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समय पर पीरियड न आने का यह हे मुख्य कारण, जानिए इस समस्या का आयुर्वेदिक इलाज

पीरियड्स मिस होने की सबसे आम वजह प्रेग्नेंसी होती है लेकिन अगर आप प्रेग्नेंसी प्लान नहीं कर रही हैं और फिर भी आपके पीरियड्स में देरी हो जाती है तो इसकी कई वजहें हो सकती हैं.तनाव का असर शरीर पर कई तरीकों से पड़ता है, जिसमें पीरियड भी शामिल है. तनाव से GNRH नामका  हार्मोन की मात्रा कम हो जाती है, जिसके कारण ओव्यूलेशन या पीरियड्स नहीं होते हैं.

अचानक से हुए बुखार, सर्दी, खांसी या किसी लंबी बीमारी की वजह से भी पीरियड्स में देरी हो सकती है. ये अस्थायी रूप से होता है और एक बार जब आप बीमारी से ठीक हो जाते हैं, तो आपके पीरियड्स फिर से नियमित हो जाते हैं.

शेड्यूल बदलना, नाइट शिफ्ट में काम करना, शहर से बाहर आना-जाना या फिर घर में किसी शादी या फंक्शन के दौरान हमारे रूटीन में कई तरह के बदलाव आ जाते हैं. शरीर को जब इस नए शेड्यूल की आदत हो जाती है या फिर जब हम सामान्य दिनचर्या में वापस आ जाते हैं तो पीरियड्स भी नियमित हो जाते हैं.

मोटापे की वजह से भी पीरियड्स अनियमित हो सकते हैं और जिसकी वजह से पीरियड्स आने में देरी हो सकती है. हालांकि, ये समस्या कम वजन वालों को भी होती है लेकिन मोटापा इसकी एक मुख्य वजह हो सकता है.

मेनोपॉज से पहले महिलाओं के शरीर में आंतरिक रूप से कई तरह के बदलाव आते हैं. इसकी वजह से पीरियड्स देरी से या समय से पहले आने लगते हैं.अगर आपके शरीर में पर्याप्त फैट नहीं है तो भी आपके पीरियड्स अनियमित हो सकते हैं. नियमित पीरियड्स के लिए हेल्दी वजन जरूरी होता है
ताजा अदरक से बनी चाय या एक चम्मच सोंठ के चूर्ण को एक कप पानी में गर्म कर लेने से भी लक्षणों मे कमी आती है।

चुटकी भर हींग को घी मे भूनकर इस घी को एक कप मट्ठे छाछ मे मिलाकर दिन मे एक बार पीने से भी विकृत लक्षण दूर होते है। आधा चम्मच पिसे हुए लहसुन के साथ एक लौंग दिन मे दो बार गुनगुने पानी के साथ ले सकते हैं। इसे खाने के साथ भी लिया जा सकता है। घृत कुमारी का गूदा एक बड़ा चम्मच चुटकी भर काली मिर्च या दाल चीनी चूर्ण के साथ लिया जा सकता है। इसे दिन मे दो बार लें।

अदरक के आचार का सेवन आप मासिक धर्म के दर्द के साथ ही साधारण पेट दर्द होने पर भी कर सकती है। आप अदरक को कद्दूकस करके इसे शहद में डुबा लें और इसका सेवन करें। ऐसा करने से आप मासिक धर्म की समस्या होने पर अदरक का इस्तेमाल आयुर्वेदिक उपचार के तौर पर कर सकती हैं।

आप जीरे की चाय को भी मासिक धर्म के लिए आयुर्वेदिक उपचार के तौर पर इस्तेमाल कर सकती हैं। इसका सेवन करके आप मासिक धर्म में होने वाले पेट दर्द से छुटकारा पा सकती हैं। इसका सेवन करने से आपको कुछ ही पल में दर्द से छुटकारा मिल जाएगा।

ड्राई फ्रूट्स का सेवन करके भी आप अनियमित पीरियड्स को नियंत्रित कर सकती हैं। आप किशमिश, सूखा आलू बुखारा या अंजीर का सेवन करके आसानी से मासिक धर्म के दर्द से छुटकारा पा सकती हैं।
आप मासिक धर्म के लिए आयुर्वेदिक उपचार के तौर पर शहद और नींबू से बनी चाय का सेवन कर सकती हैं। इसे बनाने के लिए आप काली चाय में 1 चम्मच शहद और 2 चम्मच नींबू का रस मिलाकर इसका सेवन करें। इस चाय का सेवन आप दिन में तीन बार जरूर करें।

 

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