Lifestyle

रोजाना 1 मुट्ठी सोयाबीन खाने से मिलते है यह जबरदस्त फायदे जानने के लिए यहा क्लिक करे

विश्व में आज सोयाबीन का इतना बोलबाला है कि आधुनिक संसार में जिन कुछ वनस्पतियों ने सारे मानव समाज का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया है तथा जो वस्तुएं मानवीय शरीर की जीवन रक्षा के लिए बहुमूल्य साबित हुई है, उसमें सोयाबीन भी एक है। यह एक प्रकार का दालदार अन्न होता है।

इसका पौधा मटर के पौधे की तरह होता है तथा इसकी फली और इसके बीज भी मटर से ही मिलते-जुलते होते हैं। अन्तर इतना ही होता है कि सोयाबीन के बीजों में तेल काफ़ी मात्रा में पाया जाता है, मगर मटर के बीजों में तेल नहीं रहता। सोयाबीन के दाने मटर से कुछ छोटे होते हैं।

सोयाबीन का बीज देखने में मटर की तरह गोल, चपटा, अण्डाकृति का, मगर कुछ दबा हुआ होता है। सोयाबीन कई प्रकार का होता है। रंग में यह काला, हरा और पीला तीन प्रकार का होता है। पीले रंग का सोयाबीन देखने, खाने एवं गुणों में सर्वोत्तम होता है ।

सोयाबीन सर्वगुण सम्पन्न होता है। औषधीय उपयोग में सोयाबीन का जितना महत्त्व है, उससे कई गुणा अधिक महत्त्व आहार शास्त्र में है। सोयाबीन में फास्फोरस काफ़ी मात्रा में होता है। इस कारण यह मस्तिष्क तथा मिरगी, हिस्टीरिया, स्मरण शक्ति की कमज़ोरी, सूखारोग और फुफ्फुस सम्बन्धी बीमारियाँ में उत्तम पथ्य का काम करता है। सोयाबीन का आटा तपेदिक की बीमारियों में लाभ पहुंचाता है।

मनुष्य शरीर का पोषण करने के लिए, उसको नीरोग रखने के लिए, उसको पुष्ट और कान्तिवान बनाने के लिए तथा उसमें जीवनी शक्ति और रोग-प्रतिरोधक शक्ति को कायम रखने के लिए जिन-जिन तत्त्वों की आवश्यकता होती है, वे सब सोयाबीन में प्रचुर मात्रा में पाये जाते हैं।

सोयाबीन की विशेषता यह है कि यह शरीर की अम्लता को कम करता है, और क्षार की मात्रा बढ़ाता है। अत: अम्लता बढ़ने से जो रोग पैदा होते हैं, उनसे यह शरीर की रक्षा करता है। कामशक्ति के ऊपर भी सोयाबीन अनुकूल प्रभाव डालता है।

भारत में उड़द बहुत कामशक्तिवर्धक है, लेकिन सोयाबीन उससे डेढ गुना अधिक कामशक्तिवर्धक है। शाकाहारियों के लिए तो यह बल बढ़ाने के लिए आवश्यक है। इसमें पाया जाने वाला प्रोटीन दूसरी सब तरकारियों और अनाजों के प्रोटीन से बढ़िया होता है।

इसका प्रोटीन गाय के दूध के प्रोटीन से मिलता-जुलता होता है। मांस, मछली इत्यादि अपवित्र वस्तुओं में जितना प्रोटीन होता है, उतना प्रोटीन सोयाबीन के द्वारा आसानी से प्राप्त किया जा सकता है। जितने अन्न और शाक होते हैं, उनमें सोयाबीन का प्रोटीन शरीर के पोषण और हजम होने की दृष्टि से उत्तम होता है।

सोयाबीन मधुमेह के लिए एक उत्तम पथ्य है। सोयाबीन में स्टार्च और कार्बोहाइड्रेटस इतने कम रहते हैं कि यह मधुमेह के रोगियों को पथ्य के रूप में निसंकोच होकर दिया जा सकता है।सोयाबीन शरीर में क्षार पैदा करके उस अम्लता को नष्ट कर देता है। मांस, मुर्गी, अण्डा तथा दूसरी चीजें शरीर में अम्लता पैदा करती हैं, लेकिन यह रक्त में क्षार तत्त्व को पैदा करता है, जिससे रक्त की रोगप्रतिहाकर शक्ति बढ़ती है।

मांस में रहने वाला प्रोटीन शरीर में यूरिक एसिड पैदा करके गठिया की बीमारी का मार्ग खोल देता है। यही कारण है कि मांस खाने वालों को गठिया और गुर्दे की बीमारियां अधिक होती हैं। मगर यह एक आश्चर्य की बात है कि सोयाबीन का प्रोटीन यूरिक एसिड को नष्ट करके इन रोगों से मनुष्य की रक्षा करता है।

इसमे से सोयाबीन का दूध बनाने का तरीका इस प्रकार है-14 छटांक पानी को आग पर उबलने के लिए रख दिया जाता है, फिर उसमें चम्मच से थोड़ा-थोड़ा सोयाबीन का आटा डालते जाते हैं और उसे खूब हिलाते जाते हैं।

Hindustan Coverage

Recent Posts

क्या 5 साल से कम उम्र के बच्चों का भी लगेगा ट्रेन टिकट ? जानिए क्या है हकीकत

भारतीय रेलवे की मदद से रोजाना लाखों लोग एक जगह से दूसरी जगह की यात्रा…

1 year ago

जानिए कौन हैं भगवान शिव की पुत्री अशोक सुंदरी ? कैसे हुआ था अशोक सुंदरी का जन्म ?

सावन महीने की शुरूआत हो चुकी है । इस महीने में भगवान शिव की विशेष…

1 year ago

फिर से बदली जा सकती है स्मार्टफोन की बैटरी! जानें इसके फायदे और नुकसान

एक समय था कि जब हम स्मार्टफोन में बैटरी बदल सकते थे। लेकिन स्मार्टफोन ब्रांड…

1 year ago

चंद्रयान-3 आज होगा लॉन्च, जानिए कैसे देख सकते हैं चंद्रयान की उड़ान

भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी ISRO आज चंद्रयान-3 मिशन को आज यानी 14 जुलाई को लॉन्च करने…

1 year ago

सावन का पहला सोमवार आज, जाने पूजन की विधि और महत्व

सावन मास को हिंदू धर्म में सबसे पवित्र महीना माना गया है, और भगवान शिव…

1 year ago

इस शहर मे टमाटर बिक रहे है मात्र 35 रुपये प्रति किलो! जाने क्या है कारण

भारत मे इन दिनों टमाटर के दाम आसमान छु रहे है। लोग टमाटर के दामों…

1 year ago