विमुद्रीकरण के बाद भारत में 500 और 1000 के नोटों पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। लेकिन क्या आप जानते हैं भारत में भी 10 हजार के नोट का इस्तेमाल होता था, जिसे बाद में बंद कर दिया गया।
मुद्रा का उपयोग पूरी दुनिया में चीजें खरीदने के लिए किया जाता है। जब मुद्रा चलन में नहीं थी, तब वस्तुओं को खरीदने के लिए वस्तुओं का उपयोग किया जाता था। इसे वस्तु विनिमय प्रणाली कहा जाता था। इसके बाद कीमती पत्थरों से सामानों की खरीदारी हुई।
पहले सोने और चांदी का इस्तेमाल किया जाता था, जो बाद में सिक्कों में बदल गया। कागज के नोट जल्द ही लागू हो गए। विभिन्न संप्रदायों के नोट प्रसारित होने लगे। नोट का इस्तेमाल माल की कीमत के हिसाब से होता था।
8 नवंबर को नोटबंदी के बाद भारत में 500 और 1000 के नोटों पर बैन लगा दिया गया था। कुछ समय बाद यह रद्दी कागज बन गया। जिस तरह पाबंदी के बाद 500 और 1 हजार के नोट चलन से बाहर हो गए, उसी तरह भारत में भी कई मुद्राएं थीं जिनकी छपाई बंद हो गई।
आज भारत में 5, 10, 20, 50, 100, 200, 500, 2 हजार के नोटों का इस्तेमाल होता है। लेकिन कई साल पहले भारत में भी 10 हजार के नोट छापे जाते थे।
समय और आवश्यकता के अनुसार नोटों की छपाई बंद हो जाती है।
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