलकर उसमें जरा-सी शक्कर और एक चुटकी नमक मिलाकर सेवन करें।
आधा चम्मच पिसी हुई सोंठ, एक चुटकी सेंधा नमक, एक चुटकी काला नमक तथा जरा सी हींग सबको पानी में घोलकर गुनगुना करके पिएं। दालचीनी और जरा सी हींग मिलाकर पीस लें। फिर इसे थोड़े से पानीमें घोलकर पी जाएं।
आधी चुटकी पिसी हुई लाल मिर्च को गुड़ में मिलाकर खाने से भी पेट का दर्द रुक जाता है । थोड़े से जीरे को सूखे तवे पर भून लें। फिर उसे पीसकर उसमें थोड़ा शहद मिलाकर सेवन करें।
सौंफ में सेंधा नमक मिलाकर खाने से भी पेट का दर्द रुक जाता है। एक चम्मच तुलसी का रस और एक चम्मच अदरक का रस गरम करकेपीने से पेट के दर्द में काफी लाभ होता है।
अमरूद की थोड़ी-सी नई पत्तियों को लेकर पीस लें। फिर उनको पानी में घोलकर सेवन करें।आधा चम्मच लहसुन का रस लेकर उसमें एक चुटकी काला नमक मिललें। इसे धीरे-धीरे पीने से पेट का दर्द ठीक हो जाता है।
मूली के दो चम्मच रस में चार दाने कालीमिर्च पीसकर मिला दें। फिर इसमें एक चुटकी नमक मिलाकर सेवन करें। अफरा होने पर प्याज के रस में कालीमिर्च का चूर्ण मिलाकर पिएं। अजवायन का चूर्ण पानी में घोलकर पेट पर मलने से अपान वायु निकल जाती है।
पके हुए जामुन का शरबत पीने से पेट का दर्द रुक जाता है। खरबूजे के छिलके को जलाकर भस्म बना लें। इसमें जरा-सा कालानमक मिलाकर सेवन करें।एक चुटकी लौंग का चूर्ण पानी में घोलकर पीने से गैस बाहर निकल जाएगी। इससे पेट का दर्द ठीक हो जाएगा।
पेट का दर्द मनुष्य को बेहाल कर देता है। इसलिए इसकी तुरन्त चिकित्सा की जानी चाहिए। इसमें दादी मां के उपरोक्त नुस्खे बहुत उपयोगी हैं। इसके साथ ही भोजन सादा और सुपाच्य किन्तु पौष्टिक करें।
हर कोई समय-समय पर खाने या पीने के बाद पेट में गड़बड़ी, अपच, दर्द या ऐंठन का अनुभव करता है। आमतौर पर पेट दर्द की शिकायत कुछ समय या लंबे समय तक हो सकती है| हल्का भोजन जैसे मूंग की दाल, दलिया, छाछ, पपीता, अनार का जूस भोजन में लेना चाहिए।
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