सावन का महीना शिवभक्ति का महिना हे। इस महीने में सभी शिव की कृपा पाने के लिए पूजन करते हैं। शिव भक्त इन दिनों में मंदिर जाकर भगवान शिव का जलाभिषेक, पूजा-पाठ और आराधना करते हैं ताकि विशेष फल की प्राप्ति हो सकें। लेकिन इस महीने मे कुछ खास नियमों का ध्यान रखना जरूरी हैं। शास्त्रों में सावन के महीने को लेकर कुछ नियम बताए गए है जो आपके लिए फलदायी साबित होता हैं।
सावन महीने में ये काम जरूर करे :
सावन महीने में हर सोमवार को व्रत रखना बहुत ही शुभ माना जाता है। यह वैज्ञानिक दृष्टि से भी लाभदायक है और धार्मिक दृष्टि से भी इसका काफी महत्व है। पूरे महीने के हर सोमवार को व्रत रखें। व्रत रखने वाले लोगों को महामृत्युंजय मंत्र का रोजाना जप करना चाहिए। शिव को बेल पत्र अर्पित करने के साथ ही दूध, दही, घी, शहद और गंगाजल का पंचामृत बनाकर अभिषेक करें। हिंदू धर्म में रुद्राक्ष धारण करना बहुत ही शुभ माना जाता है। इसके लिए सावन का महीना सबसे अच्छा होता है।
सावन महीने में ये काम कभी न करे :
सावन के महीने में शिव की कृपा पाने के लिए पूरे महीने सात्विक भोजन करें। इस माह में मांस, मदिरा, प्याज और लहसुन का सेवन बंद कर देना चाहिए। सावन के महीने में इन सबके सेवन को पाप माना जाता है। जब भी भगवान शिव की पूजा करें तो शिवलिंग पर हल्दी न चढ़ाएं। हल्दी जलाधारी पर चढ़ानी चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि हल्दी स्त्री से संबंधित वस्तु है। शिवलिंग पुरुष तत्व से संबंधित है और ये शिवजी का प्रतीक है। इस कारण शिवलिंग पर नहीं, बल्कि जलाधारी पर हल्दी चढ़ानी चाहिए। जलाधारी स्त्री तत्व से संबंधित है और ये माता पार्वती की प्रतीक है।
सावन महीने मे हरी सब्जी काम या नहीं खाना चाहिए। इससे विशेष पुण्य फल की प्राप्ति होती है। स्वास्थ दृष्टि से देखा जाए तोसाग में पित्त बढ़ाने वाले तत्व की मात्रा बढ़ जाती है।इसी लिए सावन में साग खाना उचित माना गया है। सावन के महीने में सुबह के समय शिव का ध्यान करने से शिव जी प्रसन्न हो जाते है।
व्रत रखकर दिन के समय सोना नहीं चाहिए है। दिन के समय ना सोएं और सुबह-शाम भगवान की अराधना करें। व्रत के दिन महिलाओं को बाल व नाखून नहीं काटने चाहिए। साथ ही पुरुष भी दाढ़ी ना बनाएं। यह अशुभ माना जाता है और इससे घर में दरिद्रता आती है। व्रत के दिन काले कपड़े नहीं पहनने चाहिए। इससे नकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है।