संतरा ग्रीष्म ऋतु का फल है। इसमें विटामिन ‘सी’ अधिक होता है। संतरे का रस तथा छिलका दोनों ही प्रयोग में लिए जाते हैं। प्रतिदिन संतरा खाने से संक्रामक रोगों से बचाव होता है तथा रोग प्रतिरोधक शक्ति बढ़ती है। इसे खाली पेट खाना ज्यादा लाभदायक है। इसका रस पाचक होता है। इसमें विटामिन ‘ए’ और ‘बी’ साधारण मात्रा में तथा वीटामीन सी विशेष रूप मे पाया जाता हे
संतरे की छिली हुई फांकों पर सोंठ व काला नमक डालकर खाने से एक सप्ताह में ही अपच रोग दूर हो जाता है। 250 ग्राम रस में शक्कर व पानी डालकर शरबत बना लें। इसमें संतरे के छिलके को दबाकर उसकी 2-4 बूंदें डाल दें तथा 1 ग्राम मीठा सोडा डालकर पी जाएं। प्रतिदिन सेवन करने से मेदे की सूजन व पोलिया रोग दूर होता है।
25 ग्राम रस में शहद मिलाकर या एक कप रस में मिश्री मिलाकर हर दो घंटे में से उल्टी बंद हो जाती है। संतरे का रस कुनकुना कर पिलाने से बच्चों के दांत आसानी से निकलते हैं। शिशु के दस्तः मां के दूध के साथ थोड़ा-सा संतरे का रस मिलाकर पिलाने से छोटे बच्चों के दस्त बंद हो जाते हैं।
संतरे के छिलके पीसकर चेहरे पर लगाने मुंहासे झाईं से तथा चेचक के दाग मिट जाते हैं। छोटे शिशु को संतरे का रस प्रतिदिन पिलाने से शरीर हृष्ट-पुष्ट होता है, शरीर का विकास अच्छा होता है, हड्डियां मजबूत होती हैं व रक्त शुद्ध रहता है।
संतरे के छिलके सुखाकर महीन से पीस लें। इस चूर्ण को चाटकर ऊपर से संतरे का रस पीने से गर्भवती को वमन और अतिसार में लाभ होता है। प्रतिदिन एक गिलास रस पीने से तथा इसके छिलके को त्वचा पर रगड़ने से खाज-खुजली ठीक होती है। संतरे की शिकंजी बनाकर पीने से जलोदर रोग ठीक हो जाता है। प्रतिदिन संतरे का रस पीने तथा छिलकों का चूर्ण मंजन में मिलाकर मसूड़ों पर मलने से पायरिया रोग नष्ट होता है। संतरे की फांक चूसने से जी मिचलाना बंद होता है।
संतरे के छिलकों को चार कप पानी में उबालें। पानी जब एक कप रह जाए तब छानकर एक माशा हींग मिला दें। यह पानी दिन में 3 बार 1-1 चम्मच शिशु को पिलाने से पेट के कीड़े मर जाते हैं। संतरे के ताजा छिलके तथा चिरौंजी पीसकर लेप बना लें।
सोते समय यह लेप चेहरे पर लगाएं, सूखने पर छुड़ा दें। प्रात:काल चहरा धोने से कुछ ही दिनों में मुंहासे ठीक होकर त्वचा का रंग निखरता है। ज्वर में प्यास अधिक लगने पर मीठे संतरे का एक गिलास पिलाने से प्यास का शमन होता है।संतरे की फांक छीलकर छाया में सुखा लें। पीसकर कपड़े से छानकर चूर्ण बना लें। पानी के साथ इसका सेवन करने से 1-2 बार के प्रयोग से लाभ होता है।
संतरे का रस और शहद समभाग मिलाकर 2-2 बूंद सुबह और रात को सोते समय आंख में डालने से खुजली, धुंध और कुकरे का रोग दूर होता है। गर्भकाल में संतरे का नियमित सेवन करने से बच्चा स्वस्थ, सुंदर और चमकीली आभा वाला पैदा होता है। प्रतिदिन 2-4 चम्मच संतरे का रस पिलाने से बच्चों को खांसी दूर हो जाती है ।
प्रतिदिन संतरे का सेवन करने से लाभ होता है। एक लीटर संतरे का रस, 250 ग्राम अर्कवेदमुश्क, अर्क केवड़ा 250 ग्राम सबको मिलाकर 30-60 ग्राम की मात्रा लेकर उसमें एक कप पानी मिलाकर प्रतिदिन सेवन करने से दिल घबराना, दिल बैठना, हृदय की गर्मी तथा हृदय संबंधी सभी बीमारियों में लाभ होता है।
एक गिलास संतरे के रस में भुना जीरा, सेंधा नमक मिलाकर पीने से अम्लपित्त या एसिडिटी में लाभ होता है। रस का सेवन सुबह-शाम खाली पेट करें।