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कच्चा प्याज खाना से होते हे ये जबरदस्त फायदे, एक बार इस लेख को पढ़ लेने के बाद आप रोज प्याज खाते रहेंगे

प्याज को हिन्दी में कांदा तथा संस्कृत में पलांडु, यवनेष्ट, दुर्गंध, मुखदूषक, शुद्रप्रिय, कृमिघ्न, नृपेष्ट इत्यादि कहते हैं। प्याज खेतों में बोया जाता है। इसका पेड़ करीब 2 फुट तक ऊंचा होता है। इसके पेड़ में पत्ती ही होती है, जो लम्बी हरे रंग की, पीली तथा गोल होती है। इसी पेड़ की जड़ में एक प्रकार की गांठ होती है, जो प्याज के नाम से पुकारी जाती है।

प्याज का स्वाद अत्यन्त चरपरा, मीठा व स्वभाव गरम होता है। यह गरम स्वभाव वालों को प्यास पैदा करता है तथा स्मरण शक्ति को नष्ट करता है। यह नकसीर, मसूड़े की सूजन, दांतों का दर्द, नेत्ररोग, कान के दर्द, दाद, खुजली, बवासीर, कामशक्ति की कमजोरी, आमातिसार, लू लगने, उदरशूल, आफरा, कुत्ते के काटे आदि में फायदेमंद है।

प्याज के बीच का भाग गरम करके कान में रखने से अथवा ताजा प्याज का रस गरम करके कान में टपकाने से कान की पीड़ा मिटती है। असमय में रुका हुआ मासिक धर्म कच्चे प्याज को खिलाने से फिर जारी हो जाता है।

प्याज को बच्चे के मूत्र में पीसकर, तेल में तलकर बंदगांठ पर बांधने से गांठ बैठ जाती है। प्याज को कूटकर सूंघाने से स्त्रियों की मूर्च्छा और आवेश रोग मिटता है। प्याज को पीसकर बिच्छू के दंश पर लेप करने से शान्ति मिलती है।

त्वचा सम्बन्धी रोगों पर इसका लेप करने से दाद और खुजली मिटती है। इसको सिरके के साथ पीसकर चटाने से गले के रोग मिटते हैं। प्याज का रस और राई का तेल बराबर मिलाकर मालिश करने से गठिया की पीड़ा में लाभ होता है। प्याज का रस आंख में शहद के साथ मिलाकर लगाने से नेत्रपीड़ा व नजला मिटकर आंखों की पीड़ा मिट जाती है।

प्याज के रस में घी मिलाकर पीने से पुरुषार्थ बढ़ता है। प्याज को सिरके के साथ पकाकर खाने से मंदाग्नि मिटती है। पागल कुत्ते के काटे हुए जख्म पर प्याज का ताजा रस लगाने से और रोगी को प्याज का रस पिलाने से विष का प्रभाव कम होता है।

प्याज के 10 तोला रस में ढाई तोले मिश्री मिलाकर दिन में 3 बार पीने से बवासीर में लाभ होता है। मझली मोटाई का एक प्याज 3-4 काली मिर्च के साथ दिन में दो बार खाने से दुष्ट वायु से पैदा हुआ ज्वर नष्ट होता है।

कच्चे प्याज को खाने से अनिद्रा रोग मिटकर मीठी नींद आती है। प्याज को किसी बर्तन में भरकर उसके मुंह को ऐसा बन्द कर देना चाहिए, जिससे उसमें हवा न जाने पाये। फिर उस बर्तन को गाय बांधने की जगह पर गाड़ देना चाहिए।

चार महीने बाद उसको निकालकर उसमें से एक-एक प्याज प्रतिदिन खिलाने से मनुष्य की कामशक्ति बहुत जाग्रत होती है। एक प्याज के अन्दर आधी रत्ती अफीम रखकर उसको भूभल में भूनकर खिलाने से आमातिसार मिटता है।

शरीर पर प्याज के ताजे रस का मर्दन करने से लू का असर तुरन्त मिटता है। प्याज का रस नाक में टपकाने से नकसीर बन्द होता है। इसके रस में हींग और काला नमक डालकर पिलाने से उदरशूल और आफरा मिटता है। प्याज व कलौंजी बराबर भाग लेकर, चिलम में भरकर, इसका धूम्रपान करके मुंह से लार टपका देने से मुंह की सूजन व दंत पीड़ा मिट जाती है ।

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