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किचन मे पड़ी छोटी सी राई शरीर मे लगे हुवे घाव ओर उलटी ,खुजली जेसे कई रोगों को चुटकी मे मिटा देती हे जानने के लिए यह क्लिक करे

राई दो रंगों में मिलती है- लाल और सफेद दोनों बहुत गुणकारी एवं अग्नि प्रदीप्तकारी हैं। राई के सेवन से पेट की अग्नि तीव्र होती है जो भोजन पचाने में सहायता करती है। यह पेट के कीड़े मारती है और खाज खुजली को नष्ट करती है।

यह खाने में कुछ तेज तथा चरपरी-सी होती है। दादी मां के नुस्खों में राई का भी महत्त्वपूर्ण स्थान है, क्योंकि वे इससे सर्दी जुकाम, उल्टी, मूर्च्छा, मासिक धर्म, हिचकी, पेट का दर्द, वायु विकार आदि बहुत से रोगों का शमन कर देती हैं।

इसका चिकित्सीय उपयोग निम्नवत् है पाचन शक्ति के विकास में राई का जवाब नहीं राई को पीसकर इसका लेप छाती, नाक तथा पैर के तलवों पर करना चाहिए। तीन-चार दिनों में जुकाम एवं सर्दी शान्त हो जाएंगे। राई का चूर्ण 2 ग्राम की मात्रा में खाकर ऊपर से पानी पी लें।

पेट का दर्द तुरन्त रुक जाएगा। यदि शरीर के किसी जोड़ या हड्डी में वायु विकार के कारण दर्द हो तो राई को पीसकर उसका लेप लगाएं। यह लेप जोड़ों के दर्द को शीघ्र ही ठीक कर देता है। राई को पानी में पीसकर पेट तथा गले में उसका लेप लगाने से उल्टी तत्काल रुक जाती है। मूर्च्छा- राई को पीसकर बार-बार सुंघाने से बेहोशी दूर हो जाती है।

राई को पानी में उबालकर, गुनगुना पानी पीने से हिचकियाँ फौरन रुक जाती हैं। राई को पीसकर चूर्ण बना लें। फिर 3 ग्राम चूर्ण भोजन से पहले खाएं। इससे मासिक धर्म खुलकर आ जाएगा। अगर आपको लगता है, कि आपका हृदय शिथिल हो रहा है, और घबराहट के साथ आप बेचैनी और कंपन महसूसराई में एंटीऑक्सिडेंट बहुत अधिक होता है जो ब्रेस्ट कैंसर, पेट के कैंसर, और प्रोस्टेट कैंसर को रोकने में मदद करता है।

राई में पाया जाने बाला फेनोलिक्स एंटीऑक्सीडेंट भी इन समस्याओं में लाभदायक है। कर रहे हैं, तो अपने हाथों और पैरों में राई को पीसकर मलना, आपको आराम दिलाने में मदद करेगा।

बढ़ता हुआ वजन कई गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है और सरसों के बीज के फायदे वजन घटाने में भी देखे जा सकते हैं रक्त में ग्लूकोज का स्तर बढ़ने और अनियंत्रित होने से मधुमेह की समस्या हो सकती है। मधुमेह की समस्या से बचने के लिए सरसों मददगार हो सकता है

विटामिन ए की कमी से रात को नहीं दिखाई देना या फिर नजर का कमजोर होना यानी रतौधीं की समस्या हो सकती है। सरसों का उपयोग करने पर इस समस्या को दूर किया जा सकता है।

आज की भाग-दौड़ भरी जिंदगी में पीठ दर्द और मांसपेशियों में दर्द की समस्या तेज से बढ़ रही है। ऐसे में सरसों का उपयोग या फिर राई के फायदे पीठ दर्द और मांशपेशियों के दर्द में भी देखे जा सकते है
सरसों या राई के फायदे संक्रमण से लड़ने में भी काम आ सकते हैं।

एक शोध में पाया गया कि सरसों का उपयोग आरटीआई यानी श्वसन तंत्र की समस्या को कम करने में फायदेमंद हो सकता है बालों में सरसों के तेल का इस्तेमाल सदियों से किया जा रहा है। सरसों के तेल में विटामिन, प्रोटीन और फैटीसेड की मात्रा पाई जाती है

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