सचिन ने कहा माता-पिता जब अपने बच्चे को खेलते हुए देखते हैं तो इससे उन पर दबाव बढ़ता है इसलिए मैं अर्जुन को खेलते हुए नहीं देखता। मैं चाहता हूं कि उसे क्रिकेट से प्यार करने की आजादी मिले और उस चीज पर ध्यान केंद्रित करे जो करना चाहता है।अर्जुन के पिता सचिन उसके लिए एक मिसाल बनना चाहते हे।
इंटरनेशनल क्रिकेट के महानतम बल्लेबाजों में शुमार सचिन तेंदुलकर अपने बेटे अर्जुन के क्रिकेट के बेहतर होते देखना चाहते हैं।वो चाहते हे की वो अर्जुन मे अपने आप को देखे। लेकिन उनके मुकाबलों को नहीं देखते। मास्टर ब्लास्टर ने इस बात को साझा किया है कि उनका बेटा जब किसी मैच में खेलने उतरता है तो वह उसे नहीं देखते। इस साल आइपीएल के 15वें सीजन के लिए की गई मेगा आक्शन में अर्जुन को मुंबई इंडियंस ने खरीदा।
भारतीय टीम के पूर्व बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने अपने बेटे अर्जुन तेंदुलकर का मैच नहीं देखने के सवाल पर कहा कि वह चाहते हैं कि अर्जुन को इस खेल से प्यार करने की आजादी मिले। अर्जुन फिलहाल मुंबई की रणजी टीम का हिस्सा हैं और उन्हें आइपीएल की मेगा नीलामी में मुंबई इंडियंस ने 30 लाख रूपये में खरीदा था।
सचिन ने कहा, माता-पिता जब अपने बच्चे को खेलते हुए देखते हैं तो इससे उन पर दबाव बढ़ता है, इसलिए मैं अर्जुन को खेलते हुए नहीं देखता। मैं चाहता हूं कि उसे क्रिकेट से प्यार करने की आजादी मिले और अर्जुन उस चीज पर ध्यान केंद्रित करे जो वह करना चाहता है। उसे अपने खेल पर ध्यान लगाना है। जैसे कि मैं नहीं चाहता था कि कोई मुझे देखे। अगर मैं उसका खेल देखने जाऊंगा भी तो कहीं छिप जाऊंगा। अर्जुन को पता नहीं चलेगा कि मैं वहां हूं।
उन्होंने कहा, हम लोगों में से किसी ने अर्जुन को क्रिकेट खेलने के लिए जोर नहीं किया। वह फुटबाल खेलता था और फिर उसे शतरंज खेलना पसंद आया। क्रिकेट उसके जीवन में बाद में आया। पर वो करेककेत भी दिल लगाकर खलता हे।
गौलतलब है कि सचिन बेटे की गेंदबाजी में बेहतर प्रशिक्षण के लिए उनको इंग्लैंड ले गए थे। अर्जुन ने इंग्लैंड क्रिकेट टीम के बल्लेबाजों को नेट्स में काफी गेंदबाजी भी है। तेज रफ्तार गेंद पर एक बार इंग्लैंड के विकेटकीपर बल्लेबाज जोस बटलर चोटिल भी हुए थे।